Suvichar _ New Emotional Story _ Hindi Story _ Motivational Written Story _ Emotional Kahaniyan 2.o_transcript
मेरा नाम मेघना है मैं एक गरीब फैमिली से
बिलोंग करती थी मेरे पिता शराबी थे और
बहुत ज्यादा बीमार रहते थे मेरी उम्र 30
साल हो चुकी थी उम्र की एक लिमिट पर
पहुंचने के बाद हर इंसान अपने लिए एक लाइफ
पार्टनर तलाश करने लगता है मेरी शादी को 2
साल हो गए थे मेरा पति मेरे करीब नहीं आता
था मैं जॉब करती थी और वह बेरोजगार था
सारा दिन घर में फ्री बैठा रहता था अब
मुझे अपना यह अकेलापन बहुत सताता था मुझे
औलाद की तलब लगने लगी थी अजीब बात तो यह
थी कि जब मैं अपने घर पर आती तो मुझे अपने
पति की शर्ट पर किसी औरत के बाल मिलते थे
पति से पूछती तो वह कहता कि मुझे नहीं पता
एक दिन ऑफिस से आने के बाद मैं नहाने के
लिए बाथरूम में गई तो यह देखकर हैरान रह
गई क्योंकि मेरी नजर एक ऐसी चीज पर पड़ी
थी जो किसी औरत की अभी मैंने अपना इंटर
कंप्लीट ही किया था कि मेरे लिए रिश्तों
की लाइन लग गई लेकिन मेरी भाभी ने हराने
वाले रिश्ते से इंकार कर दिया दिया और कहा
कि अभी मेघना की ज्यादा उम्र नहीं है इस
उम्र में हम उसकी शादी नहीं कर सकते यह
बात तो ठीक थी लेकिन मेरी भाभी की अब यह
बात ज्यादा तूल पकड़ने लगी थी उसके बाद
मैंने एमए भी कंप्लीट कर लिया था लेकिन
फिर मेरी भाभी ने मेरी पढ़ाई का बहाना
लिया और हर रिश्ते को मना करती चली गई मैं
बहुत खूबसूरत थी और बहुत इंटेलिजेंट सिंपल
बिहेवियर की लड़की थी मैं जहां भी जाती थी
लोग मुझे देखते रह जाते थे हर कोई मुझे
देखता तो मेरी तारीफ ी करता रहता था हम
बहुत इज्जतदार लोग थे इसलिए मैं हमेशा
सिंपल कपड़े पहना करती थी मगर लोग मेरे
सिंपल से लुक पर भी मुझे पसंद कर लिया
करते थे वक्त गुजरने लगा और मेरी पढ़ाई
कंप्लीट हो गई थी मैंने टॉप किया था इसलिए
मुझे अच्छी पोस्ट पर जॉब मिल गई थी मैं
भाभी के कहने पर जॉब करने के लिए राजी हो
गई थी वैसे भी हम दोनों के लिए इस दुनिया
में एक दूसरे के सिवा कोई नहीं था मेरे
भैया भाभी की शादी को 5 साल ही गुजरे थे
कि मेरे भैया इस दुनिया को छोड़कर चले गए
मेरे माता-पिता तो पहले से ही नहीं थे हम
दो बहन भाई थे अब भैया के मर जाने के बाद
भाभी और मैं ही इस घर में बचे हुए थे भाभी
ने भैया की विधवा बनकर अपनी सारी जिंदगी
गुजारने का फैसला कर लिया था भाभी का कहना
था कि अगर तुम जॉब नहीं करोगी तो फिर
हमारा गुजारा कैसे होगा उन्होंने कहा कि
अगर मैं तुम्हारी जितनी पड़ी लिखी होती तो
मैं जॉब कर लेती भाभी कभी इस दुनिया में
कोई नहीं था कहने को तो उनके तीन भाई थे
लेकिन कोई भी अपनी बहन को नहीं समझता था
मैं भी अब मजबूर होकर जॉब करने लगी लोग
हैरान थे कि मुझे इतनी बड़ी कंपनी में जॉब
कैसे मिल गई मेरी सैलरी भी बहुत अच्छी थी
और मैं सारे पैसे भाभी को लाकर दिया करती
थी बस कुछ पैसे ही अपने लिए रोक लेती थी
क्योंकि घर के सारे काम तो भाभी को ही
देखने होते थे मेरी पिक एंड ड्रॉप कंपनी
की जिम्मे थी मेरी जॉब देखते हुए मेरे लिए
बड़े घरों से भी रिश्ते आने लगे थे मगर
भाभी हर रिश्ते से इंकार कर दिया करती थी
थी मैं अब इस तरह की जिंदगी से थक चुकी थी
और मुझे भी अब लाइफ पार्टनर की जरूरत थी
जो हमेशा मेरे सुख दुख में मेरा साथ दे
मगर भाभी ने तो जैसे मुझे पैसे कमाने की
मशीन समझ लिया था कई बार तो मैं उनको बंद
शब्दों में भी कह चुकी थी कि मुझे शादी
करनी है मगर वह मेरी बात को एक कान से
सुनकर दूसरे कान से निकाल दिया करती थी
उन्हीं दिनों मेरे ऑफिस में काम करने वाले
एक लड़के ने मुझे प्रपोज किया तो मैं
हैरान रह गई थी वह मुझसे उम्र में बहुत
ज्यादा बड़ा था उसकी पहले शादी हो चुकी थी
और उसकी पत्नी मर चुकी थी उसके मुंह से
शादी का प्रपोजल सुनकर मैं दंग रह गई थी
मेरे तो जैसे पैरों तले से जमीन निकल गई
थी मैं घर आकर अपने कमरे में बंद हो गई और
अपनी किस्मत पर बहुत रोई कल तक अच्छी खासी
खूबसूरत शक्ल पर जवान लड़कों के रिश्ते
आया करते थे और अब भाभी के लालच की वजह से
इस तरह से इजट लोग मुझसे शादी करना चाह
रहे थे मेरी भाभी को तो कोई एहसास ही नहीं
था कि मेरी उम्र निकल लने लगी है मुझे
बहुत तकलीफ हो रही थी कि मेरी भाभी को
मेरा कोई एहसास नहीं है मगर उनको सिर्फ और
सिर्फ पैसे से मतलब था उनका कहना था कि
लोग मुझसे इसलिए शादी करना चाहते हैं
क्योंकि मैं बहुत अच्छी पोस्ट पर हूं अब
तो मेरी प्रमोशन भी हो गई थी हमने अपने घर
को भी अच्छे से बनवाया था ऊपर वाले पोर्शन
में दो कमरे बनवाए थे ताकि ऊपर वाला
