जिठानी मेरी मर्नी प्रिया की नई-नई शादी
हुई होती है और वोह तैयार हो रही थी तभी
उसके कमरे में उसकी जिठानी रुचि आती है
अपनी जिठानी को देखकर रुचि बहुत हैरान हो
जाती है यह देखकर रुचि कहती है क्या हुआ
प्रिया तुम तैयार क्यों नहीं हुई तुम्हें
पता है ना तुम्हारी आज मुंह दिखाई की रस्म
है सब लोग तुम्हें देखने के लिए आ रहे हैं
और अब तक तुम तैयार भी नहीं हुई दीदी मैं
तो तैयार हो जाऊंगी लेकिन आप है ना
तुम्हें भी यही लग रहा है ना कि मैं तैयार
नहीं हूं मैं मांजी से बोल रही थी कि
मैंने अभी तक कुछ नहीं किया लेकिन मां जीी
मना करने लग गई मुझे कि मैं ही तैयार ना
हो जाऊं रुको तुम मैं भी थोड़ा बहुत तैयार
होकर आती हूं नहीं नहीं दीदी इतना ही बहुत
है अब आप और कुछ मत करो क्या हुआ प्रिया
मैं अच्छी नहीं लग रही हूं क्या अगर ऐसा
है तो बताओ मैं अभी जाकर कुछ और पहन लेती
हूं पहले ही मोरनी बनी है यह इतना सतरंगी
कौन बनता है अभी कुछ बोल दिया और इन्हें
बुरा लग गया तो मुझे ही सब बोलेंगे ससुराल
में एक दिन भी नहीं हुआ और देवरानी जिठानी
में तूतू में मैं होने लगी क्या हुआ
देवरानी जी कहां खो गई बताओ ना सब ठीक तो
है ना यह कपड़े अच्छे लग रहे हैं ना दीदी
आप बहुत सुंदर लग रही हो और यह कपड़े ना
आप पर बहुत जज भी रहे आपको देखकर कोई यह
नहीं कह सकता कि आपकी शादी हो गई है आप तो
बहुत सुंदर लग रही हो अब इतनी भी कुछ खास
नहीं
लगती लेकिन चलो मान लेती हूं हूं बहुत
सुंदर कोई मुझे देख लेना तो बिना तारीफ
करे रह नहीं पाता बिल्कुल सही कह रही हो
दीदी आप तुम्हें पता है आसपास की लड़कियां
ना मुझसे बहुत चलती है क्योंकि मैं उनसे
काफी बड़ी हूं लेकिन फिर भी किसी हीरोइन
से कम नहीं लगती ऊपर से मैं कपड़े भी इतने
अच्छे पहनती हूं तो सबको ना जलन होती है
मुझसे अब आप होई इतनी सुंदर लोगों को जलन
तो होगी ही तुम भी ना क्या मेरी तारीफ
करने बैठ गई मेरी तारीफ में तो पूरा दिन
भी कम लगेगा और आज तुम्हारी मुंह दिखाए की
रस्म है तो तुम तैयार हो जाओ वहां भी सब
लोग मेरी तारीफ करेंगे पर है तो तुम्हारी
मुंह दिखाई चलो बाद में बात करेंगे हां
रुचि ऐसे ही हमेशा बनठन के रहती पर प्रिया
को लगता है कि वह सिर्फ एक रस्म के लिए
तैयार हुई है फिर जब वह रोज-रोज जिठानी को
ऐसे तैयार होता देखती है तो कुछ बोल नहीं
पाती एक दिन प्रिया अपनी जिठानी के साथ
बाजार जा रही थी तभी रास्ते में उसकी उनकी
पड़ोसन विमला मिलती है आंटी जी नमस्ते
कैसी हैं आप मैं तो बिल्कुल ठीक हूं और
रुचि आज तो कुछ ज्यादा ही सुंदर लग रही है
ऐसा लग रहा है अभी-अभी मोरनि नाच के आ रही
है क्या भी सच में इतनी सुंदर लग रही हो
देखा प्रिया मैं तुम्हें बताती थी ना कि
सब लोग मेरी कितनी तारीफ करते हैं तुम
मानोगी नहीं जहां जाती हूं वहां सब लोग
मेरी इतनी तारीफ करते हैं कि मुझे घर आकर
चार बार नजर उतार नहीं पड़ती है आ नहीं तो
क्या अब रुचि है ही इतनी सुंदर कपड़े देख
रही हो इतने अलग-अलग हैं एक आंख पर अलग
काजल दूसरी आंख पर अलग सच में दूर से ही
चमक जाती हो तुम तो
आंटी जी अगर आपको भी मेरी तरह सब कुछ
अलग-अलग लेना है ना तो मैं बता दूंगी कहां
