सास की भैंस Saas Ki Bhais _ Hindi Stories _ Kahani _ Moral Bedtime Stories _ Hindi Stories_transcript
सास की भैंस फूलवती के दो बेटे थे और
दोनों की ही शादी हो चुकी थी पर उनका काम
शहर में था इसलिए दोनों अपनी पत्नियों के
साथ शहर में रहते थे और फूलवती अपने पति
के साथ गांव में सास के बिना बहू का जीवन
कैसा खुशहाल हो जाता है यह तो आप जानते ही
होंगे आराम से 101 बजे उठना जो मन करे
बनाना और मन ना हो तो बाहर से मंगवा
लेना कुछ इसी तरह पूजा और प्रीति शहर में
रह रही थी आराम से सुबह 10:00 बजे अंगड़ाई
लेती हुई पूजा अपने कमरे से बाहर आती है
लगता है जैसे किसी ने नशे की गोली खिलाकर
पिला दियो कितना भी सोल नींद ही पूरी नहीं
होती मेरा भी यही हाल है भाभी रात में
3:00 बजे के पहले नींद आती नहीं और सुबह
10:00 बजे के पहले खुलती नहीं उठ गई तुम
मुझे तो लगा था आज तुम्हारे दर्शन किए
बिना य दुकान जाना पड़ेगा अरे क्या बना
अरे आधे घंटे में तो आपको दुकान के लिए
निकलना है कुछ कुछ खाया आपने या कुछ बना
दूं वैसे चाय बनाकर तो पी ली है मैंने और
प्रिंस को भी पिला दी हो सके तो मेरे लिए
कुछ हल्का बना दो ना कल रात को हमने बाहर
खाना खाया था तो पेट जरा अपसेट हो गया है
मैं बना देती हूं भाभी आप बैठिए और नाश्ते
में प्रीति बनाकर लाती है ब्रेड और बटर और
इसी खाने के अलावा किसी के पास कोई और
ऑप्शन ही नहीं था क्योंकि कोई और उठकर
अपने लिए ब्रेकफास्ट बनाने को तैयार भी
नहीं था चारों आराम से बैठकर चाय और ब्रेड
बटर का मजा ले रहे थे तब रंजीत का ि ट्रंग
फोन बजता है फोन उठाकर रंजीत स्पीकर पर
रखता है नमस्ते मां राम राम कैसन बा सब
भला चंगा तो अरे ब हमको क होगा रे हम तो
टनाटन कमजोर तो तुमरी बीवी है वैसे य
बताने के लिए फोन किया था एक हफ्ते बाद हम
तुम्हरे पास आ रहे
हैं मा जी आप य आ रही है आइए आइए पाग मा
जी कैसी है आप अरे जीतेरा छट के भाव अरे
बड़की है हमरी आवाज सुनी नहीं की आवाज
कांपने लग गई तुमरी कैसी बह है हमरी प्रभु
चिंता मत करो बहु तुमसे ज्यादा फुर्तीला
शरीर है हमरा आकर खुद बनाकर खा भी लेंगे
और अपने बेटों को खिला भी देंगे फिक्र ना
करो आ जाओ आ जाओ मां कितने दिनों से
तुम्हारे हाथ का खाना नहीं खाया मैं तो
यहां सूख गया हूं तुम्हारे हाथ का देसी
खाना खाकर फिर से वजन बढ़ जाएगा मेरा अरे
हां हां बिटवा और व इस बार ना हम खाली हाथ
नहीं आ र कुछ बड़ा ला र है और हमरी दोनों
बह में से जिसने हमरा दिल जीत लिया ना यह
गिफट उसी को देते
जाव ऐसा क्या ल रही है मां जी आप अरे जो
भी है तुम सभी के औकात से बड़ाई है यह
कहकर फूलवती फोन रख देती है और अभी तक
शांत बैठे शुभ निवास में हड़ कंप मच जाता
है क्या कह रही थी तुम मां आओगी तो मैं
मोटा हो जाऊंगा जैसे कि तुम्हें यहां खाना
नहीं मिलता अब इस राम कथा को छोड़ो ना
प्रीति और मां के सामने भूलकर भी मुझे तुम
मत कहना आप कहना वरना जानती हो ना उनका
गुस्सा ज्यादा दिमाग सटका तो कहीं तुम्हें
अपने साथ गांव ना ले जाए यह बात छोड़ो और