हिस्सा किराए पर दे सके यह सब मेरी मेहनत
का नतीजा था मगर अफसोस इस समय मुझे कोई
खुशी और सुकून हासिल नहीं हो रहा था मुझे
तो बस एक ऐसा इंसान चाहिए था जो मेरी
जिम्मेदारी उठा सके और मेरा ख्याल रख सके
अब तो मेरी मांग में काफी सफेद बाल भी आने
लगे थे जिन्हें मैं मेहंदी लगाकर छुपा
लिया करती थी मैं समझ चुकी थी कि भाभी
मेरी शादी अभी होने नहीं देंगी एक दिन तो
मैंने उनको कहा कि आज कुछ लोग आ रहे हैं
मेरे रिश्ते के लिए तो वह यह बात सुनकर तो
मुझ पर बहुत गुस्सा करने लगी बोली तुमसे
जवानी संभल नहीं रही मुझे देख लो जब मैं
विधवा थी तो जवा जवान थी मैंने भी तो किस
तरह से अपनी जवानी को कंट्रोल किया है ना
उनके मुंह से यह सब कुछ सुनकर मुझे बहुत
तकलीफ हुई थी लेकिन मैं बर्दाश्त कर रही
थी मुझे अब हर हाल में शादी करनी थी यह
रिश्ता मेरी फ्रेंड ने अपने देवर के लिए
बताया था मेरी फ्रेंड के देवर की पत्नी मर
चुकी थी उसके पास कोई बच्चा भी नहीं था
मेरी भाभी ने मेरी उम्र निकाल दी थी
इसीलिए मेरी फ्रेंड का कहना था कि अब
तुम्हारी उम्र काफी निकल चुकी है तुम अपने
लिए कुवारे लड़के का ख्याल तो अपने दिल से
निकाल दो और जो मेरा देवर है उसी के साथ
शादी कर लो वह बहुत अच्छा इंसान है उसका
काम भी बहुत अच्छा है वह बहुत अच्छा
बिजनेस करता है तभी मैंने उस लड़की की
फैमिली को बुलवाया था लेकिन मेरी भाभी ने
उन लोगों की खूब इंसल्ट की भाभी ने उन
लोगों से कहा कि तुम लोग हमारे घर इसलिए
रिश्ता लेकर आए हो क्योंकि मेरी नंद अच्छी
पोस्ट पर है तुम लालची लोग हो मैं तुम
लोगों के यहां अपनी नंद का रिश्ता नहीं
करूंगी ऐसी बातें सुनकर भला कौन शरीफ
इंसान बर्दाश्त कर सकता है उन लोगों को भी
गुस्सा आ गया था और वह हमारे घर से चले गए
थे इस रात में अपनी भाभी के सामने खड़ी हो
गई थी भाभी आपने इतना अच्छा रिश्ता ठुकरा
दिया अब देखना मैं खुद ही शादी करके
दिखाऊंगी और आपको छोड़कर इस घर से चली
जाऊंगी मेरी बातें सुनकर भाभी रोने लगी थी
और कहने लगी कि तुम कैसी लड़की हो मुझे
तुम्हारी फिक्र नहीं करनी चाहिए थी
तुम्हें अकेला छोड़कर मुझे शादी कर लेनी
चाहिए थी मैंने सिर्फ तुम्हारी खातिर अपनी
सारी जिंदगी ऐसे ही गुजार दी क्योंकि मेरी
जि जिंदगी तो मेरे पति के मरने के बाद
तबाह हो गई थी लेकिन मैं नहीं चाहती कि
जैसे मैं लावारिस हो गई हूं ऐसे ही तुम भी
हो जाओ भाभी का रोना धोना मुझ पर कोई असर
नहीं कर रहा था हमारे ऊपर वाले पोर्शन में
एक किराएदार लड़का आया था उसका नाम राघव
था वह उम्र में मुझसे 2 साल छोटा था वह
बहुत ज्यादा स्मार्ट था मैं उसे पसंद करने
लगी थी वह भी शायद मुझे पसंद करता था मैं
उसकी नजरों से समझ गई थी एक दिन उसने मुझे
बहाने से अपना नंबर दिया और मैंने उसे कॉल
की मैंने उससे डायरेक्ट पूछा कि क्या तुम
मुझसे शादी करोगे मेरे सवाल को सुनकर तो
वह कंफ्यूज हो गया था और उसने कहा कि क्या
तुम मुझे पसंद करती हो मैंने भी कह दिया
हां मैं तुम्हें पसंद करती हूं उसने कहा
अभी मेरे हालात ठीक नहीं चल रहे मेरी जॉब
भी नहीं है इसलिए गुजारा बड़ी मुश्किल से
हो रहा है मैं आपको कोई सुख कैसे दूंगा
मैंने कहा कि मुझे किसी चीज की कोई कमी
नहीं है मैं खुद जॉब करती हूं और घर चला
सकती हूं अगर तुम राजी हो तो हम आज ही
शादी कर लेते हैं मेरे कहने पर वह काफी
हैरान था और वह शादी के लिए तैयार हो गया
था हमने बिना किसी को बताए मंदिर में जाकर
शादी कर ली थी मैंने अभी राघव से कुछ टाइम
मांगा था क्योंकि मुझे अपने घर में नहीं
रहना था दूसरी जगह रहने का बंदोबस्त करना
था लेकिन राघव ने खुद ही घर का बंदोबस्त
कर लिया मैंने अपना सामान पैक किया और
भाभी से कहा कि मैं किसी काम के सिलसिले
में दूसरे शहर जा रही हूं भाभी को इस बात
पर कोई ऐतराज नहीं हुआ था लेकिन मुझे बहुत
ज्यादा अफसोस हो रहा था कि उन्होंने एक
बार भी नहीं पूछा कि तुम अकेली कहां कैसे
और क्यों जा रही हो क्योंकि वह बेफिक्र
रहती थी मुझे दूसरे शहर जाकर काम करने से
ज्यादा पैसे मिलेंगे उनका मूड भी मेरी तरफ
से ठीक हो गया था मैं समझ गई थी कि भाभी
को मेरे जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता मैं
अपने दिल में बहुत सारा बोझ लेकर इस घर से
निकल रही थी बाहर राघव मेरा इंतजार कर रहा
था और हम दोनों मिलकर इस नए किराए के मकान
में आ गए थे वहां जाकर मुझे एहसास हुआ कि
मेरे साथ काफी बुरा हो चुका है मैंने
महसूस किया कि राघव मुझसे बहुत दूर-दूर
रहता था हम दोनों के बीच वह मोहब्बत नहीं
थी जो नए कपल्स में होती है मगर वह मुझसे
बहुत घबराता था फिलहाल मैंने सोचा शायद हम