से मिलता है सब मैं वहीं से शॉपिंग करती
हूं आपको भी बता दूंगी नहीं नहीं नहीं
नहीं तू इतनी सुंदर लगती है मुझे तो मन
करता है बस तुझे ही निहारते रहो तू हर चीज
अलग-अलग तरह के पहनती है ना तुझे देखकर
मोर ही याद आता है जिसमें इतने सारे
अलग-अलग कलर होते हैं तू भी बिल्कुल वही
है
मोरनी प्रिया बहू तू अपनी जिठानी से कुछ
सीख क्यों नहीं तू भी अपनी जिठानी की जरा
मोरनी बनकर घुमा कर हां प्रिया आंटी सही
कह रही है तू भीना मेरी तरफ बनकर घुमा कर
फिर पूरे मोहल्ले में देवरानी जिठानी
मोरनी बनेगी नहीं नहीं दीदी अभी तो आंटी
जी ने कहा कि आप इतनी सुंदर लगती है कि
आपको ही निहारने का मन करें मेरा भी मन
करता है कि मैं आपको निहारती रहूं और वैसे
दीदी हमें ना लेट हो रहा है घर जाने के
लिए मांजी हमारा इंतजार कर रही होगी घर
चलते हैं ना अरे हां मैं तो भूल ही गई चलो
जल्दी घर चलते हैं दोनों वहां से घर चले
जाते हैं लेकिन अब प्रिया को अपनी ठार के
साथ जाने में शर्म आने लगी थी क्योंकि
जहां भी वह जाते सब लोग वहां रुचि का मजाक
बनाने लगते और रुचि उन लोगों की बातों में
आ जाती और खुद को सच में मोरनी समझने लगती
कुछ दिनों बाद रुचि अलग-अलग कलर की साड़ी
लेकर अपनी नन ज्योति के पास जाती है और
कहती है ज्योति जरा यह दोनों साड़ी देखो
और बताओ इनमें से कौन सी ज्यादा अच्छी लग
रही है वो क्या है ना मुझे एक फंक्शन में
पहननी है मैं सोच रही हूं कौन सी पहनू
बहुत परेशान हो गई हूं
भाभी अब कौन से फंक्शन में मोरनी का डांस
करने जा रही हो अरे हमारे घर के फंक्शन की
बात कर रही हूं हमारे घर पर परसों
सत्यनारायण की कथा है ना तो मैं सोच रही
हूं सत्यनारायण की कथा में मैं कौन सी
साड़ी पहनूंगी इसलिए ना मैं तुमसे सजेशन
ले रही हूं वैसे तो मेरी पसंद बहुत अच्छी
है सभी लोगों को पसंद आती है बट इन दोनों
साड़ी में कंफ्यूज हो गई हूं भाभी आपको
क्या जरूरत है कोई भी साड़ी चूज करने की
आप तो बस आंखों में नीला और पीला काजल लगा
लो आंख बंद करके जो साड़ी चुन लोगी वही
अच्छी लगेगी पूरे फंक्शन में मोरनी लगेंगी
मोरनी पंडित जी भी तारीफ
करेंगे हर कोई रुचि का इसी तरह मजाक बनाने
लगता है पर रुचि इस बात को समझ नहीं पा
रही थी कुछ दिनों बाद वह मोरनी बनी तैयार
थी तभी वह अपनी देवरानी से कहती है चले
प्रिया मैं भी तुम्हारे साथ जाऊंगी मैंने
सोचा घर में अकेले बैठे-बैठे बोर हो जाती
तो क्यों ना मैं भी तुम लोगों के साथ चलूं
बाकी सब तो चले गए तुम ही बची हो मैं
तुम्हारे साथ चलती हूं अ दीदी सब लोग शादी
में गए हुए हैं और मैं भी पार्लर जा रही
हूं आप कहां मेरे साथ आओगी अरे नहीं नहीं
नहीं घर पर मेरा मन नहीं लगता मैं नहीं रह
पाती घर पर मैं तुम्हारे साथ पार्लर ही
चलती हूं ना मैं भी कुछ करवा लूंगी वैसे
जरूरत तो नहीं है मुझे उनके साथ पार्लर
जाऊंगी तो पार्लर वाली भी मजाक बनाएगी
इनका इनका क्या है इन्हें तो कुछ समझ में
नहीं आता मजाक तो साथ वालों का बनता है
वैसे हर जगह इनकी वजह से मेरा भी मजाक बन
गया अब वहां पर भी नहीं बनवाना मुझे चले
प्रिया दीदी माफ करना मैं आपके साथ जाना
तो चाहती हूं लेकिन मेरी एक फ्रेंड है ना
