Suvichar _ Emotional Kahaniyan _ Hindi Kahani _ Motivational Hindi Story Written _ Kahaniyan 2.o_transcript
मेरा नाम रूपाली है मेरी बहू हर शनिवार को
सफेद रंग की साड़ी पहनकर खुद को अपने कमरे
में बंद कर लेती और किसी को भी शोर करने
या फिर कमरे के आसपास आने के लिए सख्ती से
मना कर दिया करती थी मेरा बेटा भी बाहर से
ताला लगा दिया करता था और वह खुद सारी रात
दरवाजे के बाहर बैठकर कमरे की रखवाली करता
था ताकि कोई भी ताला खोलने की कोशिश ना कर
पाए यहां तक कि मेरे बेटे के होते हुए कोई
भी कमरे के आसपास नहीं भटक सकता था
क्योंकि मेरा बेटा पहरा ही इस तरह से दिया
करता था यह बात मुझे बहुत अजीब सी लगती थी
जबकि घर में मेरी बड़ी बहू के दो बच्चे भी
मौजूद थे बच्चे भी अगर कमरे के इर्दगिर्द
जाते तो मेरा बेटा उन्हें बहुत डांट दिया
करता था मैं अगर अपने बेटे से इस बारे में
कुछ पूछती तो वह मुझे दूसरी बातों में
लगाकर मेरे दिमाग से इस बात को निकलवाने
की कोशिश करता था और अगर मेरी बेटी या फिर
मेरी बड़ी बहू इस बारे में पूछती तो वह
उनको ड दिया करता था कहता था कि अपने काम
से काम रखा करो घर में हम सभी लोग अपने
बेटे की इस हरकत से बहुत तंग आ गए थे मेरा
बेटा अपनी बहन से कहता कि अपनी भाभी को इस
दिन तंग मत किया करो वरना उसके काम में
कुछ परेशानी आ जाएगी मैं यह सोचकर परेशान
हो जाती कि आखिर कमरे को बंद करने के बाद
मेरी बहू ऐसा कौन सा पर्सनल काम करती है
कि उसके पति को दरवाजे पर पहरा देना पड़ता
है हालांकि इस बारे में तो हम लोगों को
बात करने की भी परमिशन नहीं थी मेरा बेटा
हम सब लोगों को डांट दिया करता था वह कहता
था कि इस बारे में घर में कोई भी बातचीत
नहीं होगी हम लोग सोच सोचकर पागल हो चुके
थे बंद कमरे के अंदर ऐसा भी क्या काम होता
है जो किसी के सामने नहीं हो सकता या फिर
इस काम के बारे में किसी को बताया भी नहीं
जा सकता मुझे कभी-कभी अपने बेटे की पत्नी
पर बहुत शक होता था पर मैं खामोश रहती थी
क्योंकि मेरा बेटा भी तो अपनी पत्नी पर
बहुत भरोसा करता था मैं नहीं चाहती थी कि
मेरे बहू बेटे में आपस में लड़ाई झगड़ा हो
जाए और फिर इन दोनों का घर खराब हो जाए और
यही सबसे बड़ी वजह थी कि जब मेरे बेटे को
ही कोई ऐतराज नहीं था तो फिर मैं भला क्या
कह सकती थी मेरी हैसियत ही क्या थी मेरा
बड़ा बेटा भी एक्सीडेंट में मर चुका था और
मेरे पति भी इस दुनिया में नहीं रहे थे हम
इतने सारे लोगों का बोझ मेरा बेटा अकेला
ही तो उठा रहा था घर की सारी जिम्मेदारी
मेरे इकलौते इसी बेटे के कंधों पर थी फिर
मुझे एक दिन अपनी जवान बेटी की शादी भी
करनी थी और मेरी बड़ी बहू के दो बच्चे भी
थे जो स्कूल में पढ़ते थे उनका भी सब कुछ
खर्च मेरा बेटा ही देखता था अब तो उसकी भी
पत्नी आ गई थी उसके अपने भी बहुत खर्चे थे
मेरी बहू वैसे तो नॉर्मल ही रहती थी और
रंग बिरंगे कपड़े पहनती थी लेकिन शनिवार
की रात को उसके रंग ढंग ही बदल जाते थे
सिर्फ इतना ही नहीं था मैंने अपने बेटे को
भी बड़ी अजीब तरह से रिएक्ट करते हुए देखा
था वह रात के 10:00 बजते ही दरवाजे के
बाहर बैठकर पहरा देना शुरू कर देता था मैं
एक बार जल्दी ही सो गई थी फिर अचानक रात
के 10:00 बज रहे थे जब मेरी आंख खुल गई
मैं अपने कमरे से किसी काम के लिए निकली
थी और यह देखकर हैरान रह गई कि दरवाजे पर
मेरा बेटा बैठा हुआ है बाहर बहुत ज्यादा
सर्दी हो रही है फिर भी मेरा बेटा खुले
हुए आंगन में दरवाजे पर बैठा हुआ था मैं
परेशानी से अपने बेटे के पास गई और उससे
कहने लगी आरुष तुम इतनी रात को इतनी सर्दी
में अपने कमरे के दरवाजे पर बैठकर क्या कर
रहे हो तो उसने मुझे इ से खामोश रहने के
लिए कहा लेकिन मैं अपने बेटे को इस तरह से
इतनी ठंड में ठिठ करता हुआ देखकर हैरान रह
गई थी मेरे दिल में तो कई तरह के सवाल
पैदा होने लगे थे कि ना जाने अचानक मेरे
बेटे को क्या हो गया एकदम ही मेरा ध्यान
बहू की तरफ चला गया था कि कहीं बहू को तो
कुछ नहीं हो गया जैसे ही मुझे बहू का
ख्याल आया मैंने जल्दी से की स्टैंड में