दोनों की जल्दी-जल्दी में शादी हुई है
इसलिए वह थोड़ा कंफ्यूज है और इसी वजह से
मैं खामोश हो गई वह मुझे बहुत पसंद था
उसकी पर्सनालिटी बहुत अच्छी थी वह किसी
हीरो की तरह लगता था मैं उसके साथ बाहर
जाती तो लोग हमें अजीब अजीब नजरों से
देखते थे मैंने राघव को बहुत सारी शॉपिंग
करवाई थी और मैं घर का सारा खर्च खुद ही
उठाती थी 15 दिन बाद मैंने भाभी को खुलकर
बताया कि मैंने शादी कर ली है और कहा कि
भाभी आप मुझे अब माफ कर दो मैं आपका खर्च
आपको अब भी दिया करूंगी मगर पहले जितना
नहीं क्योंकि अब मैंने अपना भी घर अलग बसा
लिया था और खर्च भी बहुत थे मेरी बात
सुनकर भाभी को बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया
और वह कॉल पर ही चीखने चिल्लाने लगी थी
उन्होंने मुझे बहुत बुरा भला कहा और मुझे
बहुत कोसा भी था मैं खामोशी से अपने दिल
पर पत्थर रखकर उनकी सारी बातें सुनती रही
मुझे वैसे भी अपनी भाभी से यही उम्मीद थी
राघव के पास कोई काम नहीं था इसलिए वह घर
में ही सारा दिन गुजार दिया करता था या
फिर बाहर अपने दोस्तों के साथ आवारागर्दी
करने के लिए निकल जाया करता मैंने उसे
काफी टाइम तक बर्दाश्त किया फिर एक दिन
मैंने उससे कहा कि आखिर कब तक तुम इस तरह
से खाली बैठे रहोगे उसने मुझसे कहा कि अगर
तुम्हें इस तरह से बुरा लगता हूं तो तुमने
मुझसे शादी ही क्यों की थी मैं उसकी बात
सुनकर दंग रह गई वह मुझसे मोहब्बत नहीं
करता था मगर मेरी इज्जत बहुत करता था अब
भी हम दोनों में एक अजीब तरह की दूरी थी
मैं राघव को छोड़ना नहीं चाहती थी यही
सोचती थी कि उसके लिए मैंने इतना सब कुछ
किया भला मैं उसके बिना कैसे रह सकती हूं
मैंने फैसला कर लिया था कि मैं आइंदा उससे
कोई सवाल जवाब नहीं करूंगी अगर उसने मुझे
छोड़ दिया तो मैं कहीं की नहीं रहूंगी
पहले ही लोग मेरी और राघव की शादी के बारे
में अजीब अजीब तरह की बातें कर रहे हैं
मैं लोगों को बातें बनाने का और कोई मौका
नहीं देना चाहती थी रात को जब मैंने उसी
दिन राघव से माफी मांगी तो वह भी शर्मिंदा
हो रहा था मैं हर वक्त राघव को पैसे दिया
करती थी ताकि उसे मुझसे कुछ मांगना ना
पड़े मुझे डर था कि वह मुझे छोड़ ना दे
इसलिए मैंने उसका जेब खर्च भी बढ़ा दिया
था लेकिन काफी दिनों से मुझे ऐसा लग रहा
था जैसे वह मुझे धोखा दे रहा है क्योंकि
काफी सारी ऐसी बातें मुझे घर में महसूस हो
रही थी मुझे उस पर शक खने लगा था राघव के
पेरेंट्स कभी उससे मिलने नहीं आए थे बस
कभी-कभी वही अपने पेरेंट से मिलने के लिए
चला जाता था वह इसी शहर में रहते थे लेकिन
जब भी वह अपनी फैमिली से मिलने जाता तो
मैं उन सबके लिए गिफ्ट भेजा करती थी शादी
के बाद तो मुझे ऐसा लगता था जैसे अब राघव
को जॉब की कोई जरूरत ही नहीं है उसे सब
कुछ बैठे बिठाए जो मिल रहा था हमारा यह
किराए का मकान छोटा सा था और एक कमरे का
ही था राघव ज्यादातर बेड पर सोया करता था
और मुझे सोफे पर सोने के लिए कहता था मैं
उसकी खुशी के मुताबिक सोफे पर ही सो जाती
थी क्योंकि जैसा व कहता था मैं वैसा ही
करती थी मैंने इस कमरे में एक्सपेंसिव
फर्नीचर डलवाया हुआ था घर का किराया मुझे
कंपनी की तरफ से मिलने लगा था लेकिन बाकी
के खर्चे बहुत थे मैं भाभी के पास बहुत कम
पैसे भेज पाती थी क्योंकि रोज कोई ना कोई
नया खर्चा निकल आता था भाभी से अब मेरी
कोई बातचीत भी नहीं होती थी मैं बस उनके
घर पैसे भिजवा दिया करती थी भाभी को मेरे
बारे में कुछ पता नहीं था कि मैं कहां
रहती हूं वक्त इसी तरह से गुजरने लगा और
मेरी शादी को 2 साल गुजर गए अब मैं भाभी
के साथ-साथ राघव के लिए भी पैसे कमाने की
मशीन बन गई थी मुझसे मेरे कांटेक्ट के लोग
पूछते कि अब तक तुम्हें कोई गुड न्यूज़
क्यों नहीं है तो मैं कंफ्यूज हो जाती थी
कि उन्हें क्या जवाब दूं उनको क्या बताती
कि अभी तक हम दोनों सिर्फ नाम के ही
पति-पत्नी थे एक दिन मेरे पति के पास
अचानक से उसके पेरेंट्स की कॉल आ गई और वह
अपने माता-पिता के पास चला गया दो दिन तक
वो घर पर नहीं आया था उसका कहना था कि
मेरी मां की बहुत ज्यादा तबीयत खराब है जब
वह घर आया तो मैंने उससे कहा कि तुम्हारी
मां की तबीयत कैसी है तो उसने कहा कि मेरी
मां की तबीयत ठीक नहीं है उनका कहना है कि
मैं अब उनके पास ही रहूं मैंने उससे कहा
कि प्लीज तुम मुझे अपने साथ अपने घर लेकर
चलो तो वह मुझसे कहने लगा कि मैं तुम्हें
अपने घर नहीं लेकर जा सकता क्योंकि अभी तक
मैंने तुम्हारे बारे में क्योंकि अभी तक
मैंने तुम्हारे बारे में अपने माता-पिता
को नहीं बताया है अगर मेरी मां को अचानक