घर के हालत ठीक करो वरना सभी को बोरिया
बिसरा बांध कर वापस गांव लौटना पड़ेगा मैं
अभी जाती हूं और किचन की सफाई करती हूं
मैं हॉल साफ कर लेती हूं फूलवती के आने के
ख्वाब से ही उनकी दोनों बहुएं बिल्कुल
लाइन पर आ जाती है जिस घर में खाने के नाम
पर ब्रेड और बटर बना करता था वहां आज
दोपहर के खाने में प्रॉपर दाल चावल और
सब्जी बनी थी मां के आने की खबर से ही आज
घर का खाना मिल गया मां आ जाएगी तो ना
जाने क्या होगा वैसे वो बड़ी चीज होगी
क्या कहीं मां गांव से संदूक तो नहीं ला
रही होगी कुछ भी करके वोह बड़ी चीज मुझे
ही हासिल करनी है और जिस तरह उस बड़ी चीज
को हासिल करने का लालच प्रिंस के मन में
आता है उसी तरह पूजा के दिमाग में भी वही
बात घूमने लग जाती है और अभी तक एक साथ रह
रहे पूजा और प्रीति अपने काम अलग-अलग करने
लग जाते हैं कल मांजी आने वाली है मैं
सुबह 4:00 बजे उठ जाऊंगी क्या पता वो सुबह
4:00 बजे की ट्रेन से आ रही हो और मुझे
इतनी सुबह तैयार देखेंगी तो खुश होकर खुद
ही वो बड़ी चीज मुझे सांप देगी और वो वक्त
आ ही जाता है जिसका सभी को इंतजार था
फूलवती का स्वागत करने के लिए उसकी दोनों
बहुएं सुबह 4:00 बजे उठकर पूरा घर धोना
शुरू कर देती हैं और 5:00 बजते बजते घर के
दरवाजे पर होती है दस्तक और एक बड़ी सी
चीज के साथ दरवाजे पर फूलवती पहुंच जाती
है भागती हुई उसकी दोनों बहुएं दरवाजा
खोलती हैं
ये आप क्या लेकर आई है अपने साथ मां जीी
मैं देख रहा का हम बताए तो थे तुम लोगों
को एक बड़ी चीज लेकर आ रहा है तो यह है वो
बड़ी चीज मां ने तो कहा ही था कि वह चीज
इतनी बड़ी होगी कि दरवाजे से अंदर भी नहीं
आ पाएगी अब इस भैस को अंदर लेगी कैसे मां
अब एक काम कीजिए ना इसे बाहर ही बांध
दीजिए अपनी प्यारी भैंस को बाहर बांधकर
फूलवती घर के अंदर आती है य बेचारी ना ना
हमरे बिना रह नहीं पाती तो हम सोचे अगर
शहर जा ही रहे तो इसे भी साथ लेकर चलते
हैं हो सकता है शहर की हवा खाकर इसकी भी
खुराक जरा बढ़ जाए बड़ा कम खाती है बेचारी
एक काम कर बड़ी बहू बाहर जाकर ना ताजे
गोबर के उपले बना ले अभी उसके गोबर करने
का वक्त हो गया
है बस यही बाकी रह गया था अब अभी जाती हूं
मां जी चिड़ी हुई पूजा बाहर जाती है और
किसी तरह नाक बंकर भैंस के गोबर का उपला
बनाती जाती है और दीवार पर थाप दी जाती है
इस बड़ी चीज के लिए इतनी मेहनत की थी
मैंने इतनी सफाई की यह साड़ी पहनना सीखा
इतना सारा राशन मंगाकर रसवे में रखा क्या
कुछ नहीं किया इस ताज गोबर के लिए गोबर की
उपले बनाने के बाद पूजा जैसे ही अंदर आती
है अरे कुछ खिलाता दे मैं भी तो देखो यहां
रहकर तो खाना बनाना भूल तो नहीं गई वैसे
बाहर से हमारे बीएड कोई ले तो नहीं जाएगा
ना इस भैंस का नाम बीएमडब्लू है मांजी आप
फिक्र मत कीजिए यहां से कोई सामान चोरी
नहीं होता हमारी सोसाइटी ना बहुत सेफ है
और उसे कोई ले जाकर करेगा भी क्या हा य
बात तो है एक काम कर जब तक बड़ी बहु हमारे
लिए नाश्ता बना रही है तू जाकर मेरी
