रात का खाना Raat Ka Khana _ Hindi Stories _ Kahani _ Moral Stories _ Bedtime Stories _ Khani Stories_transcript
रात का खाना कमला देवी का परिवार बहुत
बड़ा होता है दो बेटे बहुएं बच्चे और
रिश्तेदारी में आन जान भी बहुत था सब कुछ
अच्छा चल रहा था बड़ी बहू तो काफी समय से
नौकरी कर रही थी और छोटी बहू अंजलि की
नई-नई शादी हुई थी तो वह अभी घर ही समझ
रही थी एक दिन वह अपने पति कार्तिक से
कहती है दीदी तो ऑफिस चली जाती है उनका तो
टाइम पास हो जाता है मैं सारा दिन घर में
बोर हो जाती हूं बोर हो जाती हो टाइम बचता
है क्या तुम्हारे पास मुझे तो लगा था कि
घर में ही काम बहुत होता होगा हां काम तो
होता है पर सारा दिन मैं घर का काम तो
नहीं कर सकती मैं परेशान हो जाती हूं तो
तुम क्या चाहती हो अंजली मैं सोच रही हूं
कोई छोटा मोटा काम कर लूं जिससे टाइम पास
भी हो जाए और पैसे भी आ जाए तुम्हें पैसे
चाहिए क्या अरे बात पैसों की नहीं है मुझे
बस कुछ करना है फ देख लो मुझे बहुत काम है
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा अंजली अपनी
भाभी सिमरन से बात करती है अरे तुम क्यों
काम करने के पचड़े में पड़ रही हूं मुझे
देखो बस जबरदस्ती काम कर रही हूं मुझे कोई
मजा थोड़ी ना आता है नहीं भाभी कुछ तो
करना है चाहे ऑनलाइन ही सही पर कुछ तो
करना
है हां यह सही है तुम बच्चों को पढ़ा दो
ऑनलाइन बस अब अंजली को यह बात समझ में आ
जाती है और वह ऑनलाइन क्लासेस लेने लगती
है शुरू शुरू में तो उसे बहुत अच्छा लगता
है पर फिर धीरे-धीरे घर डिस्टर्ब होने
लगता है हर समय घर फैला रहता और रसोई भी
गंदी पड़ी रहती
देखो अंजली मैंने कहा था नाना कामकाज के
चक्कर में मत पड़ो घर नहीं संभले अब देखो
कितना फैला रहने लगा है तो यह घर साफ रखना
अकेली मेरी जिम्मेदारी तो नहीं है ना भाभी
आप भी तो इस घर की बहू हो अरे पर मेरे पास
ऑफिस का कितना काम रहता है मुझे टाइम नहीं
मिलता हां तो मैं भी तो खाली नहीं हूं ना
अब दोनों में बोलचाल बंद हो जाती है पूरे
घर का माहौल बिगड़ जाता है खासकर रसोई और
खाने का हिसाब किताब तो बिल्कुल ही बिगड़
जाता है शाम को सब साथ में मिलकर इस
मुद्दे पर बात कर ने बैठते हैं ऐसा कर
सकते क्या कि रात होने से थोड़ा पहले ही
अच्छा खासा भारी खाना खा ले तो बार-बार
रसोई में जाने का चक्कर ही नहीं होगा हां
यह ठीक है यह कर सकते हैं सब इस बात पर
राजी हो जाते हैं घर में शांति का माहौल
बन जाता है दोनों बहुएं अपना काम भी ठीक
से करने लगती है कुछ दिन सही चलता है पर
फिर सब कुछ उल्टा होने लगता है एक दिन रात
के 3:00 बजे कार्तिक किचन में खाने के लिए
कुछ ढूंढ रहा था कमला देवी आवाज सुनकर
उठकर बाहर आती है अरे क्या हुआ क्या चाहिए
वो भूख लग रही थी 7:00 बजे खाना खा लिया
था ना तुम ही ने तो यह राय दी थी अरे तो
क्या करते हम उन दोनों की रसोई की समस्या
ही खत्म नहीं हो रही है चलो यह सब बाद में
देखेंगे अभी तुम कुछ खा लो कार्तिक थोड़ा
बहुत कुछ खा लेता है और सो जाता है थोड़ी
देर बाद सुयश आता है और एक-एक करके सब बचा
हुआ खाना खाने आते हैं अगले दिन सुबह के
11:00 बज जाते हैं पर कोई उठता ही नहीं