से झटका लगेगा कि मैंने शादी कर ली है तो
मेरी मां की तबीयत और ज्यादा बिगड़ जाएगी
उसकी ऐसी बातें सुनकर तो मेरे होश उड़ गए
थे मैं सोचने लगी थी कि भला मैं उसके बिना
कैसे रहूंगी यह ख्याल भी मुझे परेशान कर
जाता था सारी रात मैं सो नहीं सकी थी कि
ना जाने राघव के दिल में क्या चल रहा है
हो सकता है कि वह मुझे छोड़कर अपने
माता-पिता के पास वापस चला जाए क्योंकि
उसकी जॉब ना लगने की वजह से उसके
माता-पिता ने उसको घर से बाहर निकाल दिया
था और फिर वह हमारे घर किराए पर आकर रहने
लगा था मैं समझ गई थी कि उसे मुझसे कोई
प्यार नहीं है अगले दिन मैं ऑफिस गई तो
मेरे सर में बहुत तेज दर्द हो रहा था और
मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ली घर आते ही
मुझे अजीब एहसास हुआ लेडीज परफ्यूम की
खुशबू पूरे रूम में महक रही थी और उसी दिन
मैं समझ गई थी कि अब मुझे फैसला करना ही
होगा क्योंकि मैं अच्छी तरह से समझ गई हूं
कि राघव क्या करना चाह रहा है और वह मेरे
पीठ पीछे इस घर घर में जरूर किसी को
बुलाता है अब मेरे लिए शक की कोई गुंजाइश
नहीं बची थी वह मुझे धोखा दे रहा था मैं
कभी सोच भी नहीं सकती थी उसी दिन मैंने
फैसला कर लिया था कि मैं अपनी सारी तड़पती
हुई ख्वाहिशों को पूरा करूंगी इसलिए मैंने
कोशिश शुरू कर दी थी और प्लान बना लिया था
कि कब रात हो और मैं अपने कदम उठा लूं
मुझे उस जगह का एड्रेस भी मिल गया था मुझे
रात के वक्त जाना था ताकि किसी को कानो
कान खबर ना हो रात को 8 बजे के टाइम पर हम
दोनों पति-पत्नी खाना खाकर सोने के लिए
लेट गए थे मेरा पति सो चुका था जबकि मैं
अपने बिस्तर पर लेटी हुई कब से 12:00 बजने
का इंतजार कर रही थी अभी तो सिर्फ रात के
10 ही बज रहे थे मेरे पति राघव तो सो चुके
थे और मैं चाहती थी कि आज पड़ोस के लोग भी
सब लोग गहरी नींद में सो जाएं यही टाइम था
जब मैं घर से बाहर निकल सकती थी वैसे भी
यहां के लोग जल्दी सो जाया करते थे मैंने
आज सोच लिया था कि किसी ना किसी तरह से
यहां से निकलना जरूर है मेरा पति राघव तो
जल्दी ही सो गया था मैंने हल्के से अपने
पति को ध्यान से देखा कि वह सो रहा है या
नहीं वह बैड पर गहरी नींद में सो रहा था
उसे इस तरह से बेफिक्र से सोता हुआ देखकर
मेरा दिल बहुत तड़पता था जिस इंसान के लिए
मैंने इतना बड़ा कदम उठाया था उसे मेरी
बिल्कुल भी फिक्र नहीं थी कि मुझ पर क्या
बीत रही थी मेरा दिल खून के आंसू रो रहा
था जब राघव को इस तरह से खुद से बेपरवाह
देखा करती थी ना जाने वह मुझे किस बात की
सजा दे रहा था मैं खामोश बैठने वाली
लड़कियों में से नहीं थी बस अब मुझे उस
टाइम का इंतजार है जब मुझे इस घर से
निकलना था मैं बार-बार टाइम देखे जा रही
थी जैसे ही घड़ी में 12:00 बजे का टाइम
हुआ तो मैं उसी टाइम धीरे से उठ बैठी मेरी
नजर अब राघव की तरफ थी कि कहीं वह किसी
आहट से जाग ना जाए धीमे से मैंने अपने पैर
जमीन पर रखे और चप्पल पहनकर दबे पैरों से
कमरे से बाहर निकल आई मेरा दिल जोर-जोर से
धड़कने लगा था हाथ पैर भी कांप रहे थे मगर
मुझे हर हाल में आज घर से निकलना ही था था
मैंने कमरे से निकलकर पीछे मुलक देखा राघव
अभी भी गहरी नींद में सोया हुआ था और
जोर-जोर से मुझे उसकी खर्राटों की आवाज आ
रही थी मैंने धीमे से घर का दरवाजा बंद
किया और चारों तरफ देखकर निकल आई थी इस
टाइम मुझे गली में कोई नजर नहीं आ रहा था
सारी गली सुनसान पड़ी हुई थी मैं
जल्दी-जल्दी कदम उठाती हुई सीधी चलती चली
जा रही थी कभी-कभी डर की वजह से पीछे
मुड़कर देख भी रही थी कि कहीं कोई मेरे
पीछे तो नहीं आ रहा मगर वहां तो कोई भी
नहीं था मेरी बहुत बड़ी मजबूरी थी जिसने
मुझे रात के टाइम पर निकलने पर मजबूर कर
दिया था औरत की भी एक अजीबी कहानी होती है
वह रात के इस टाइम पर घर से निकलती है तो
कैरेक्टर लेस और बिगड़ी हुई कहलाई जाती है
और अगर मर्द इस वक्त घर से निकलता है तो
उसके कैरेक्टर पर कोई सवाल नहीं उठाता मगर
आज मुझे कोई भी डर नहीं था क्योंकि वहां
जाने से मुझे कोई नहीं रोक पा रहा था मेरे
अंदर की औरत जाग चुकी थी मैं बहुत तेज कदम
उठा रही थी ताकि जल्द से जल्द वहां पहुंच
सकूं लगभग 5 किलोमीटर का रास्ता मुझे पैदल
ही तय करना पड़ा था क्योंकि रात के इस
टाइम पर कहीं भी कोई रिक्शा या ऑटो नजर
नहीं आ रहा था और मुझे सुबह होने से
पहले-पहले ही वापस आना था ताकि किसी को
कानों कान कोई खबर ना हो वैसे भी मेरा पति
तो सुबह को 10:00 बजे से पहले नहीं उठता
था मगर मुझे मोहल्ले वालों का डर था
क्योंकि हमारे मोहल्ले के लोग जल्दी उठ
जाते थे मैं इतनी तेज चल रही थी कि मैं