भैसिया को ना ला दे फिर वह भी कुछ खा लेगी
सफर से भूखी है बिना नाए वो कुछ खाती भी
नहीं है हा आज तक बिना नाए उसने अन्न का
एक दाना अपने मुंह में नहीं
लिया हमारी बीवियों से ज्यादा रूटीन
मेंटेन तो आपकी भैसिया करती है मां लोग के
लिए व भैसिया है पर हमरे लिए व हमारी जान
है अरे ब घर में ताजा सरसों का तेल होगा
का हमारे पास तो वही तेल होगा मांजी जो
बाजार में मिलता है क्या काम है घुटनों
में दर्द हो रहा है क्या मालिश कर दू अरे
ना ना ना दर्द हो हमरे दुश्मनों को वह
हमरी भैस सफर से आई है ना थक गई होगी
बेचारी उसी के शरीर पर सोच रही थी प्रीति
से मालिश करवा
दूं जिस बड़ी चीज की लालच में पूजा और
प्रीति ने आपस में बैर कर लिया था वो
निकली भी तो एक बैस जिसे देखते ही दोनों
बहू फिर से एक हो जाती हैं और रसोई में इस
बारे में बात करने लगती
है पूरा बदन टूट रहा है प्रीति जितनी बार
वह भैंसिया गोबर करती है ना उतनी बार मुझे
उपले बनाने पड़ते हैं फिर वह सूख जाए तो
उसे उतारो मुझे तो डर है कहीं किसी दिन
मांजी उन उपलों को बेचने को ना कह दे वही
भाभी मैं तो खुद परेशान हूं तीनों टाइम
पूरे घर को ऊपर से नीचे धोना उसके बाद
भैंसिया को नहलाना भैस को क्रीम पाउडर
लगाना यह बड़ी चीज मुझे तो नहीं चाहिए मैं
तो मांजी से कह दूंगी आप जब भी जाए इसे
लेकर जाए एक हफ्ता तो हो गया मांजी को
यहां है पता नहीं कब जाएंगी और तभी बाहर
हॉल से फूलवती सभी को आवाज लगाते हुए अपने
पास बुलाती है तुम दोनों बहुओं की सेवा से
हम बहुत ही प्रसन्न है अभी तो कहा नहीं जा
सकता कि ज्यादा सेवा बड़ी ने की के छोटी
ना इसलिए तुम दोनों ही आपस में यह फैसला
करके बताओ कि बड़ी चीज रखेगा कौन
मुझे नहीं चाहिए आपका बीएमडब्लू आप ही
रखिए मां जी मैं भी आपकी बीएमडब्लू का
क्या करूंगी मां जी हमारे पास ऐसे भी बहुत
काम है ऊपर से मुझे नहीं लगता इसका मैं
ख्याल रख
पाऊंगी हम तो तुम दोनों को बहुत ही लालची
समझे थे पर तुम तो बड़ी समझदार निकली चलो
फिर कोई बात ना है मैं अपनी बीएमडब्लू को
अपने साथ ले जाती हूं यह कहकर अपना सारा
सामान उठाकर फूलवती घर से बाहर निकल जाती
है फूलवती के साथ उसके दोनों बेटे और बहू
भी उसे बाहर छोड़ लिए आती हैं मां
तुम्हारी भैसिया ऐसे भूल मत जाना अरे नहीं
नहीं अपनी कोमल को हम कैसे भूल
जाएंगे इसके भी दो नाम है बताओ एक घर का
होगा दूसरा ऑफिशियल अरे नहीं ना बह इसका
तो एक ही नाम है
कमलिया तो फिर बीएड किसका नाम है और तभी
साइड से बीएड गाड़ी निकालता हुआ ड्राइवर
सभी के सामने गाड़ी लाकर खड़ी कर देता है
तो चलिए मैडम अरे य है बीडल तुम दोनों ने
तो गाड़ी लेने से मना कर दिया तो अब हम ही
इस पर सवार होकर फिर से चले जाते हैं क्या
क्या क्या क्या और इस तरह असल की
बीएमडब्लू को अपनी सास की भैंस समझकर पूजा
और प्रीति गवा देते
हैं स्वीटी के पास बचपन से ही एक कुत्ता
था वह जहां जाती उसे लेकर जाती जो भी खाती
उसे देती जहां बैठती उसे साथ लेकर ही
बैठती यह क्या है स्वीटी यह कुत्ता दे दे