दोनों बहुए सबको को उठाती है अरे क्या हुआ
सबको आज ऑफिस नहीं जाना क्या आप लोगों को
आंख मलते मलते कार्तिक और सुयश उठते हैं
आंखें नहीं खुली बहुत देर तक भूख के मारे
नींद नहीं आई फिर उठ के कुछ खाया तब सोया
तुम भी उठे थे क्या खाने के लिए तुम भी
मतलब सबको पता चलता है कि सब आधी रात को
खाना खाने उठे थे और इसीलिए नींद नहीं
खुली दोनों बहुएं सर पकड़ लेती है यह तो
उल्टा ही पड़ गया रसोई का काम ना हुआ
मुसीबत सी हो गई हां सच में इस चीज का तो
हल निकालना ही पड़ेगा ठीक है कुछ ऐसा
सोचेंगे कि दोनों काम हो जाए रात का खाना
भी और सुबह का नाश्ता भी अगले दिन फिर से
वह दोनों शाम को काफी भारी खाना बना देती
है छोले भटूरे और चावल सब शाम के आसपास ही
खाना खा लेते हैं क्योंकि यह खाना काफी
भारी होता है कोई भी आधी रात को वापस खाने
नहीं उठता अगली सुबह नाश्ते के टाइम अरे
वाह आज तो बड़ी अच्छी खुशबू आ रही है किचन
से क्या बन रहा है बस अब देखते जाइए हमारा
कमाल थोड़ी देर में अंजली और सिमरन सबको
छोले चाट खिलाती हैं सब उंगलिया चाटते रह
जाते हैं भाई आज तो मजा आ गया काफी दिन
बाद बढ़िया सा खाना खाया है पर तुम दोनों
ने इतना जल्दी यह सब कैसे बना लिया हां यह
तो मुझे भी जानना है इतनी जल्दी इतना हैवी
नाश्ता कैसे बना लिया दोनों एक दूसरे को
देखकर मुस्कुराने लगती है दोनों ने रात के
बचे हुए छोले से ही टया छोले बना दिया था
बाद में दोनों बात करते हैं ये तो बहुत
सही हो गया ना ना रात को खाना बनाना पड़ा
और ना ही सुबह का नाश्ता हां सही कह रही
है भाभी अब से रोज ही ना ऐसे ही किया
करेंगी रात के बचे हुए खाने से बढ़िया
नाश्ता हो जाएगा सबका दोनों अपने-अपने
कामों में लग जाती है एक ऑफिस चली जाती है
और दूसरी अपनी ऑनलाइन क्लासेस में लग जाती
है कुछ दिन तो यह सिस्टम सही चलता है पर
फिर एक दिन कार्तिक का गुस्सा फूट पड़ता
है पता नहीं क्या नया चालू कर दिया है
दोनों ने पुराना खाना खिला-खिला कर बीमार
कर देंगे ये दोनों पर पहले तो तो आप हीने
तारीफ करी थी ना उस दिन तो आप बड़ा
उंगलिया चाट चाट कर खा रहे थे अरे एक दो
दिन की बात हो तो ठीक है तुम दोनों ने तो
रोजका ये बना लिया है इतने में सुयश भी
आता है हां भाई अब तो मैं भी परेशान हो
गया हूं यह सब दोदो बार खाकर रात को भी
इतना भारी खाना खाओ फिर वही सुबह भी खा लो
मेरा तो पेट भी अब खराब रहने लगा है क्या
जरूरत है तुम दोनों को नौकरी करने की हम
कमा तो रहा है घर ठीक-ठाक चल तो रहा है
वही तो ठीक-ठाक ही चल रहा है खुश तो नहीं
है ना सब छोटी-छोटी चीजों के लिए मन मानना
पड़ता है ऐसा क्या मन मानना पड़ रहा है
तुम्हें सब कुछ अच्छा तो है हां पर हमें
आपसे मांगना पड़ता है हमें अपने खुद के
पैसे चाहिए इसलिए हम दोनों काम करना बंद
नहीं करेंगे इतना कहकर दोनों अंदर चली
जाती हैं हमने इन लोगों को जवाब तो दे
दिया पर मुझे भी ऐसा लग रहा है कि बहुत
दिन से हम पुराना खाना ही खिला रहे हैं
सबको पर फिर करे भी तो क्या करें सुबह
मुझे तो जल्दी ऑफिस जाना होता है अब
रोज-रोज नए पकवान तो मैं बना नहीं सकती
सुबह मेरी भी ऑनलाइन क्लासेस होती है