से आरुष के कमरे की चाबी निकालकर ताले को
खोलना चाहा लेकिन यह देखकर तो मैं दंग रह
गई कि मेरा बेटा जल्दी से खड़ा हो गया और
उसने मेरे हाथ से चाबी छीन ली उसे बहुत
ज्यादा गुस्सा आ गया था और उसने मुझसे
धीरे से कहा मम्मी प्लीज कमरे से चली जाओ
यहां पर शोर मत करो मुझे अपने बेटे का यह
अंदाज बहुत ही बुरा लगा था मैं अपने कमरे
में तो आ गई थी लेकिन मेरा ध्यान अभी भी
अपने बेटे की तरफ ही था क्योंकि वह अभी तक
कमरे से बाहर ही बैठा हुआ था मुझे तो डर
था कि कहीं सर्दी लग जाने की वजह से मेरे
बेटे की तबीयत खराब ना हो जाए मैं चाहती
थी कि मैं अपने बेटे को अपने गरम-गरम
बिस्तर पर आने के लिए कहूं लेकिन शायद वह
ऐसा नहीं चाहता था क्योंकि वह अपने कमरे
के दरवाजे के बाहर ही बैठना चाहता था
मैंने सारी रात बड़ी ही परेशानी में
गुजारी थी क्योंकि मेरा ध्यान बार-बार
अपने बेटे की तरफ ही जा रहा था और मैं
कमरे की खिड़की से बार-बार अपने बेटे को
ही देख रही थी क्योंकि मेरा बेटा सारी रात
कमरे के दरवाजे के बाहर बैठकर ठिठुरता रहा
था लेकिन जैसे ही सुबह के 8:00 बजे मेरे
बेटे ने जल्दी से कमरे का दरवाजा खोल दिया
था बहू जब सुबह कमरे से बाहर निकली तो वह
बहुत अच्छे से तैयार थी उसके चेहरे पर
मेकअप भी था और उसने कपड़े भी अच्छे पहने
हुए थे जबकि रात के टाइम पर उसने सफेद रंग
की साड़ी पहनी थी उसने सबसे पहले अपने पति
को कमरे के अंदर आने के लिए कहा और वह
कहने लगी कि अंदर जितने भी पैसे हैं वह आप
रख लो क्योंकि मैं खिड़की से ही सब कुछ
देख रही थी और वह खुद सीधी किचन में
नाश्ता बनाने के लिए चली गई मेरा बेटा जब
कमरे के अंदर जाता तो बहुत सारे पैसे
बिखरे हुए होते थे मैं भी देखकर दंग रह
जाती थी कि मेरी बहू आखिर बंद कमरे के
अंदर ऐसा कौन सा काम करती है जिसको करने
से मेरी बहू को इतने ढेर सारे पैसे मिलते
हैं मेरा बेटा तो वह सारे पैसे देखते ही
खुशी से झूम जाता था और पागलों की तरह खुश
हो जाता था और फिर लगभग 11:00 बजे के टाइम
पर उनमें से थोड़े से पैसे वह मेरे पास
लेकर आता और कहता और कहता कि यह पैसे तो
मेरी प्यारी मां के लिए हैं मैं भी वह
पैसे रख लिया करती थी क्योंकि हमारे घर के
खर्च बहुत थे हम काफी सारे मेंबर्स थे और
कमाने वाला सिर्फ एक ही इंसान था मेरा
बेटा आरुष और फिर वो इतने सारे पैसे होते
थे कि मेरे मन में भी लालच जाग जाता था
बाकी के बचे हुए पैसे मेरा बेटा तिजोरी
में संभाल कर रख दिया करता था और अपनी
पत्नी से बहुत ही खुश रहता था यहां तक कि
मेरा बेटा अपनी पत्नी के पैर तक दबाता था
मेरा बेटा पूरा का पूरा अपनी पत्नी के
काबू में हो चुका था और तो और अपने ही
हाथों से अपनी पत्नी को खाना खिलाया करता
था जैसा वह कहती वैसा ही किया करता था बहू
घर का कोई भी काम नहीं करती अगर वह कोई
काम कर भी लेती थी तो मेरा बेटा उसको कोई
काम करने ही नहीं देता था और हम लोगों से
भी साफ इंकार कर दिया करता था कि आप घर का
काम करने के लिए तीन लोग हो मेरी पत्नी का
काम करना जरूरी नहीं है और तो और मेरी
पत्नी की सेवा किया करो पिंकी बहुत अच्छी
लड़की है अगर हम लोगों में से किसी से भी
कोई गलती हो गई और पिंकी नाराज हो गई तो
हम लोग बर्बाद हो जाएंगे मैं अपने बेटे के
कहने के मुताबिक खामोश हो जाती थी और घर
का कोई काम भी बहू को नहीं करने देती थी
लेकिन यह बात दिन बदन मेरी परेशानी को
बढ़ा देती थी कि इतने सारे पैसे आखिर आते
कहां से हैं और रात को बंद कमरे में मेरी
बहू ऐसा कौन सा काम करती है वैसे तो मेरी
बहू पिंकी बहुत ही अच्छी थी उसके अंदर अभी
तक मैंने ऐसी कोई क्वालिटी नहीं देखी थी
जिसके बिना पर मैं उसकी गलती को पकड़ सकती
लेकिन अब मुझे यकीन हो गया था कि मेरी बहू
कुछ ना कुछ कुछ गलत तो जरूर कर रही है
मुझे कभी-कभी यह भी शक होता था कि मेरी
बहू किसी जादू टोने के काम में लग गई है
और उसने मेरे बेटे को भी अपने वश में कर
लिया तभी तो मेरा बेटा उसकी हर बात मानता
है और तो और वह मेरी बहू के गुस्सा करने
पर भी डर जाता था मैंने सोच लिया था कि
बातों-बातों में मैं बहू के मुंह से सच