गिरते-गिरते भी बच गई थी हर जगह कोई ना
कोई पत्थर मेरे रास्ते में आ जाता था मुझे
चलने में बहुत प्रॉब्लम हो रही थी इससे भी
कहीं ज्यादा बड़ी प्रॉब्लम तो मेरी जिंदगी
में आ गई थी जिनको मुझे फेस करना था और
कितनी प्रॉब्लम्स को तो मैं बर्दाश्त कर
लिया करती थी एक लम्हे को तो मेरे कदम लड़
खड़ाने लगे थे कि ना जाने अब क्या होगा
लोग क्या कहेंगे हर कोई मेरे कैरेक्टर पर
उंगली उठाएगा एक पल को तो मैं सोचने लगी
थी कि वापस घर चली जाती हूं फिर मुझे वो
धोखा और बेवफाई याद आ गई जो मुझे अपने पति
से शादी करने के बाद मिल रही थी वह इंसान
जिसे मैंने बहुत चाहा था उसने मेरी झोली
में एक पल की भी मोहब्बत नहीं डाली थी
इसला पर व इंसान के लिए मैंने क्या नहीं
किया था मैंने उस इंसान के लिए खुद को भी
मार डाला था यह सब जब मुझे याद आता तो फिर
मैं तेज कदम से चलने लग जाती थी मेरे दिल
दिमाग में जो डर था वह अब खत्म होता चला
जा रहा था चलते-चलते आखिरकार में अपनी
मंजिल तक पहुंची गई थी इस जगह को देखकर
मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा था मैं
ठीक कर रही हूं या नहीं यह ख्याल बार-बार
मेरे दिल में आ रहा था और मुझे ठंडे-ठंडे
पसीने भी आ रहे थे यह बहुत बड़ा पाप है यह
आवाज मेरे कानों में बार-बार आए जा रही थी
जैसे कोई मुझे रोक रहा था मैं भी तो क्या
करती मैं अपनी ख्वाहिशों को कब तक दबाती
रहती आखिर मैंने अपने कानों पर हाथ रख लिए
और कदम बढ़ाने लगी थी जैसे-जैसे मैं आगे
बढ़ रही थी मेरे अंदर की आवाज दम तोड़ती
जा रही थी चलते-चलते मेरे पैरों में दर्द
होने लगा था मैं यही सोच रही थी कि मैं
जिसके लिए यहां आई थी क्या वह भी मेरी इस
तकलीफ को समझ पाएगा यह सवाल मेरे दिल में
बार-बार उठ रहा था मगर मुझे कोई परवा नहीं
थी वैसे भी आज तक किसी ने मेरे बारे में
सोचा ही कहां था मैंने डरते डरते उस लोहे
के दरवाजे को बजाया था और जैसे ही दरवाजा
खुला मैं अपने सामने उसे देखकर रह ना सकी
और जल्दी से उसकी तरफ बढ़ी दिल निकलने
वाला था मैं बड़ी मुश्किल से वहां से निकल
कर आई थी अब कोई घबराहट मेरे दिल में नहीं
थी मेरे दिल दिमाग में बस सुक खून ही
सुकून छा गया था खुशी मेरे अंग-अंग से फूट
रही थी मैं जल्दी-जल्दी कदम उठाती जा रही
थी अभी काफी अंधेरा था ज्यादा चलने की वजह
से मेरी टांगों में दर्द बढ़ता चला जा रहा
था मगर मैं एक पल को भी नहीं रुकी थी
मैंने दुपट्टे से अपने चेहरे को छुपाया
हुआ था मुझे डर था कि पूरी तरह से दिन ना
निकल आए और चारों तरफ रोशनी ना फैल जाए
मैं उससे पहले ही अपने घर पहुंच चुकी थी
घर पहुंचते ही मैंने सुकून भरा सांस लिया
और बिस्तर पर लेट गई थी अब मुझे महसूस हो
रहा था कि मैं कितनी थक चुकी हूं मगर मैं
बहुत ज्यादा खुश थी अब मैं इसके बिना एक
पल भी नहीं गुजार सकती थी मेरी दिल
ख्वाहिश पूरी हो गई थी अब मेरे पैर जमीन
पर टिक नहीं रहे थे मैंने सोच लिया था कि
अब मैं इसे अपने घर में ही रखूंगी क्योंकि
मुझे अब अपने पति की कोई परवा नहीं थी
मैंने अपने पति की तरफ देखा तो वह अभी तक
खराटे लेकर सो रहा था मुझे अपने पति से
अजीब सी नफरत होने लगी थी यह वही इंसान था
जिसकी मोहब्बत में मैंने अपना घर और अपनी
विधवा भाभी तक को छोड़ दिया था मेरी विधवा
भाभी जिसने मेरी खुशी की खातिर अपनी जवानी
बर्बाद कर दी और शादी भी नहीं की और यह था
कि मेरे सारे एहसानों को भुला बैठा था मैं
राघव के इश्क में अंधी हो चुकी थी हर टाइम
उसे खुश करने के लिए सोचती रहती थी हर
टाइम उसकी खुशी के लिए कुछ ना कुछ करती
रहती थी मगर काफी दिनों से मुझे कुछ अजीब
सी गड़बड़ का एहसास होने लगा था मैं जब भी
ऑफिस से थकी आरी घर आती थी तो मुझे लगता
था जैसे कोई मेरे पीठ पीछे यहां आया था
मैं अपने पति से पूछती थी कि क्या मेरे
पीछे घर पर कोई आया था तो वह हर बार इंकार
कर दिया करता था वह हर बार यही कहता था कि
भला हमारे घर में कौन आ सकता है लेकिन एक
दिन जब मैं राघव के कपड़े धो रही थी तो
मुझे बड़ी हैरानी का झटका लगा था क्योंकि
उनकी शर्ट पर कुछ लिपस्टिक के निशान थे और
दूसरी शर्ट पर मुझे लंबे-लंबे से बाल मिले
थे जबकि मेरे बाल तो इतने लंबे नहीं थे
जितना लंबा बाल मुझे अपने पति की शर्ट से
मिला था फिर अगले दिन जब मैं बेडशीट चेंज
कर रही थी तब मुझे बेड से कोई चीज गिरती
हुई महसूस हुई छन की आवाज पर मेरा ध्यान
जमीन पर गया था फर्श पर एक चूड़ी का
टुकड़ा गिरा हुआ था मैंने उसे उठाकर देखा
यह मेरी चूड़ी का टुकड़ा नहीं था मेरे पास
तो इस तरह की कोई चूड़ी भी नहीं थी भला यह
किसकी चूड़ी थी और यह हमारे बेड पर क्या