ज्यादा टाइम तो मैं भी नहीं निकाल पाऊंगी
कुछ तो सोचना पड़ेगा इतनी देर में उनकी
सास आती है और उन दोनों की पूरी बात सुन
लेती है अच्छा तो यह सब तुम दोनों
जानबूझकर कर रही हो तभी मैं सोचू पहले तो
इतना खाना कभी नहीं बचता था आजकल इतना
खाना कैसे बचने लगा है पर मां जी हम कुछ
फेंक तो नहीं रहे हैं ना सब काम तो आ जाता
है अरे पर खाना तो बास खा रहे ना तभी
कार्तिक और सुयश आधे समय नाश्ता भी नहीं
करते आप ठीक है मां जी कल से नहीं होगा
इतना सुनकर कमला वहां से चली जाती
है आपने कह तो दिया कल से नहीं होगा पर
क्या आप सुबह उठकर इतना ताजा नाश्ता बना
पाओगी अरे नहीं नहीं नहीं मैं इतनी जल्दी
नहीं उठ सकती बस तुम मेरा कमाल देखती जाओ
पता नहीं क्या करने वाली है उस दिन शाम को
दोनों मिलकर बराबर सा खाना बनाते हैं ना
कम ना
ज्यादा चलो खाना तो सारा खत्म हो गया अब
सुबह के नाश्ते की तैयारी कर ले कुछ कुछ
नहीं करना सुबह की सुबह देखेंगे अंजली भी
सोच रही थी कि यह ऐसा क्या करने वाली है
वह भी सुबह का इंतजार करने लगती है अगली
सुबह अरे भाई कुछ नाश्ता है या नहीं कुछ
बनता हुआ तो दिख नहीं रहा मुझे अंजलि के
तो हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैं उसने भी
सिमरन के कहने पर कुछ नहीं बनाया था इतने
में सिमरन आती है हां मां जी वो आज ना
मुझे कुछ चटपटा खाने का मन कर रहा था तो
मैंने बाहर से मंगवा लिया अभी सबके लिए
समोसे कचौड़ी आते ही होंगे सिमरन अपनी
चालाकी पर मन ही मन खुश हो रही थी कि कैसे
वह नाश्ता बनाने से बच गई पर कमला अपना सर
पकड़ लेती है हे भगवान अब यह क्या नया
नाटक है बाहर के खाने से तो और बीमार
होंगे सब पर यह तो ताजा नाश्ता है ना यह
तो पुराना नहीं है भा क्या बात है तुम
लोगों को बात समझ में नहीं आती या समझना
नहीं चाह रही जब बार-बार बोल रहे हैं सबके
पेट खराब रहने लगे हैं थोड़ा ढंगा खाना
नाश्ता बनाया करो समझ में क्यों नहीं आती
बात हां भाई जरा सी बात समझ में आ रही है
क्या दोनों सर नीचे करके अपने कमरे में
चली जाती हैं सुनो ना अब बात हो गया हम
दोनों का शॉर्टकट काम अब लगता है सीधे
तरीके से काम करना ही पड़ेगा हां सही बोल
रही हू इन लोगों को ताजा और हेल्दी नाश्ता
खाना है तो वह कल से बना देंगे हम और क्या
दोनों को समझ में आ गया था कि उनकी
शॉर्टकट काम नहीं आ रहे और दोनों को किचन
ठीक से संभालना ही पड़ेगा अगले दिन से वोह
सबके लिए ताजा-ताजा नाश्ता बना लगती
है आगे बढ़ने की चा रखना कोई गलत बात नहीं
है लेकिन क्या हो जब महत्वाकांक्षा इतनी
बढ़ जाए बहू यह नौकरी ही करती रहेगी या
कुछ घर का काम भी करेगी जब देखो बस अपने
ऑफिस का काम करती रहती हो मम्मी जी आप
नहीं जानती मैंने यहां तक पहुंचने के लिए
कितनी मेहनत की है मेरा हमेशा से सपना था
कि मैं खूब पैसे कमाऊं बड़ी गाड़ी में
घूमू और बड़े बंगले में रहू घर का काम तो
नौकर करते हैं जैसे
आप जैसे मैं क्या जानती है तू मेरे बारे
में मैंने इस घर को अपने पसीने से खड़ा
किया
है घर पसीने से नहीं पैसे से खड़ा होता है
मम्मी जी जो मैं कमा रही
हूं समझी लंबी गाड़ी महंगे फोन और कपड़े
यह सब चाहिए मुझे लेकिन बहू अगर तुम नौकरी