पहले मैं उसके घर जा रही हूं उसने मुझे
बुलाया था कुछ जरूरी काम है फिर वहां से
हम दोनों साथ में पार्लर जाएंगे अगर आपको
पार्लर जाना है तो अपने पास वाले में चली
जाइएगा अच्छा मैं चलती हूं शाम को मिलूंगी
आपसे बस अपनी जिठानी के साथ ना जाना पड़े
इसलिए प्रिया वहां से झूठ बोलकर जल्दी चली
जाती है धीरे-धीरे कई दिन निकल जाते हैं
प्रिया अपनी जिठानी के साथ कहीं बाहर जाना
बंद कर देती है कुछ दिनों बाद प्रिया घर
का काम कर रही होती है लेकिन उससे कुछ भी
काम ठीक से नहीं होता यह सब देखकर प्रिया
की सास रमा कहती है क्या रे तुझसे काम ठीक
से नहीं होता मैं देख रही हूं तू कुछ भी
ढंग से नहीं कर पाती बस अपनी जिठानी का
मजाक बनाना आता है क्या मां जी यह आप क्या
कह रही है मैंने कब चटानी जी का मजाक
बनाया मैं तो उन्हें कभी कुछ कहती भी नहीं
हूं शायद तू भल रही है कि मैं सास हूं तुम
दोनों की सारी चीज मुझे अच्छे से पता होती
है तुझे अपनी जेठानी के साथ कहीं बाहर
जाना पसंद नहीं है इसलिए तो उसे कहीं लेकर
नहीं जाती उसका मजाक बनाती है अरे मजाक
बनाने में जब इतना आगे रहती है तो काम
करने में क्यों नहीं रहती अरे ढंग से काम
किया
कर मांजी आप क्यों खामखा बिया को डांट रही
है उसकी कोई गलती भी नहीं है और हो जाती
है ना छोटी मोटी गलतियां काम ढंग से नहीं
किया तो कर लेगी और मैं हूं ना काम करने
के लिए आप भी ना रुचि प्रिया का साइड लेती
है यह देखकर प्रिया को अच्छा लगता है और
कहीं ना कहीं बुरा भी लगता है कि उसने
अपनी जेठानी का मजाक बनाया ऐसे ही कई दिन
निकल जाते हैं कुछ समय के बाद प्रिया मां
नहीं बन पा रही थी इसलिए उसकी सास उसे
ताना देते हुए कहती है तुझे शर्म आ रही है
या नहीं आ रही कब तक अपनी सुनी गोद को
लेकर घर में भटकती रहेगी मेरे घर का वारिस
देखने का सौभाग्य मुझे मिलेगा भी या नहीं
मां जी हमने डॉक्टर को भी दिखा दिया लेकिन
फिर भी अभी तो कुछ हल नहीं निकला मैं भी
चाहती हूं कि मैं मां बनूं पर भगवान की
मर्जी के आगे मैं कुछ नहीं कर सकती तू तो
बांझ है बांझ मेरी तो किस्मत फुट गई तुझे
अपनी बहू बनाकर पता नहीं कौन से नक्षत्र
में तू मेरे घर में आई रमा अपनी बहू को
खूब सुनाती है यह सब देखकर रुचि से रुका
नहीं जाता मां जी बस कीजिए जिस बात में
प्रिया की कोई गलती नहीं है अब उसमें उसे
क्यों सुना रही है मेरा बच्चा भी तो है
अगर आपको पोते से इतना ही लगाव है तो उससे
लीजिए उसे तो आपने पढ़ाई के लिए हॉस्टल
भेज दिया और यहां अब प्रिया पर दबाव बना
रही है भगवान की मर्जी के आगे कुछ नहीं हो
सकता अब ताने देना बंद कर दीजिए दीदी मुझे
माफ कर दीजिए अब तक मैंने अपनी मोरनी
जिठानी का बहुत मजाक
बनाया लेकिन आपका यह रंग मुझे भा
गया मुझे अच्छे से पता था सब लोग मेरा
मजाक बनाते हैं लेकिन मैंने ना कभी भी इस
बात को दिल से नहीं लगाया इसलिए मुझे
तुम्हारी बात का भी बुरा नहीं लगा
जिस तरह से रुचि अपनी देवरानी का साथ देती
है ठीक उसी तरह से प्रिया भी अपनी जिठानी
का साथ देती है और कोई उसका मजाक बनाता तो
उसे जवाब भी देती
है कई महीनों बाद लॉकडाउन खुलता है तो