कर रही थी अजीब अजीब तरह के ख्याल मुझे
परेशान कर रहे थे मैंने उसी टाइम अपने पति
को कॉल मिलाई और कहा कि जल्दी से घर आओ
मेरा पति अपने दोस्तों से मिलने के लिए
गया हुआ था उसके घर पर आते ही मैंने उसे
वह टूटा हुआ चूड़ी का टुकड़ा दिखाया और
कहा कि ये चूड़ी का टुकड़ा किसका है और
यहां कैसे आई जबकि मैं कपड़े तो धो चुकी
थी इसलिए वह शर्ट वाली लिपस्टिक और बाल
नहीं दिखाया था मैंने बड़े गुस्से से अपने
पति से यह सवाल किया था मैंने देखा था कि
मेरे पति के चेहरे के एक्सप्रेशन बदल गए
थे मगर अगले ही पल वह नॉर्मल हो गया उसने
मुझसे कहा कि अरे मैं तो भूल गया था मैंने
तो यह चूड़ियां तुम्हारे लिए ही खरीदी थी
मुझसे गलती से ये चूड़ियां टूट गई थी
इसलिए मैंने तुम्हें इन चूड़ियों के बारे
में नहीं बताया था यह बात कहकर मेरा पति
हंसने लगा उसकी बात पर मुझे यकीन नहीं आया
था लेकिन मैं खामोश हो गई थी क्योंकि मुझे
साफ-साफ उसके चेहरे से जाहिर हो रहा था कि
वो मुझसे झूठ बोल रहा है आज तक वह मेरे
लिए एक कील तक तो लेकर नहीं आया था भला
चूड़ कैसे ला सकता था लेकिन अब मैं काफी
सावधान हो गई थी क्योंकि काफी दिनों से
मुझे अपने कमरे में कुछ अजीब सी स्मल का
भी एहसास हो रहा था अगले दिन मैंने फिर से
अपने पूरे कमरे का जायजा लिया मैं ध्यान
से घर की सफाई नहीं करती थी क्योंकि मुझे
ऑफिस भी जाना होता था लेकिन आज जब मैंने
ठीक तरह से अपने कमरे की सफाई की तो मैं
हैरान रह गई थी क्योंकि मुझे बैड के नीचे
से किसी लड़की का ब्रेसलेट भी मिला था यह
ब्रेसलेट किसी लड़की का ही था मैं बड़े
अफसोस में होकर इस ब्रेसलेट को देख रही थी
क्योंकि यह ब्रेसलेट मेरा नहीं था मुझे
यकीन नहीं आ रहा था कि मेरा पति मुझे धोखा
भी दे सकता है क्योंकि मेरा सारा अंदेशा
तो इसी बात पर हो रहा था मैंने इस टाइम
राघव से सवाल किया तो वह मुझसे नाराज हो
गया और कहने लगा कि तुम मुझ पर शक कर रही
हो मुझे क्या पता कि यह ब्रेसलेट किसका है
यह ब्रेसलेट तुम्हारा भी तो हो सकता है ना
अपने पति की बात सुनकर मुझे गुस्सा तो
बहुत आया था उसे अच्छी तरह से पता था कि
मैं ब्रेसलेट नहीं पहनती मैं उससे क्या
कहूं कि तुमने मुझे हकी कहां दिया है तुम
तो मुझे कभी ध्यान तक से नहीं देखते हो
तुम्हें मेरी चीजों के बारे में कैसे पता
होगा मैं उसी टाइम अपना मूड खराब करके
वहां से निकल गई मगर अब मुझे पता करना ही
था कि मेरे पीठ पीछे इस घर में क्या होता
था और कौन था जो मेरे पति से मिलने आता था
अगली सुबह जब मैं नहाने के लिए बाथरूम में
गई तो जो कुछ मैंने वहां पर देखा उसे
देखकर तो मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई
थी क्योंकि वहां पर तो एक लड़की की ड्रेस
टंग रही थी भला मेरे इस घर में लड़की की
ड्रेस का क्या काम था अब मुझे अपना यह कदम
उठाकर अफसोस नहीं हो रहा था क्योंकि मैं
समझ गई थी कि मेरा पति धोखेबाज आदमी है और
उसका किसी औरत के साथ अफेयर चल रहा है व
इसे मेरे पीठ पीछे घर में बुलाता है दरअसल
मैं जहां पर गई थी वह एक छोटा और पुराना
सा घर था यह पुराना सा घर एक नर्स का था
जहां उसने मेरे लिए एक बच्चे का अरेंजमेंट
कर दिया था जी हां उस रात में उसी बच्चे
से मिलने के लिए गई थी मेरी ममता और मेरे
पति का दिया हुआ धोखा मुझे खींच करर वहां
तक ले गया था मुझे अपने पति पर तो काफी
दिनों से शक हो रहा था मैं समझ गई थी कि
वह बहाने बहाने से मुझे छोड़ने की कोशिश
कर रहा रहा है इसलिए मैंने अपने जीने के
सहारे को तलाश कर लिया था मैंने किसी के
थ्रू एक बच्चे का अरेंजमेंट करवा लिया था
उसने मेरा कांटेक्ट इस नर्स से करवाया और
इस नर्स ने मेरे लिए अस्पताल से बच्चा
लाकर अपने घर में रख लिया था मैं इस बच्चे
को अपने साथ अपने घर लेकर आई थी और बड़ी
खामोशी से मैंने इसे बिस्तर पर लिटा दिया
था और मैं जब नहाने गई तो यह सब कुछ देखकर
हैरान रह गई थी मैंने इस बारे में अपने
पति से कोई बात नहीं की थी क्योंकि अपने
पति से किसी भी तरह का सवाल जवाब करने से
मुझे कोई फायदा नहीं मिलने वाला था मुझे
अफसोस हो रहा था कि मैंने कितना गलत कदम
उठाया इस घटिया इंसान के साथ मोहब्बत करके
और इस पर भरोसा करके अब मैं सिर्फ अपने
बारे में ही सोचूंगी और इसी बच्ची के साथ
अपनी आने वाली जिंदगी को गुजारना चाहती
हूं अगर मेरा पति मुझे चाहे तो छोड़ सकता
है मैं खुशी-खुशी उससे अलग हो जाऊंगी
क्योंकि मैंने अपने लिए बच्चे का
अरेंजमेंट कर लिया और अब मैं इसकी मां हूं
यह बच्चा बहुत प्यारा था मैं उसे देखकर रह
नहीं पाई थी मैंने नर्स को उसकी मुंह