उगलवाने की कोशिश जरूर करूंगी एक दिन मैं
अपनी बहू के कमरे में चली गई मैंने कमरे
को चारों तरफ से देखा लेकिन मुझे कुछ भी
अजीब नजर नहीं आया था सब कुछ वैसा का वैसा
ही था मैं अपनी बहू के लिए शाम के टाइम की
चाय बनाकर लेकर गई थी मैंने अपनी बहू से
बात पूछने की कोशिश की मैंने बहू से चाय
पीने के लिए कहा मैं अपनी बहू के कोमल और
नाजुक से चेहरे को देखने लगी थी मेरी बहू
सच में बहुत ज्यादा खूबसूरत थी हालांकि
मेरी बड़ी बहू बस मामूली सी शक्ल की थी
लेकिन वह भी बहुत संस्कारी थी मेरी बहू ने
जब देखा कि मैं उसके चेहरे को बड़ी गौर से
देख रही हूं तो वह मुस्कुराकर मुझसे वजह
पूछने लगी मैंने उसे बताया कि तुम मेरे
लिए मेरी बहू नहीं बल्कि मेरी बेटी की तरह
हो तुम यह बात अच्छी तरह से जानती हो कि
मैं कभी भी अपनी बहुओं और बेटियों में कभी
भी कोई फर्क नहीं करती मैंने अपनी बहू से
कहा बहू मुझे भी तुम्हारी तरह पैसे कमाने
हैं जो तुम करती हो मुझे भी वही करना है
मैंने महसूस किया कि मेरी बात सुनते ही
मेरी बहू का चेहरा पीला पड़ गया लेकिन फिर
कुछ देर बाद ही वह हंसने लगी और कहने लगी
मम्मी आपको इस उम्र में काम करने की क्या
जरूरत है हालांकि उसके चेहरे पर मुझे डर
भी दिखाई दे रहा था जिसकी वजह से उसके
चेहरे पर पसीना भी आने लगा था ऐसा लग रहा
था जैसे मेरी बहू को डर लगने लगा है और
उसका शरीर भी धीरे-धीरे कांप रहा है मैं
बड़ी हैरानी से अपनी बहू को देखने लगी कि
मेरी बहू को क्या हो रहा है मैंने अपनी
बहू को जल्दी से पकड़कर हिलाया और कहने
लगी बहू तुम्हें क्या हो गया तुम्हारी
तबीयत तो ठीक है ना तो वह इधर-उधर देखते
हुए कहने लगी कि कुछ नहीं हुआ मम्मी फिर
मेरी तरफ बड़े प्यार से देखकर कहने लगी
मम्मी जी आप फिक्र मत करो आपको इस उम्र
में किसी भी तरह का काम करने की कोई जरूरत
नहीं मैं जानती हूं कि आपको अपने घर
गृहस्ती की फिक्र लगी रहती है और अपनी
बेटी की भी फिक्र लगी रहती है कि उसकी
शादी किस तरह से होगी आप फिक्र मत करो
शिवानी की शादी खूब धूमधाम से होगी और
उसका रिश्ता भी अच्छे परिवार से आएगा आपको
ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है अभी
आपकी बहू और आपका बेटा आपके साथ है हम कभी
आप को किसी चीज की कोई कमी नहीं होने
देंगे और वैसे भी जितने पैसे मेरे पास आते
हैं उसमें से आधे तो मैं आपको दे देती हूं
जो हमारा है वह सब कुछ आपका ही तो है मैं
तो अपने पास ₹ रुप भी नहीं रखती जितने
पैसे होते हैं वह आरुष के पास ही होते हैं
अगर आपको पैसों की जरूरत है तो आप मुझे
बता दीजिए आपकी हर ख्वाहिश को पूरा करूंगी
मैंने कहा नहीं नहीं बहू ऐसी कोई बात नहीं
है मैं जानती हूं कि आरुष और तुम दोनों ही
इस घर को संभाल रहे हो मुझे यहां पर किसी
तरह की कोई परेशानी नहीं है लेकिन मैं बस
यह सोच रही थी कि अगर हम दोनों यह काम
बांटकर करेंगे तो ज्यादा पैसे आएंगे और
ऐसा करने से हम जल्दी ही अमीर हो जाएंगे
मेरी बात सुनते ही मेरे बहू के माथे पर बल
पड़ गए थे मैं उसके चेहरे के रंग को बदलता
हुआ साफ-साफ देख सकती थी लेकिन वह मुझसे
नजरें चुराने की कोशिश कर रही थी वह मेरी
बातों को नजरअंदाज करने की कोशिश करने लगी
और कहने लगी मम्मी जी अगर आपको कोई दिक्कत
ना हो तो मैं आराम करना चाहती हूं मेरी
तबीयत कुछ ठीक नहीं है अगर आप कमरे से जाओ
तो दरवाजे को बंद कर देना अपनी बहू की बात
सुनकर मुझे बड़ी हैरानी हुई थी कि वह बड़े
अजीब तरीके से मुझसे बात कर रही थी वह
मुझे अपने कमरे से बाहर निकालना चाहती थी
क्योंकि वह समझ गई थी कि मैं किस मकसद से
कमरे में आई थी मेरी बहू खूबसूरत होने के
साथ-साथ बहुत ज्यादा चालाक भी थी फिर मैं
उसके कमरे से निकल आई और अपने कमरे में आ
गई मुझे आज उसका बिहेवियर बहुत बदला-बदला
सा लग रहा था पहले तो मुझे प्यार भरी
बातें कहना फिर मेरी बातें सुनकर डर जाना
और फिर अमीर होने वाली बात पर अपने चेहरे
के एक्सप्रेशन बदल देना यहां तो मुझे बहुत
बड़ी गड़बड़ लग रही थी अब मेरे अंदर
इंटरेस्ट और ज्यादा जागने लगा था मैंने