साधना का बाहर की दुनिया से फिर से सामना
होता है अरे दूध वाले भैया अब तो आप दे
जाया करें
दूध दूध वाला साधना को देखकर हैरान रह
जाता है जो बहू इतनी स्टाइलिश और सुंदर
हुआ करती थी उसे ये क्या हो गया अरे मैडम
जी कितनी बुड्ढी लग रही हो पहले तो मुझे
लगा कि मैं किसी गलत घर में तो नहीं आ
गया अरे ठीक है ठीक है अपना काम करो बड़े
आए साधना बड़ बढ़ाती अंदर आती है कि सास
कहती है अरे बहू कहां गई थी और ये हाथ में
क्या है दूध है मां अब दूध वाले भैया आने
लगे हैं दूध देने लॉकडाउन खुल गया है ना
अच्छा
पहले तो मुझे लगा 10 नंबर वाली रिचा है ना
उसकी दादी आ गई फिर ध्यान से देखा तो तुम
अरे काफी बड़ी लग रही हो सामने के बाल तो
देखो कितने सफेद हो
गए आप
भी ठीक है मान लिया ले आऊंगी बाजार से 00
वाला रंग और लगा लूंगी किसी दिन खुलकर
क्या करूं वक्त मिलता ही नहीं मुझे अरे
बाजार में इतने सारे पार्लर खुले हैं वहां
क्यों नहीं चली जाती
क्या करूंगी पार्लर जाकर मां जब घर में
खुद से ही रंग हो जाता है बस कटवा लूंगी
कोई हल्की सी डिजाइन में क्या कहा साधना
बाल कटवाना है चलो चलो मेरे साथ मैं
पार्लर जा रहा हूं तुम भी साथ चलो अरे
नहीं नहीं आज तो मटर पनीर बना रही हूं
राहुल का कॉलेज खुला है काफी दिन बाद तो
डिमांड आई है मटर पनीर की अरे तो बना लो
ना मैं कौन सा भागा जा रहा हूं बाकी मां
पैक कर देगी हा हा ले जा इसे पार्लर अरे
पता नहीं क्यों खुद पर ध्यान ही नहीं देती
साधना किचन में जाती है अदरक लहसुन पीस
रही होती है कि सामने चमकते कुकर में उसकी
परछाई पड़ती है हे भगवान यह मैं हूं बाल
कितने सफेद लग रहे हैं चेहरे पर चमक भी
नहीं दिखाई दे रही है यह कुकर को ही पलट
कर रख देती हूं सामने दिखता रहेगा तो
टेंशन होती रहेगी लेकिन कहते हैं ना आखिर
कब तक चेहरे को छुपाती एक दिन अरे साधना
डाउन में पूरी दुनिया साल पीछे पहुंच गई
लेकिन अकेली तुम साल आगे गई अरे कैसी शक्ल
बना रखी है हां यार रंग लगाने का वक्त ही
नहीं मिल पा रहा है घर पर अरे तो पार्लर
जा आजकल तो वैसे ही ब्यूटी सर्विस पर
अच्छा खासा ऑफ चल रहा है कम दाम में अच्छे
हो जाएंगे तेरे बाल अच्छा चल पार्लर से
याद आया मेरी फेशियल की डेट है आज अरे
कैसी डेट तेरा चेहरा तो वैसे ही चमक रहा
है मेरी हालत देख देखना देख रही हूं तभी
तो जा रही हूं कि कहीं ऐसी हालत ना हो
जाए सहेली के जाने के बाद साधना सोचने
लगती है बोल तो सही रही थी कि ब्यूटी
सर्विस में डिस्काउंट चल रहा है लेकिन
कितना चल रहा होगा ऐसे तो 00 में ही मेरा
काम हो जाता है अरे कितना भी सस्ता पार्लर
होगा 500 से कम क्या लेगा इतने में तो मैं
पाच महीने बालों को रंग कर लू साधना यही
सोचती है घर को लौट रही थी कि पीछे से पति
का दोस्त साधना के पैर छू लेता है जिसे
देख साधना सक पका जाती है अरे ओमकार भैया
ये क्या ओ भाभी आप दरअसल साड़ी देखकर लगा
आंटी जा रही है बाल भी सफेद और साड़ी
भी वो साड़ी मांजी की है मैंने आज पहन ली
कोई बात नहीं अरे पर भाभी आप राकेश की मां
जैसी ही लग रही है बुरा मत मानिए यह क्या
हालत बना रखी है साधना को समझ में आ जाता
है कि अब तो वक्त आ ही गया है कि उसे खुद