मांगी कीमत दे दी थी दिन निकला और मेरा
पति जाग चुका था जब उसने इस बच्चे को देखा
तो वह भी हैरान रह गया और कहने लगा कि यह
बच्चा किसका है और कहां से आया मैंने उसे
सब कुछ बता दिया था कि यह मेरा बच्चा है
मैं जानती थी कि मेरा पति मुझे कभी किसी
दूसरे का बच्चा लाने नहीं देगा क्योंकि
राघव को यह भी पता था कि मैं अकेले ही जॉब
करती हूं और अगर घर में बच्चा आ गया तो
मेरा ध्यान जॉब से हटकर और राघव से हटकर
बच्चे पर लग जाएगा मुझ मुझे पता था कि वह
कभी भी इस बच्चे को एक्सेप्ट नहीं करेगा
और ना ही मुझे इस बच्चे को लाने देगा
इसलिए तो मैं बड़ी खामोशी के साथ रात के
अंधेरे में जाकर इस बच्चे को घर लेकर आ गई
थी अब यह बच्चा घर पर आ गया था तो मैं
इसकी मां थी राघव मुझसे झगड़ा करने लगा और
कहने लगा कि मैं तुम्हें छोड़ दूंगा मैंने
उससे कहा कि बेशक तुम मुझे बहुत आसानी के
साथ छोड़ सकते हो क्योंकि मैं तुम्हारी
सारी हरकतों को समझ चुकी हूं मैंने उसे वो
ड्रेस दिखाई जो बाथरूम में टंगी हुई थी
राघव उसे देखकर हैरान रह गया और आज वह फिर
से पहले की तरह झूठ बोलने लगा कि मुझे
नहीं पता कि यह कहां से आई तुम्हारी ही
होगी मैंने कहा राघव बस तुम्हारा झूठ बहुत
हो चुका तुम्हारे इसी झूठ से तंग आकर
मैंने इतना बड़ा कदम उठाया क्योंकि तुम
कभी मेरे पति बन ही नहीं सके तुम कभी मेरे
क्लोज ही नहीं आए तुमने मुझे कभी वह
मोहब्बत ही नहीं दी जो एक पति अपनी पत्नी
को देता है तुमने कभी मुझे पत्नी होने का
हक नहीं दिया तुम मुझे सिर्फ इसीलिए पसंद
करते हो क्योंकि मैं जॉब करती हूं और पैसा
कमाती हूं और तुम्हारा पूरा खर्च उठाती
हूं तुम्हें तो कोई और पसंद है जिसे तुम
इस घर में लाते हो और उसके साथ अपनी सारी
ख्वाहिशों को पूरा करते हो मुझे नहीं पता
था कि तुम मेरे साथ इतना बड़ा धोखा करोगे
वरना मैं कभी तुमसे शादी करने का कदम ना
उठाती तुम जहां जाना चाहो वहां जा सकते हो
लेकिन यह बच्चा इस घर में ही रहेगा और मैं
इसकी मां बनकर इसकी परवरिश करूंगी क्योंकि
अब इसके अलावा मेरा इस दुनिया में कोई
नहीं मैंने तो सोचा था कि मेरा इस दुनिया
में तुम्हारे अला अलावा कोई नहीं है लेकिन
तुमने अपनी औकात दिखा दी तुम पिछले 2 साल
से मुझसे हर बात पर झूठ बोलते चले आ रहे
हो और तुम्हें क्या लगता है कि तुम मुझे
बेवकूफ बना रहे थे मैं बेवकूफ नहीं बन रही
थी बस चाहती थी कि तुम सुधर जाओ और तुम
मुझे एक्सेप्ट कर लो लेकिन तुमने तो कभी
मुझे पत्नी वाला हक दिया ही नहीं तुम्हारी
इन्हीं बातों से तंग आकर मैंने इस कदम को
उठाया आज मैंने राघव से बहुत गुस्से में
बात की थी और वह भी मुझे गुस्से से बुरा
भला कहने लगा था राघव गुस्से में आकर घर
छोड़कर जा चुका था ऐसा नहीं था कि मैं
बहुत कमजोर थी इस बच्चे को पाकर में और भी
ज्यादा मजबूत बन गई थी कहते हैं ना कि
जिसके हाथ में पैसा होता है वह मजबूत होता
है उसे कभी-कभी रिश्तों की भी जरूरत नहीं
होती मेरा पति मुझे छोड़कर जा चुका था
मैंने उससे कह दिया था कि व जल्दी मुझे
तलाक देकर आजाद कर दे क्योंकि मैं अब उस
जैसे घटिया इंसान के साथ और अपनी जिंदगी
नहीं गुजार सकती एक हफ्ते तक मैं अपने
बच्चे के साथ रही यह बहुत प्यारा और मासूम
सा बच्चा था लेकिन कहीं ना कहीं मुझे इस
बच्चे को अपने पास लाकर एक अजीब सा डर लग
रहा था मुझे लगा कि कहीं इस नर्स ने पैसों
की खातिर किसी मां की सोनी गोद तो नहीं
उजाड़ दी यह ख्याल मुझे बार-बार आ रहा था
मैंने नर्स को कॉल की और उसे पूरी बात
बताई उसने मुझसे कहा कि मैं बहुत ईमानदार
इंसान हूं मैं भगवान की कसम खाकर कहती हूं
कि मैंने किसी की सोनी गोद नहीं उजाड़ी इस
बच्चे की मां ने बच्चे के जन्म के बाद
अस्पताल में दम तोड़ दिया था इसका बाप
शराबी था उसे अपनी पत्नी की कोई फिक्र
नहीं थी इसलिए वह अपने मासूम से बच्चे और
अपनी मरी हुई पत्नी को छोड़कर चला गया था
हम अस्पताल के लोगों ने इस बच्चे की मां
की बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया
था हमने काफी दिनों तक इस बच्चे के पिता
का इंतजार किया मगर कोई भी इस बच्चे को
लेने के लिए नहीं आया डॉक्टर ने इस बच्चे
को मेरे हवाले कर दिया था क्योंकि हमारे
अस्पताल में गैर कानूनी काम नहीं होता मैं
काफी दिनों से इस बच्चे की देखभाल कर रही
थी लेकिन जब मुझे किसी ने बताया कि आप इस
बच्चे को खरीदना चाहती हैं तो मैंने कुछ
पैसे वसूलने के लिए इस बच्चे को आपको दे
दिया क्योंकि मैं भी गरीब हूं और जब से इस
बच्चे का जन्म हुआ है लगभग 15 दिन हो गए
तभी से ही मैं इस बच्चे का खर्च खुद उठा