किसी को अब तो तेरी शादी होने वाली है
सारे घर में इसके बाल फैले होते हैं किसी
को दे दूं तुम्हारे जैसा प्यार नहीं है
मेरा कि अपनी बेटी को किसी के घर भेज दो
शादी का नाम देकर मैं तो पम्मी को अपने
साथ ही
रखूंगी खैर शादी हो जाती है और स्वीटी
अपने डॉग पम्मी के साथ ससुराल चली जाती
है अरे वाह जी वाह बहू कुत्ता तो बड़ा
अच्छा है तुम मारा बहू आसपास देखकर कहती
है कुत्ता कहां है मां जी कुत्ता तो दिखाई
नहीं दे रहा अरे वो जो तुमने गोद में उठा
रखा है वह कुत्ता ही तो है
ना मां जी आप इनकी मां है इसलिए प्यार से
बोल रही हूं यह पम्मी है कुत्ता बोलकर
दोबारा इसका अपमान मत कीजिएगा ओ मतलब यह
कुत्ता नहीं है तो क्या यह बिल्ली
है मां जी है तो कुत्ता ही लेकिन इसका नाम
है अब जैसे आपका नाम है चवन्नी तो कोई
आपको ए औरत बोले तो कैसा लगेगा सास को
इतना गुस्सा आ जाता है कि वह बेटी के कमरे
में जाकर बैठ जाती है मां कॉफी बनाकर लाओ
ना बहुत जोर का सर दर्द है अरे कॉफी के
लिए दूध कहां है वो कुत्ता अरे मतलब कि
पम्मी पी गई कोई बात नहीं मां भाभी ने दूध
पी लिया है तो मैं ब्लैक कॉफी पी लेती हूं
सास जोर-जोर से हंसती
है अरे वो पम्मी तेरी भाभी का नहीं कुत्ता
जो साथ लेकर आई है ना उसका नाम है पम्मी
तेरी भाभी का नाम तो स्वीटी
है बेटी भी हंसने लगती
[संगीत]
है मां ये क्या बात हुई सच्ची बड़ा
कंफ्यूजन है भाभी और कुत्ते के नाम
में कहीं मैं पम्मी को भाभी ना बोल
[हंसी]
दो सास का मूड बेटी के पास बैठकर ठीक होता
है और फिर वह किचन में जाती है अरे नहीं
नहीं नहीं हे भगवान यह क्या कर रहा है
कुत्ता बह भाग कर आती
है नाटी कितना शरारती हो गया है है ना
सासू
मां कुत्ते ने किचन में सुसू किया होता है
जिसे देखकर सास परेशान हो जा जाती है अरे
बहू इसे बाहर ले जाया कर यह सब कराने के
लिए देखती हूं ना मैं पार्क में दुनिया के
लोग वहीं अपने जानवरों को लाकर हल्का
करवाते
हैं मां जी वो क्या है ना रास्ते में तो
कुत्ते करते हैं यह सब काम ये तो मेरा
पम्मी है
पम्मी सास को समझ में नहीं आता कि व क्या
करें क्योंकि बहू के कुत्ते का बवाल तो आए
दिन बढ़ता ही जा रहा था एक दिन
मां मुझे किसी जरूरी काम से पैसे की जरूरत
थी तो मैंने बैंक से लोन अप्लाई किया है
दोपहर को बैंक का मैनेजर आएगा बात कर लेना
लोन बहुत जरूरी है इसलिए संभल कर बात करना
अरे हां हां बेटा क्यों नहीं मैं बात कर
लूंगी त निश्चिंत होकर जा दोपहर को बैंक
का मैनेजर आता है लेकिन हे भगवान यह
कुत्ता कितना डरावना है वह घर के अंदर
जाने की कोशिश करता है लेकिन कुत्ता भौक
भोंक कर बुरा हाल कर देता है और मैनेजर
वापस चला जाता है अगले दिन बेटा मोबाइल
देखकर कहता है हे भगवान मां मेरा तो लोन
ही पास नहीं हुआ अरे बेटा कोई आया ही नहीं
तो मैं क्या करती कल तो मैं दिन में सोई
भी नहीं इसलिए कि मैनेजर आने वाला है बेटा
बैंक जाता है जहां मैनेजर कहता है देखिए
राकेश साहब आपको साफ-साफ बोला था कि दिन