सोच लिया था कि अपनी बहू के राज से पर्दा
उठाकर ही रहूंगी और वह काम भी सीख लूंगी
जिसकी वजह से मेरी बहू पैसों का ढेर लगा
रही थी मैं मौके की तलाश में ही थी भगवान
ने मेरी प्रार्थना इतनी ज्यादा जल्दी सुन
ली थी कि मुझे यकीन नहीं हो हो रहा था
क्योंकि मैं अब जल्द ही अपनी बहू के राज
के बारे में जानने वाली थी कुछ ऐसा हुआ था
कि एक दिन मेरा बेटा काम के सिलसिले में
शहर से बाहर गया हुआ था और मेरी बहू को भी
दिन में कहीं जाना था वह दिन के टाइम पर
कहीं चली गई थी मेरी बड़ी बहू उसके बच्चे
और मेरी बेटी यह सब लोग गांव मेरे बड़े
भाई के घर पर गए हुए थे क्योंकि मेरी बड़ी
बहू के दोनों ही बच्चों की स्कूल की
छुट्टियां हो गई थी और बच्चे कहीं घूमने
की जिद कर रहे थे इसलिए मेरी बड़ी बहू
उनको उनके पिता का नानी का घर दिखाने के
लिए ले गई मेरी बेटी भी अपनी भाभी के साथ
चली गई थी उन लोगों ने मुझे भी अपने साथ
चलने के लिए कहा था लेकिन मेरी कुछ तबीयत
ठीक नहीं थी इसलिए मैं जा नहीं सकी थी
छोटी बहू ने देखा कि घर में कोई नहीं है
इसलिए उसने कहा कि मैं आज मार्केट जा रही
हूं वह अपनी किसी दोस्त के साथ मार्केट
चली गई थी मैं घर में अकेली रह गई थी मेरे
बेटे ने भी मुझे कॉल करके बता दिया था कि
वह घर पर नहीं आएगा मेरे बेटे की जैसे ही
कॉल कटी मैं सोच विचार करने लग गई थी
क्योंकि आज तो शनिवार का दिन था मतलब तो
आज सारी रात मेरी बहू को अपने कमरे में
बैठना था वो भी सफेद रंग की साड़ी पहनकर
मैं यही बातें सोच सोच कर बहुत ज्यादा
परेशान हो रही थी मैं खाना पकाने लगी तो
दोबारा से आरुष की कॉल आ गई उसे मैंने
नहीं बताया था कि आज घर में कोई नहीं है
मैं अकेली हूं यहां तक कि उसकी अपनी पत्नी
भी घर में नहीं है अबकी बार कॉल पर जो
मेरे बेटे ने कहा उसे सुनते ही मैं हैरान
रह गई थी आरुष ने ने मुझसे कहा कि मम्मी
पिंकी मेरा फोन नहीं उठा रही उससे कहना कि
आज शनिवार है और उसे कमरे में सारी रात
बंद रहना है मैं घर नहीं आऊंगा इसलिए वह
कमरे को अच्छी तरह से बंद कर ले ताकि कोई
उसे डिस्टर्ब ना कर सके और मेरे बेटे ने
साथ ही साथ मुझे भी कहा कि मम्मी आप भी
कमरे में मत जाना यहां तक कि कमरे के
आसपास यहां तक कि कमरे के आसपास भी मत
भटकना मैं अपने बेटे की बात सुनकर खामोश
हो गई थी लेकिन मेरे दिमाग में अभी भी उछल
कूद हो रही थी मैं सोच रही थी कि अभी तक
मेरे बेटे को नहीं पता कि पिंकी घर पर
मौजूद नहीं है पिंकी मार्केट के अलावा
कहीं नहीं जाती थी और आज से अच्छा मौका
मेरे पास नहीं था इसीलिए मैंने अपने बेटे
की बात को अच्छी तरह से सुन लिया था और
उसे अपनी बहू के बारे में कुछ नहीं बताया
था मेरे बेटे ने कॉल कट कर दी थी मैंने
प्लान बनाया कि मैं क्यों ना आज बहू के
कमरे में छुप जाऊं और बहू से भी कह दूं कि
मैं अकेले घर में बोर हो रही थी इसीलिए
मैं भी 4:00 बजे की बस से अपने माई के लिए
रवाना हो रही हूं और मैंने ऐसा ही किया था
मैंने अपने मोबाइल से अपनी बहू को मैसेज
सेंड कर दिया था और एक बच्चे से घर के
बाहर ताला लगवा दिया था उसने मुझे दरवाजे
के नीचे से ही चाबी दे दी थी ताकि मेरी
बहू को लगे कि घर में मैं मौजूद नहीं हूं
यहां तक कि कोई भी घर में मौजूद नहीं है
मैं बहू के घर आने से पहले ही उसके कमरे
में छुपकर बैठ गई थी आज घर में कोई भी
नहीं था यह मेरे लिए बहुत अच्छा मौका था
ताकि मैं अपनी बहू के कमरे में छुप जाऊं
और देख सकूं कि आखिर मेरी बहू बंद कमरे के
अंदर शनिवार की रात को ऐसा कौन सा काम
करती है जिसकी वजह से उसे ढेर सारे पैसे
मिलते हैं ऐसा करने से मैं अपनी बहू के
राज से पर्दा उठा सकती थी मुझे यह काम
करते हुए थोड़ा-थोड़ा डर भी लग रहा था
लेकिन अपनी बहू का राज भी तो मुझे जानना
था जो कि मेरे लिए बहुत जरूरी था इसीलिए
मैंने फैसला किया कि मैं अपनी बहू के कमरे
में छुपकर सब कुछ देख लूंगी मैं बहू के
आने से पहले ही उसके कमरे में एक ऐसी जगह
पर छुप चुकी थी जहां से मुझे सब कुछ दिखाई
भी दे और मैं अपनी बहू को दिखाई ना दे
सकूं अभी मुझे कमरे में छुपे हुए एक घंटा