नहीं करोगी ना तो भी तुम्हें यह सब चीज
मिल जाएगी मेरा बेटा सब कुछ तो दे रहा है
कोई कम पैसे तो वह भी नहीं कमाता उसकी
कमाई देखकर ही तो फसाया था तूने याद है ना
वरना उसके लिए संस्कारी रिश्तों की कमी
नहीं
थी संस्कारी भी फेल है सरकारी वाली के
पीछे मम्मी जी यह सब तो मैं भी जानती हूं
लेकिन मैं यह सब अपने कमाए पैसों से चाहती
हूं ना कि अपने पति के पैसे और मैं भी
ऑफिस जा ना चाहती हूं काम करना चाहती हूं
मैं भी चाहती हूं कि लोग मेरे आगे पीछे
मैम मैम करके घूमे और मैं उनको बॉस बनकर
ऑर्डर दूं यू नो वर्क लाइक अ मैन लाइक अ
मैन अरे लाइक अ मैन बनने के चक्कर में बहू
वुमन भी ना रह जाओ अरे क्यों बहू मैं
जानती हूं तू बहुत महत्वाकांक्षी है लेकिन
तू अपने सपनों के लिए अपने परिवार को भूल
जाएगी क्या और अगर आगे बढ़ने की इतनी ही
चाहती तो शादी क्यों की
बस कीजिए मम्मी जी बहुत थक गई हूं मैं
मुझे आराम करना है और मेरा खाना प्लीज
मुझे मेरे कमरे में ही दे देना मैं वहीं
खाऊंगी यह कहकर बहू चली जाती है अपने कमरे
में अगले दिन मम्मी टीचर ने आपको स्कूल
में बुलाया है मुझे लेकिन क्यों क्या हो
गया वक्त नहीं है मेरे पास वैसे हुआ क्या
है फीस तो मैं समय से दे रही हूं और क्या
चाहिए इन स्कूल वालों को मम्मी इस बार
मेरे एग्जाम्स में नंबर कम आए तो मैम आपसे
मिलना चाहती है नंबर कम आए है तो और पैसे
ले ले क्या है यह वक्त खराब करते रहते हैं
नंबर कम आए है अरे तभी तो मैं तुझे बोलती
रहती हूं पढ़ ले और तू है कि पूरा दिन बस
वीडियो गेम देख बह तेरे ध्यान ना देने का
नतीजा इसके नंबर कम आने लग गए हैं मम्मी
जी कोई बात नहीं है अभी वह बच्चा है और
स्कूल टाइम में ऐसा होता रहता है संभल
जाएगा वैसे भी हम लोग कमाकर इतना पैसा जमा
कर देंगे कि ये बैठकर खाएगा तो भी खत्म
नहीं होगा बहू अगर तेरे यही तेवर रहे तो
मुझे डर है कि कहीं गोलू तुम्हारे हाथ से
ना निकल जाए इसलिए घर पर ना सही बच्चों पर
तो थोड़ा ध्यान दो मम्मी जी आप फिक्र मत
कीजिए मैं सब संभाल लूंगी चलिए ऑफिस के
लिए निकलती हूं हाथ से बच्चा निकले ना
निकले आप मुझे ऑफिस से जरूर निकलवा देंगी
मैं निकलवा दूंगी अरे तेरी
हरकत इसे तो कहना ही बेकार है लगता है अब
विक्रम ही इससे बात करेगा सास बेटे को फोन
करके सारी बात बता देती
है हम त सही बोल रही है आखिर हम काम तो
मुन्ने के लिए ही कर रहे हैं अगर वही ठीक
नहीं निकला तो मैं बात करता हूं उससे शाम
को बहू जब काम से घर लौटती है मम्मी जी
अगर आपको यहां किसी चीज परेशानी थी तो आप
मुझसे बोलती इनको फोन करके बताने की क्या
जरूरत थी क्योंकि तू मेरी बात सुनने को
तैयार ही कहां होती है तुझे तो केवल अपने
काम की पड़ी होती है मैंने अपनी परेशानी
अपने बेटे को बता दी अब वही सब यहां आकर
संभाल सकता है कुछ दिनों बाद बेटा विदेश
से घर आता है यह सब क्या हो रहा है मैं
नौकरी करने विदेश क्या चला गया तुमने तो
घर के कामों से छुट्टी ही ले ली अगर मुझे
पता होता तुम ऐसा कुछ करोगी तो मैं कभी भी
देश ही नहीं जाता लेकिन मुझे समझ में नहीं
आ रहा तुम ऐसा क्यों कर रही हो तुम घर पर
ध्यान क्यों नहीं दे रही घर के कामों पर