में मैं इंस्पेक्शन के लिए जाऊंगा हां हां
सर मैंने अपनी मां को बताया
अब मेरा तो ऑफिस था मुझे वहां जाना जरूरी
था अरे हां हां वह ठीक है लेकिन घर के
बाहर कुत्ता बांध दिया पता है मेरी तो
पैंट फटने से बची है ना बाबा ना अब छ
महीने बाद अप्लाई करना देखेंगे तब बेटा
गुस्से से घर आता है और जोर से चिल्लाता
है पम्मी पम्मी कहां हो मैं कह रहा हूं
बाहर
आओ स्वीटी बाहर आती है अरे क्यों चिल्ला
रहे हैं पम्मी सो रही है डर जा आगी ना पता
है ना कितना छोटा दिल होता है पेट्स का
अरे मैं तुम्हें बुला रहा था पम्मी मैं
पम्मी नहीं स्वीटी हूं अरे बेटा पम्मी तो
कुत्ता है ना इसका क्या मां जी कितनी बार
कहा है कि चुप बिल्कुल चुप वह जो भी हो
तुम पम्मी स्वीटी मैं नहीं जानता लेकिन इस
जानवर के कारण मेरा लोन नहीं हो पाया
प्लीज निकालो इसे घर से टी कमरे में चली
जाती है और रोने लगती है अरे बेटा इतना
नहीं चिल्लाना चाहिए था बहू पर तो मां मैं
क्या करूं जानती है मुझे कितनी जरूरत थी
पैसों
की अब बेटा जो हो गया सो हो गया जा बहू को
मना ले पति स्वीटी के पास आता
है जाओ यहां से कोई बात नहीं करनी है
[संगीत]
मुझे अरे स्वीटी क्यों नाराज हो रही हो
सच्ची लोन की बहुत जरूरत थी अब क्या कहूं
तुम्हें स्वीटी झूठा गुस्सा दिखाते हुए
कहती है नहीं नहीं गुस्सा कैसे अरे लड़की
को ससुराल में गुस्सा होने का हक कहां है
मैंने तुम्हारे लिए सब कुछ छोड़ दिया बचपन
का घर मां बाप मैंने सिर्फ एक पम्मी को
साथ रखा लेकिन नहीं तुम क्यों अपनाओ ग
उसे स्वीटी झूठ मूट कर रोना शुरू कर देती
है और प्लीज यार रो मत
ना देखो लोन होना सच में बहुत जरूरी था
तुम मेरे सारे गहने रख लो मैं पापा से
पैसे बिला दूंगी बस मेरे पम्मी को कुछ मत
कर स्वीटी ने अपना ब्रह्मास्त्र चलाया कि
पति इमोशनल होकर माफी मांग ले अरे स्वीटी
कैसी बात कर रही हो माफ कर दो मुझे बस
गुस्सा आ गया मैं पम्मी को कुछ नहीं कह
रहा था सच्ची वो लोन होना स्वीटी बीच में
रोक देती है ले लो ना पापा के सारे पैसे
मेरे गहने सेविंग्स लेकिन बार-बार मत
सुनाओ
प्लीज पति को गिल्ट फील होता है वह परेशान
हो जाता है कि उसे स्वीटी को कुछ कहना ही
नहीं चाहिए था कि तभी स्वीटी का फोन बजता
है पापा आप क्या हो गया सब ठीक है ना बस
बेटा चल रहा है सही समय में तेरी शादी
करवा दी वरना अब तो कुछ बचा ही
नहीं बेटा मैं तो बस यह बोल रहा था कि
अच्छे घर में शादी हुई है तो कभी-कभी कुछ
पैसे माय के भी भेज दिया
[हंसी]
करो स्वीटी को पापा की बात पर गुस्सा आ
जाता है ये क्या कह रहे हैं पापा फोन रखिए
स्वीटी सामने देखती है उसका कुत्ता बेड पर
रखी सिल्क की साड़ी को काट देता है पम्मी
नो नो पम्मी
तभी वहां पति और सास आ जाते हैं ओह यह
साड़ी तो मैं तुम्हारे लिए लाया था
तुम्हारे रूठने का गिफ्ट लेकिन यह तो पूरे
15000 की साड़ी थी ना
अब अब क्या अब यह कुत्ता नहीं
बचेगा अरे बहू कुत्ता
नहीं पम्मी नाम है इसका भूल गई
क्या
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