रही हूं मैंने इसीलिए आपसे पैसे लिए थे
क्योंकि मेरा भी तो कुछ हक बनता है नर्स
की बात सुनकर मैंने कॉल कट कर दी थी लेकिन
मेरा दिल इस बच्चे के लिए बहुत ज्यादा
दुखने लगा था मुझे लगता था कि शायद इस
दुनिया में सिर्फ मेरे पास ही बहुत ज्यादा
दुख है और मैं अकेली हूं जिसके पास
माता-पिता नहीं है मेरे पास तो एक भाभी थी
जिसने मुझे मां और पिता दोनों का प्यार
दिया मैं ठीक से जवान नहीं हुई थी जो मेरे
भैया भाभी को छोड़कर चले गए थे भाभी ने
अकेले ही ना जाने किस-किस तरह से मुझे
पढ़ाया लिखाया था और मैं उन बेचारी को
छोड़कर राघव जैसे घटिया इंसान के साथ शादी
करके इस घर में आ गई थी शायद मुझे मेरी
भाभी की बददुआ लगी थी और यह बच्चा यह तो
अभी कुछ जानता भी नहीं यह बेचारा तो जन्म
के वक्त से ही लावारिस हो गया था इस
बेचारे की मां मां मर गई थी और इसके पिता
ने कभी इसकी तरफ पलट कर नहीं देखा मुझे इस
बच्चे पर बहुत अफसोस हुआ था मेरी आंखों
में आंसू आ गए थे इस मासूम बच्चे ने अभी
तक दुनिया में कुछ देखा भी नहीं था और अभी
से ही इसके माता-पिता इससे छिन गए थे
लेकिन मैंने फैसला किया था कि मैं इसका
पिता और मां दोनों बनकर दिखाऊंगी और इसकी
परवरिश करूंगी क्योंकि मुझ पर ममता का
जुनून सवार था और अब तो इस बच्चे के
लावारिस होने की खबर सुनकर तो मैं इस
बच्चे से और भी ज्यादा प्यार करने लगी थी
राघव मुझे डिवोर्स दे चुका था और मुझे इस
बच्चे की परवरिश करते हुए लगभग तीन महीने
गुजर चुके थे मैं इस बच्चे को अपने साथ
जॉब पर लेकर जाती थी इस बच्चे की वजह से
मेरी जॉब में भी दिक्कत आ रही थी एक दिन
मेरे पास राघव की कॉल आई उसने मुझसे कहा
कि मैं तुम्हें एक्सेप्ट करना चाहता हूं
वह अपनी गलती की मुझसे माफी मांग रहा था
लेकिन मैंने उसे माफ नहीं किया मैंने उससे
कहा कि मैं तुम जैसे धोखेबाज इंसान के साथ
बिल्कुल नहीं रहना चाहती यही मेरा बच्चा
है और यही मेरा सहा हारा है राघव ने
एक्सेप्ट कर लिया था कि उसका उसकी एक
पुरानी दोस्त के साथ अफेयर चल रहा था
लेकिन जब उसे पता चला कि मैंने खुद उसे
प्रपोज किया और उसे यह भी कहा कि मैं उसका
सारा खर्च उठाने के लिए तैयार हूं तो वह
लालच में आकर मुझसे शादी करने के लिए
तैयार हो गया था इसी तरह से वह मेरी कमाई
पर ऐश करता रहा क्योंकि उसकी जिंदगी अच्छी
गुजर रही थी उसे लगता था कि कभी मुझे उस
पर शक नहीं होगा और मैं कभी उसे नहीं छोड़
सकती लेकिन मैंने ऐसा कर दिखाया था राघव
को अपनी गलती का एहसास हो गया था लेकिन
मैंने उसे माफ नहीं किया और ना ही कभी
दोबारा उसके बारे में सोचा मैंने उसको
उसके हाल पर छोड़ दिया था मैंने अपने बेटे
का नाम कुशाल रखा था और मैंने भी फैसला कर
लिया था कि मैं अब अपनी भाभी के पास
जाऊंगी क्योंकि मैंने उस घटिया इंसान के
लिए अपनी भाभी को छोड़ दिया था शायद मुझे
अपनी भाभी का दिल दुखाने की सजा मिली थी
मैं जब भाभी के घर पर गई तो देखा कि भाभी
की हालत बहुत खराब थी भाभी बहुत ज्यादा
बीमार थी भाभी मुझसे लिपटकर जोर-जोर से
रोने लगी और उन्होंने मुझसे अपनी गलती की
माफी मांगी उन्होंने घर की जरूरत की खातिर
मेरा हक मारा उन्हें डरता कि अगर मैंने
शादी कर ली तो उनके घर का खर्च कैसे चलेगा
जबकि गलती तो मेरी भी थी मैंने भाभी का
हाथ थाम लिया और उनसे माफी मांगनी शुरू कर
दी मैं अपनी ख्वाहिशों की खातिर लालची हो
गई थी विधवा भाभी को मैंने बेसहारा कर
दिया था आखिर उनका इस दुनिया में मेरे
अलावा था ही कौन मैंने भाभी के साथ रहने
का फैसला कर लिया था जब मैं मैंने भाभी को
अपना बच्चा दिखाया तो उन्हें लगा कि यह
मेरा और राघव का बच्चा है लेकिन मैंने
उन्हें सब कुछ बता दिया था मेरी भाभी भी
तो सारी उम्र औलाद के लिए तरसती आई थी
भाभी ने कहा कि हम दोनों मिलकर इस बच्चे
की परवरिश करेंगे अब मैं जॉब करती हूं और
भाभी मेरे बच्चे का बहुत ख्याल रखती है इस
बच्चे की सगी मां भले ही जन्म के वक्त मर
गई हो लेकिन इसको प्यार करने वाली एक नहीं
बल्कि दो-दो माएं हैं अब हम दोनों माएं
मिलकर अपने बेटे का बहुत ख्याल रखते हैं
मैंने आज आज तक शादी नहीं की क्योंकि मैं
अब शादी नहीं करना चाहती मैं अपने इस
बच्चे के सहारे ही अपनी पूरी जिंदगी गुजार
देना चाहती हूं मैं मेरी भाभी और मेरा
बेटा हम तीनों की जिंदगी बहुत अच्छी गुजर
रही है दोस्तों उम्मीद करती हूं आपको
हमारी कहानी पसंद आई होगी कहानी पसंद आई
है तो वीडियो को लाइक करें चैनल पर नए हैं
तो चैनल को सब्सक्राइब करें और हां
नोटिफिकेशन बेल को जरूर दबाएं ताकि अगली
अपडेट सबसे पहले आपको
मिले
Comments
Post a Comment