क्या ध्यान देना उनके लिए मम्मी जी है ना
मैं भी तुम्हारी तरह पैसे कमा रही हूं और
अपने सपने पूरे कर रही हूं मैं पैसे अपने
सपने पूरे करने के लिए नहीं हम सबके लिए
कमाता हूं ताकि तुम सब बढ़िया से रहो
तुम्हें किसी चीज की दिक्कत ना हो और वैसे
भी हमें तुम्हारे जॉब करने से कोई
प्रॉब्लम नहीं है प्रॉब्लम यह है कि तुम
अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारियां पूरी
नहीं कर रही हो पूरी जिम्मेदारी उठाने का
ठेका मैंने लिया है क्या अरे कुछ तुम ही
कर लो ऐसा है तो ठीक है मां मैं घर के
कामों के लिए नौकर रख रहा हूं और गोलू की
पढ़ाई वगैरह मैं सब खुद देख लूंगा अगले
दिन से घर का सारा काम नौकरानी संभाल लेती
है और कभी-कभी तो वह सास की देखभाल भी
करती है तूने एकदम सही लड़की को काम पर
रखा है कितना काम करती है और शिकायत का एक
भी मौका नहीं देती दिखने में भी कितनी
सुंदर है बेटा सच कहूं तो बह ऐसी ही होनी
चाहिए मां वैसे भी यह नौकरानी नहीं है
दरअसल यह मेरे ऑफिस में ही थी लेकिन जब
मैंने इसे अपने घर की प्रॉब्लम बताई तो
मेरी मदद करने के लिए राजी हो गई दूसरों
के लिए सोचती भी कितना है हां मां मुझे
नहीं पता था कि यह गीता इतना अच्छा घर का
काम भी कर लेती है वैसे मां यह ऑफिस में
भी सब कुछ संभाल लेती है
वह भी अच्छे से बहुत महत्वाकांक्षी नहीं
है लेकिन सबको लेकर आगे कैसे बढ़ना है यह
इसे अच्छी तरह पता है मुझे इसकी सबसे
अच्छी बात क्या लगती है पता है क्या बेटा
जब मैं घर पर नहीं होता तो यह आपका और
गोलू का कितना अच्छा ध्यान रखती है तभी घर
में मेहमान आ जाते हैं ओहो यह लोग भी ना
धर्मशाला समझकर रोज आ जाते हैं यह बोलकर
वो अंदर चली जाती है अरे आइए आइए बेटा जरा
चाय पानी लेकर
आना तभी गीता सुंदर सी साड़ी में अच्छे से
चाय पानी लाकर टेबल पर रख देती है हाय रे
आपकी बहू सही रास्ते पर आ गई नहीं तो
हमेशा हवा हवाई बनकर घूमती रहती थी अरे
नहीं नहीं यह नौकरानी है हम लोगों के यहां
बेटे के ऑफिस में ही नौकरी करती है वो
क्या है ना पैसों की जरूरत पड़ गई थी इसे
तो पार्ट टाइम में लेकिन कितना अच्छे से
काम संभाल लिया है आपका घर भी चमक रहा है
और सब कितना अच्छा लग रहा है तभी बहू आ
जाती है इसी काम का तो उसे पैसा मिलता है
तो उसे करना ही पड़ेगा ना कितनी अच्छी
लड़की है काश मैं इसकी शादी तुझसे करवा
पाती मुझे एक अच्छी बहू मिल जाती और तुझे
एक अच्छी बीवी मम्मी जी आप ये क्या बोल
रही है मैं तो बस वही बोल रही हूं जो मेरे
मन में आया कुछ गलत कहा क्या यह सुनकर बहू
उठकर अंदर चली जाती है सोचने लगती है आज
मम्मी जी ऐसा बोल रही है कल को मम्मी जी
ने ऐसा कुछ सच में कर दिया तो मेरा क्या
होगा वैसे भी मम्मी जी मेरे से परेशान
रहती हैं और मम्मी जी ने इनको दूसरी शादी
के लिए मना लिया
तो नहीं नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं होने दूंगी
मैं इनको एक अच्छी बहू बीवी और मां बनकर
[संगीत]
दिखाऊंगी उस दिन के बाद से बहू अपने
परिवार का ख्याल रखना और एक अच्छी बहू
बीवी और मां बनना शुरू कर देती है
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