पर ध्यान देना ही होगा वह घर आती है उस
दिन तो तुम्हारे कारण मैं भी पार्लर नहीं
जा पाया लेकिन आज जा रहा हूं चलना है तो
बोलो साथ अब तो साधना ने तय कर ही लिया था
कि आज खुद के लिए समय निकाल कर ही रहेगी
हां हां जाना ही तो है मैं अभी तैयार होकर
आई साधना सास के पास आती है
अरे क्या हुआ साधना कोई कंफ्यूजन है क्या
हां मां जी आपको कैसे पता क्योंकि यह तेरा
मुंह है ना तभी ऐसा बनता है अब बता क्या
माजरा है बहू सास को सब की बात बता देती
है जो उसके साथ घटना घटी ओ तो तू इन सबके
बोलने पर पार्लर जाने वाली है हां मां जी
लेकिन पैसे मुझे लग रहा है कि कहीं मैं
फालतू में पैसे तो नहीं लुटा रही अरे देख
बेटा एक बत जीवन में खुद पर पैसा लगा कर
देख और जैसे जैसे लोगों के कहने पर तूने
पार्लर जाने का सोचा वैसे ही यह सोच ले कि
जितने लोग तारीफ करेंगे तेरा पैसा वसूल
होता चला जाएगा क्यों बहू को बात समझ में
आ जाती है वह सास के पैर छूती है और पति
के साथ पार्लर चली जाती है पार्लर वाला
कहता है आइए मैम बैठिए क्या करवाना चाहती
हैं कटिंग कलर बस पार्लर वाले का यह क ही
था कि साधना झट बैग में से एक फोटो निकाल
कर उसे दिखाती है य यह फोटो देख रहे हैं
ना बिल्कुल ऐसे ही बाल चाहिए मुझे ओके मैम
अब आप बिल्कुल निश्चिंत होकर बैठ जाइए
वैसे आपके बाल ऑयली लग रहे हैं पहले वश
करना पड़ेगा साधना क्या करती अब सर दे
दिया है ओखली में तो मुसल से डरना
क्या हां हां ठीक है कर दीजिए पार्लर वाला
उसका सर धोता है बाल खाता है बीच-बीच में
बात भी करता है और कितना वक्त लगेगा साधना
आधा घंटा तो वैसे ही हो गया है हम आपको ही
तो शौक था ना लीजिए करिए अब इंतजार पति
वहां से चला जाता है और है स्टाइलिश बहुत
ही मेहनत से फाइनली साधना के बालों को
किसी हीरोइन के बालों की तरह कर देता है
और फिर साधना के पति को आवाज लगाता है सर
यहां आ जाइए मैं मैम के बालों को खोल रहा
हूं जैसे ही साधना का पति सामने आता है
पार्लर वाला साधना के बालों को छोड़ देता
है वह जैसे ही कंधे पर गिरते हैं साधना
किसी हीरोइन से कम नहीं लगती तो कैसा लगा
सर मैम का स्टाइल साधना का पति साधना को
देखता ही रह जाता है अब क्या हुआ सर ठीक
नहीं लगा क्या अब
क्या कैसा लगा सर मैम का
स्टाइल मैम के स्टाइल पर तो हम पहले से ही
फिदा है लेकिन मान गए जी साधना चलो ना आज
एक बार फिर शादी कर लेते
हैं जरूर वैसे कितने पैसे हुए भैया अ 000
मैम साधना को तो समझ में ही नहीं आता कि
उसने यह क्या सुन
लिया कितने कहा रंग लगाने
के यह हेयर कलर है मैम विथ स्मूथनिंग 5000
हुए हैं हे भगवान इतने पैसे इतने में ं
शादी में दुल्हन बन गई थी नहीं है नहीं दे
पाएंगे अरे कोई बात नहीं साधना शादी को 15
साल भी तो हो गए हैं तब और अब में महंगाई
कितनी बढ़ गई है और हर 15 साल में अगर
इतना ही खर्च कराओ गी खुद पर तो कोई भी
हंस हंस कर खर्च कर दे मेरी जाने मन
विश्वास नहीं होता तुम कितनी प्यारी लग
रही
हो आप भी
ना साधना के पति की बात सुनकर साधना शर्मा
जाती है और सोच लेती है कि अब थोड़ा-थोड़ा
खुद के लिए भी जीना है
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