हुआ था मेरी बहू कमरे में आ गई थी अभी रात
नहीं हुई थी क्योंकि मेरी बहू रात के
10:00 बजे के टाइम पर अपने कमरे को बंद
करती थी अभी बहू घर में इधर से उधर घूम
रही थी और उसके बाद उसने खाना खाया खाना
खाने के बाद मैंने देखा कि वह अपनी अलमारी
से सफेद रंग की साड़ी निकालकर बाथरूम में
नहाने के लिए जा रही थी क्योंकि 9:30 बज
चुके थे मेरी बहू को यह पता था कि हम लोग
कल वापस आएंगे उसे भी यही लग रहा था कि घर
में कोई नहीं है इसलिए मेरी बहू ने कमरे
का दरवाजा बंद नहीं किया था मैं समझ गई थी
कि कुछ तो गड़बड़ है हम लोगों के होते हुए
तो बहू कमरे के दरवाजे को बाहर से ताला
लगवा दिया करती थी लेकिन आज ऐसा क्या था
कि बहू ने कमरे के दरवाजे को ताला लगाना
तो दूर की बात कुंडी भी नहीं लगाई थी मेरी
बहू बाथरूम से कपड़े चेंज करके वापस आ गई
थी उसने जल्दी से अपने सर पर पल्लू रखा
मेरी बहू बिल्कुल एक विधवा औरत की तरह नजर
आ रही थी और फिर उसके बाद जो हुआ उसे
देखकर तो मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई
थी क्योंकि मेरी बहू तो हम लोग मामूली से
और छोटे से शहर में रहते थे जहां पर
ज्यादातर गरीब लोगों की ही बस्ती बनी हुई
थी हमारे मोहल्ले में ज्यादा अमीर लोग
नहीं थे एक हमारा ही घर ऐसा था हम लोग
बहुत गरीब लोग थे हमारा गुजारा बड़ी
मुश्किल से हो रहा था मेरा छोटा बेटा पड़
रहा था और और मेरा बड़ा बेटा पियूष उसका
एक मामूली सा चाय का होटल था मेरे पति और
मेरा बड़ा बेटा पियूष वह दोनों ही पढ़े
लिखे नहीं थे जिस वजह से आज वो दोनों
बेरोजगार घूम रहे थे मेरे पति चाहते थे कि
कुछ भी करके वह अपने छोटे बेटे आयुष को
पढ़ाएंगे ताकि बड़े बेटे की तरह उसे मेहनत
ना करनी पड़े और अपनी पढ़ाई लिखाई के
बलबूते पर वो अच्छी नौकरी करें और हमारे
घर के हालात को सुधार दे लेकिन शायद भगवान
को कुछ और ही मंजूर था एक दिन अचानक खबर
आई मेरे बेटे का एक्सीडेंट हो गया और मौके
पर ही उसकी मौत हो गई हमारे घर में तो एक
कोहराम मच गया था मेरे बेटे के दो
छोटे-छोटे बच्चे थे और दोनों ही बच्चे
अनाथ हो गए थे हालांकि उसकी पत्नी भी
विधवा हो गई थी यह दुख मेरे लिए बहुत बड़ा
था और मेरे पति के लिए भी मेरे पति के लिए
तो यह दुख इतना बड़ा था कि उन्होंने खुद
को बीमार ही कर लिया था जवान बेटे की मौत
का सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर पाए थे और
बीमार रहने लगे थे मेरे छोटे बेटे आरुष ने
इंटर कर लिया था अब वह नौकरी करने लगा था
और -15 हज महीने में कमा लिया करता था
लेकिन इन पैसों से कोई भी फायदा नहीं होता
था क्योंकि मेरे पति की दवाइयों का खर्चा
बहुत ज्यादा था मेरे पति का इलाज चल रहा
था और इलाज के दौरान एक दिन मेरे पति भी
इस दुनिया को छोड़कर चले गए अब सारी
जिम्मेदारी मेरे छोटे बेटे आरुष के कंधों
पर आ गई थी मेरी जवान बेटी जो कि पढ़ रही
थी लेकिन घर के ऐसे हालात की वजह से मेरी
बेटी ने भी पढ़ाई करना छोड़ दिया था अब तो
जिंदगी रूखी सूखी खाकर गुजर रही थी लेकिन
मेरा छोटा बेटा आरुष बहुत मेहनती था वह
मेहनत करने से कभी भी पीछे नहीं हटा था बस
उसके भाग्य में कभी मेहनत का फल नहीं लिखा
हुआ था कितनी भी मेहनत करने के बावजूद भी
उसे कम ही पैसे मिला करते थे मेरा बेटा
कभी भी खाली नहीं रहता था हर तरह से पैसे
कमाने की कोशिश में लगा रहता था मैं अपने
बेटे को बहुत समझाती थी कि जैसा हमारे
भाग्य में लिखा हुआ है वैसा तो हमारे साथ
होना ही है तुम अपनी सेहत को खराब मत करो
और फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि जिससे हमारी
जिंदगी पूरी बदल कर रह गई थी एक रात रात
के 3:00 बजे हमारे घर का दरवाजा जोर-जोर
से बज रहा था सारे शहर की बिजली गुल थी
दूर-दूर तक रोशनी का कोई नाम और निशान
नहीं था आधी रात का टाइम था इसीलिए सभी
लोग अपने घरों में सो रहे थे दरवाजे की
आवाज इतनी ज्यादा तेज थी कि मैं घबराकर
बिस्तर से उठ गई थी मेरा बेटा तो अपने
कमरे में गहरी नींद में सो रहा था लेकिन
जोर-जोर से दरवाजा बजने पर मेरा बेटा भी
उठकर बैठ गया था बाकी सब लोग सो रहे थे
मैंने घड़ी देखी तो उस वक्त रात के 3:00
बज रहे थे मेरी तो हिम्मत नहीं हुई कि मैं
दरवाजा खोल सकूं क्योंकि मुझे डर था कि
कहीं हमारे घर में चोर डाकू तो नहीं आ गए
मैं अपने कमरे की खिड़की में खड़े होकर
देखने लगी थी मेरा बेटा अपने कमरे से
निकलकर बाहर जाने लगा मैंने उसे देखकर मना
भी किया कि बेटा इतनी रात को दरवाजा खोलना
ठीक नहीं लेकिन मेरे बेटे ने कहा मां हो
सकता है किसी को हमारी मदद की जरूरत हो
मेरे बेटे ने मुझे कमरे के अंदर जाने के
लिए कहा था लेकिन मैं फिर भी उसके
पीछे-पीछे दरवाजे तक चली गई थी मेरे बेटे
ने जैसे ही दरवाजा खोला मैं और आरुष दंग
रह गए थे क्योंकि दरवाजे पर बहुत ही
खूबसूरत लड़की थी और फिर देखते ही देखते
वह घर के अंदर घुसी और उसने दरवाजे को बंद
कर लिया था हम तो हैरान हो गए थे मेरा
बेटा गुस्सा से चिल्लाने लगा वो उस लड़की
को चोर समझ रहा था अचानक ही वो लड़की रोने
लगी और अपने ने बैग में हाथ डालकर उसने
कुछ मेरे बेटे के आगे कर दिया था वह पैसों
की गड्डी थी जिसे देखकर मेरा बेटा और मैं
हैरान रह गए थे फिर हम दोनों मां बेटा इस
लड़की को लेकर घर के अंदर आ गए और इससे
इसके बारे में पूछने लगे उसने रोते हुए
बताया कि मैं एक जादूगर की बेटी हूं मुझे
कुछ ऐसे जादू पता है जिसकी वजह से मैं
कहीं से भी पैसे खींच कर ला सकती हूं हम
दोनों मां बेटा तो उस लड़की की बातों पर
हैरान हो गए थे फिर वह रोती जा रही थी और
कहने लगी मुझे यहां पर अपने घर घर में जगह
दे दो कुछ लोगों को मेरे इस जादू के बारे
में पता चल गया और वह लोग मुझे किडनैप
करके मेरे इस जादू का फायदा उठाना चाहते
हैं कुछ बड़े-बड़े गुंडे हैं जो मुझे अपने
गलत काम के लिए हायर करना चाह रहे हैं
लेकिन मैं कोई भी गैर कानूनी काम नहीं
करना चाहती मैं अपने टैलेंट का फायदा ऐसे
लोगों पर नहीं करना चाहती जो कि गलत तरीके
से काम करना चाहते हैं मैंने उन लोगों के
साथ काम करने के लिए मना कर दिया और मैं
वहां से भाग गई व लोग मुझे हर जगह ढूंढ
रहे हैं वो लोग चाहते हैं कि मैं उनका
कहना मान लूं अगर मैंने उनका कहना नहीं
माना तो वो लोग मुझे जान से मार देंगे उस
लड़की की बातें सुनकर हम परेशान हो गए थे
क्योंकि उसकी बातों पर यकीन करना काफी
मुश्किल था लेकिन उसकी सच्चाई के लिए वो
नोटों की गड्डी ही हमारे लिए काफी थी जो
उसने हमें दी थी मैंने और मेरे बेटे ने
उसके बारे में काफी देर तक डिस्कशन किया
था क्योंकि हम दोनों डर रहे थे फिर आरुष
ने कहा कि हमारे पास तो वैसे भी कुछ नहीं
है जिसके चोरी हो जाने का डर हमें हो
लेकिन अब जब किस्मत खुद चलकर दरवाजे पर
हमें दस्तक दे रही है तो इसमें बुराई ही
क्या है मैं अपने बेटे की बात को अच्छी
तरह से समझ गई थी कि वह क्या कहने की
कोशिश कर रहा है मैं भी अपने बेटे की बात
सुनकर लालच में आ गई थी हमने उस लड़की को
अपने घर में रहने की परमिशन दे दी थी वह
अनजान लड़की बहुत खूबसूरत थी मेरे दिमाग
में अचानक ख्याल आया कि अगर वह लड़की मेरे
बेटे से शादी कर ले तो मेरे बेटे का भाग्य
जाग जाएगा वैसे भी इतनी खूबसूरत लड़की
शायद मेरे बेटे के लिए मुझे कहीं नहीं मिल
सकती लेकिन फिर मैं खामोश हो गई थी कि
कहीं यह लड़की मेरी यह बात सुनकर यहां से
भाग ना जाए और हमारे भाग खुलने से पहले ही
बंद ना हो जाएं मैंने फैसला किया कि पहले
मैं इस लड़की का भरोसा जीत लूं फिर इससे
इस बारे में बात करूंगी लेकिन अगले दिन
मैं हैरान रह गई थी जब वह खुद मुझसे इस
बारे में बात करने लगी उसने कहा कि अगर हम
बिना किसी लालच मतलब उससे पैसे की उम्मीद
रखें बिना ही उसे अपने घर की बहू बना ले
तो वह हमारी हर तरह से मदद करेगी और अपने
जादू से हमें मालामाल कर देगी उसकी बात
सुनते ही फिर से हम दोनों कंफ्यूज हो गए
थे कि उसके पास पैसे आखिर कहां से आते हैं
या फिर यह लड़की हमें बेवकूफ बना रही है
लेकिन फिर यह सोचकर राजी हो गए कि वह बहुत
ज्यादा खूबसूरत है अगर वैसे भी इसकी शादी
मेरे बेटे से हो जाए तो कुछ बुरा नहीं है
हमने रिश्ते के लिए हां कर दी थी और इस
लड़की की जिद पर जल्दी ही इस लड़की की
शादी मेरे बेटे आरुष के साथ हो गई थी
लड़की इतनी ज्यादा खूबसूरत थी कि हमारे घर
में सबको पसंद आई थी किसी ने इस शादी के
लिए इंकार ही नहीं किया था इस लड़की को
देखकर लगता था जैसे यह किसी अमीर घर की
रहने वाली है लड़की को कोई काम भी नहीं
आता था लेकिन फिर भी वह घर संभालने की
कोशिश कर रही थी एक दिन अचानक की हमारे घर
पर एक डाकिया आया जिसके आने पर दरवाजा भी
पिंकी ने ही खोला था वो डाकिया कुछ लेकर
आया था जिसे लेकर पिंकी अपने कपड़ों में
छुपाती हुई फौरन अपने कमरे के अंदर चली गई
थी यह बात मैंने देख ली थी थी मैंने उससे
पूछने की भी कोशिश की थी कि डाकिया क्या
लेकर आया था वह घबरा गई और उसने कहा कि बस
मेरी एक दोस्त का लेटर था मैंने उससे कहा
कि आजकल सोशल मीडिया के जमाने में डाकिए
के हाथ कौन चिट्ठी बेचता है एक दिन मुझे
पिंकी ने बताया कि मैं शनिवार की सारी रात
जागकर अपनी जादू का टेस्ट करती हूं और फिर
सुबह को मेरे पास पैसों का ढेर आ जाता है
मैं और आरुष उसकी इस बात पर हैरान हो गए
थे लेकिन एक बार उसे आजमाना जरूर चाहते थे
पिंकी ने कहा था लेकिन इस रात को किसी को
भी कमरे के अंदर आने की परमिशन नहीं
क्योंकि मेरा ध्यान भटक जाएगा इस तरह पैसे
भी नहीं आ सकेंगे यह बात सुनकर मैं और
आरुष चौक गए थे लेकिन हमारे मन में लड्डू
फूट रहे थे हम उसकी बात को मान गए थे
लेकिन हम हैरान रह गए थे कि पिंकी की कही
हुई बात सच थी सारी रात उसने कमरे में बंद
होकर जादू किया था और फिर सारा दिन हमारे
पास बहुत सारे पैसे आ गए थे यहां तक कि
पिंकी का मेकअप भी होता था उसकी साड़ी भी
चेंज होती थी धीरे-धीरे हमारे पास बहुत
सारे पैसे रहने लगे थे और हमारी जिंदगी भी
बदलने लगी थी सब कुछ ठीक चल रहा था फिर
मेरे अंदर यह इंटरेस्ट जागने लगा कि मुझे
अपनी बहू का सच जानकर ही रहना है कि आखिर
इतने सारे पैसे उसके पास ऐसा कौन सा जादू
करने से आते हैं यही सब कुछ जानने के लिए
ही तो मैं अपनी बहू के कमरे में छुप गई थी
जिससे मेरे सामने उसका रास खुल गया था
क्योंकि उस रात मेरी बहू सफेद रंग की
साड़ी पहनकर अपने कमरे में बनी खड़ खिड़की
से कूद गई थी मैं भी इस खिड़की से कूदकर
अपनी बहू का पीछा करने लगी थी मैंने अपने
सर पर दुपट्टा रख लिया था और अपने चेहरे
को दुपट्टे से छुपा लिया था ताकि बहू मुझे
पहचान ना सके मैं अपनी बहू का पीछा
करते-करते काफी दूर तक चली गई थी मेरी बहू
जहां जाकर रुकी थी उस जगह को देखकर तो
मेरे होश उड़ गए थे क्योंकि यह जगह एक
क्लब थी मैंने देखा कि मेरी बहू यहां पर
नाचने के लिए आई थी उसने इस क्लब के रूम
में जाकर कपड़े चेंज कर लिए थे और फिर व
छोटे-छोटे कपड़े पहनकर यहां लड़कों के बीच
नाच रही थी मेरी बहू पर लड़के बहुत सारे
पैसे लुटा रहे थे और वह सारे पैसे बहू
अपने पास रख रही थी मैं उस रात बहू को
वहीं क्लब में ही छोड़कर घर आ गई थी
क्योंकि अब मैं सब कुछ समझ चुकी थी कि बहू
चोरी चुपके यहां से सारी रात नाचने के लिए
क्लब में जाती है वहां पर बहू के अलावा और
भी बहुत सारी लड़कियां डांस कर रही थी मैं
समझ गई थी कि बहू यहां से पैसे इकट्ठे
करने के बाद वो पैसे से हमें दे देती है
लेकिन ऐसा सिर्फ शनिवार के दिन ही क्यों
यह सच भी मेरे सामने आ गया था क्योंकि
शनिवार के दिन इस क्लब में मशहूर
बड़े-बड़े लोग आते थे और पैसों को पानी की
तरह बहा दिया करते थे मैंने क्लब में कुछ
लड़कियों को बात करते हुए सुना था वो
पिंकी की तरफ इशारा करते हुए कह रही थी कि
यह तो सैटरडे नाइट की रौनक है इसके बिना
तो सैटरडे नाइट अधूरी है क्योंकि सैटरडे
के दिन ही तो हमारे शहर के बड़े-बड़े
बिजनेसमैन लोग इस क्लब में आते हैं यह
क्लब काफी जानामाना क्लब था जहां की
पार्टियां सारी रात चलती रहती थी बहू उस
रात के समय क्लब में थी और मैं घर आ गई थी
क्योंकि मैंने सुबह घर पर आने का नाटक कर
लिया था बहू को शक भी हुआ था कि बाकी लोग
कहां हैं लेकिन मैंने कह दिया था कि मैं
उन लोगों को छोड़कर आ गई हूं मेरा वहां पर
मन नहीं लग रहा था मेरा सच में ही मन नहीं
लग रहा था क्योंकि पिंकी मेरे बेटे को
धोखा दे रही थी वो कोई जादू करके पैसे
नहीं लाती बल्कि सारी रात क्लब में में
डांस करने के बाद पैसे लेकर आती है मैंने
अपने बेटे को पिंकी के बारे में सब कुछ
बता दिया पहले तो मेरे बेटे को यकीन नहीं
आया था लेकिन फिर एक रात जैसे मैं बहू के
कमरे में छुप गई थी उसी तरह मैं शनिवार की
रात अपने बेटे को घर के दरवाजे से साथ ले
जाकर उसी क्लब में ले गई थी जहां पर पिंकी
डांस कर रही थी पिंकी के ऐसे हालात देखकर
मेरे बेटे को बहुत गुस्सा आया था क्योंकि
वह लालची जरूर था मगर गैरत मंद मर्द था वह
कभी भी अपनी पत्नी को को इस तरह से गैर
मर्दों के बीच नहीं देख सकता था मेरे बेटे
ने वहीं क्लब में जाकर पिंकी के थप्पड़
मार दिए थे और उससे कहा था कि तुमने मेरे
साथ ऐसा क्यों किया पिंकी वहां सब लोगों
के बीच घबरा गई थी और अपनी सफाई का सबूत
देने लगी थी उसने कहा कि एक रात मुझे क्लब
में काफी रात हो गई थी डांस करते हुए जब
मैं वहां से खूब सारे पैसे कमाकर घर आ रही
थी तब कुछ लड़कों ने मेरी इज्जत पर हाथ
डालने की कोशिश की अपनी इज्जत बचाने के
लिए मैंने उन लड़कों को अपने सारे पैसे दे
दिए थे और कहा था कि प्लीज मुझे छोड़ दो
लेकिन मेरे सारे पैसे ले लो लेकिन उन
लड़कों ने मेरी खूबसूरती देखते हुए मेरे
सारे पैसे भी ले लिए और फिर मेरा भी पीछा
नहीं छोड़ा मैं बहुत ज्यादा डर गई थी और
भागते भागते आपके घर के दरवाजे पर आ गई थी
जोर-जोर से आपके घर का दरवाजा पीटने लगी
तो आपने दरवाजा खोल दिया था आपको पहली नजर
में देखते ही मुझे प्यार हो गया था मैं
आपको कुछ भी सच नहीं बता सकती थी इसलिए
मैंने यह सब कुछ बहाना किया
ताकि आप मुझे अपने घर में जगह दे दोगे तो
मैं आपको बता देती कि मैं क्लब में नाचने
वाली लड़की हूं तो आप में से कोई भी मुझे
अपने घर में रहने के लिए जगह नहीं देता अब
जबक मैंने आपको भरोसा दिलाया था कि मैं
आपको पैसे देकर ही रहूंगी तो इसीलिए मैंने
अपना दोबारा से काम शुरू कर दिया और हर
हफ्ते आपको बहुत सारे पैसे लाकर देने लगी
शुरू शुरू के दिनों में जब मैं क्लब में
नहीं जा रही थी तो मैंने अपने क्लब के
मालिक से आपके लिए कुछ पैसे एडवांस मांगे
थे ताकि आपको यकीन हो सके कि मैं जादू ही
करती हूं मैं सारी रात कमरे में बंद नहीं
रहती थी बल्कि खिड़की के दरवाजे से कूदकर
क्लब में आ जाती थी और मैं सफेद साड़ी
पहनकर इसलिए आई थी ताकि कोई मुझे पहचान ना
सके कि मैं आपकी पत्नी हूं मेरे बेटे को
जब यह सारी बातें पता चली तो मेरा बेटा
हैरान रह गया था बहू ने मुझसे भी माफी
मांगी थी कि मम्मी जी मुझे माफ कर दो मैं
इतने दिनों से आप लोगों को बेवकूफ बना रही
थी और किसी जादू से पैसे नहीं ला रही थी
बल्कि कि इस तरह का गलत काम करने के बाद
पैसे ला रही थी मेरा बेटा तो बहू को माफ
करने के लिए तैयार ही नहीं था लेकिन बहू
ने कहा था कि मैं इस काम को नहीं करना
चाहती मैं आप लोगों के भी दिल में अपने
लिए अपनी वैल्यू नहीं कम करना चाहती थी
इसीलिए इस काम को भी मुझे जारी रखना पड़ा
था मुझे यह काम बिल्कुल पसंद नहीं है अब
आप लोगों के सामने मेरी सच्चाई खुलकर आ गई
है मैं कभी इस काम को दोबारा नहीं करूंगी
मैंने अपने बेटे को समझाया था कि तुम बहू
को माफ कर दो वो आइंदा ऐसा कभी कुछ नहीं
करेगी मेरे बेटे ने बहू को माफ कर दिया और
इस तरह से बहू ने इस गलत काम को छोड़ दिया
अब मेरा बेटा बहुत ईमानदारी के साथ काम कर
रहा है और भगवान ने मेरे बेटे के इस छोटे
से काम में ही हमें काफी खुशियां दी हैं
मेरे बेटे की सैलरी बढ़ गई और बहू का
बिहेवियर भी अब बिल्कुल ठीक हो गया जिंदगी
बहुत अच्छी गुजर रही है मेरे बेटे ने मेरी
बेटी की भी शादी खूब धूमधाम से की हम सब
लोग एक साथ ही एक घर में बहुत खुशी-खुशी
रह रहे हैं दोस्तों उम्मीद करती हूं आपको
हमारी कहानी पसंद आई होगी कहानी पसंद आई
है तो वीडियो को लाइक करें चैनल पर नए हैं
तो चैनल को सब्सक्राइब करें और हां
नोटिफिकेशन बेल को जरूर दबाएं ताकि अगली
अपडेट सबसे पहले आपको
मिले
Comments
Post a Comment