बहू ले गई बेटा एक दिन सरिता देवी अपने
कमरे में बैठकर टीवी देख रही थी टीवी पर
कुछ सास बहू सीरियल चल रहा था जिसमें बहू
बहुत तेज थी सरिता देवी बड़बड़ करने लगती
है अरे यह तो कुछ भी नहीं है मेरी बहू से
मिलोगे ना कभी तब पता चलेगा इन सबकी अम्मा
है अम्मा आते ही मेरे बेटे पर जादू टोना
कर दिया व ये सब बोल रही थी तभी उसका बेटा
आता है क्या हुआ मां खुद से क्या बातें कर
रही हो आ तो किससे करूं बातें तेरी बीवी
के पास तो फुर्सत ही नहीं है जाब देखो
कमरे में ही बैठी रहती है मां वो काम करती
है ऑफिस जाती है थकती भी तो है ना हां तू
तो उसी की बोली बोलेगा ना पहले ही पट्टी
पढ़ा कर रखती है वो तुझे मां ऐसा कुछ भी
नहीं है आप उसको ना बहुत गलत समझती है अरे
बेटा तू तो राय नहीं दे तुझसे बात करना ही
बेकार है जा तू कमरे में ही जा दोनों अपनी
ही दुनिया में लगे रहो अपनी मां से ऐसी
बातें सुनकर वो भी वहां से उठकर चला जाता
है वह अंदर जाकर सोनाली से बात करता है
थोड़ा मां के पास भी बैठ जाया करो ना वो
वहां अकेले बैठी है क्या करूं वहां बैठकर
जब देखो जली कटी सुनाती रहती है सारा दिन
तो मैं ऑफिस में रहती हूं और जब घर आओ तो
इनके ताने सुने पड़ते हैं राज वहां से भी
उठकर चला जाता है एक सुबह सरिता सोनाली से
कहती है बह दो-तीन दिन के लिए ऑफिस से
छुट्टी ले लो मामा जी आ रहे हैं तुम्हारी
शादी के बाद वो पहली बार आ रहे हैं
दो तीन तीन नहीं मां जी इतना तो नहीं हो
पाएगा बाहर से क्लाइंट आ रहा है वह मुझे
ही अटेंड करना है अरे तुम्हारा क्लाइंट
ज्यादा जरूरी है या मेरा भाई तुम्हारे
मामा आ रहे होते तब भी तुम यही करती मेरी
फैमिली को बीच में लाने की क्या जरूरत है
हां चलने लगा ना मुह कुछ बोल तो सकते ही
नहीं भई
ने यह सुनते ही रा जाता है अरे क्या हुआ
मां अब तुझे क्या बताऊ तू तो की सुनेगा ना
अरे बताओ तो मां सोनाली उसको पूरी बात
बताती है मां तो ठीक ही है ना सही तो कह
रही है मैं भी ऑफिस जाता हूं मुझे पता है
दो-तीन दिन की छुट्टी मिलना बहुत मुश्किल
होता है देखा देखा मैंने कहा ही था तू तो
इसी की बोली बोलेगा ना मेरे तो बेटे पर ही
किसी ने टोटका कर दिया है इसको तो अब मां
ही बुरी लगती है क्या करूं मैं और ये
बोलते बोलते वो रोने लगती है अरे मां ऐसी
कोई बात नहीं है मामा जी र है ना तो मैं
छुट्टी ले लेता हूं मैं करवा दूंगा काम
वाह भाई वाह बस अब यही देखना रह गया था कि
बहू मैडम तो बैग टांग कर ऑफिस जाए और बेटा
रसोई में काम करवाए धन्य हो भाई तुम जोरू
के गुलाम तुम रहने दो मैं ही कर
लूंगी घर में बात इतनी बढ़ गई थी तो
सोनाली कुछ भी करके छुट्टी ले ही लेती है
वो थोड़ा घर साफ करने लगती है ज्यादा
सुंदर बनाने के लिए सोफे को दूसरी जगह
शिफ्ट करती है रहने दो रहने दो अब दिखावे
के लिए सामान यहां वहां मत करो कि
तुम्हारे पति को लगे मेरी मां मेरी बीवी
से काम करवा रही है ऐसे कुछ नहीं है मां
जीी मैं अपनी मर्जी से कर रही हूं अरे कोई
जरूरत नहीं है जो जहां था वही रहने दो
सोनाली सफे को वापस वहीं रख देती है सरिता
उससे कुछ करने ही नहीं दे रही थी तो
सोनाली कमरे में आकर बैठ जाती है थोड़ी
देर में रा जाता है क्या हुआ यहां क्यों
बैठी हो तुमने तो मां की हेल्प करवाने के
लिए ऑफिस से छुट्टी ली थी ना क्या फायदा
छुट्टी लेने का कुछ ने तो दे ही नहीं रही
वो मैं कितनी बार रसवे में गई उनका हाथ
पटाने पर वहां पर भी कुछ करने नहीं दे रही
फिर मैं यहां आकर बैठ गई राज को समझ भी
नहीं आ रहा था कि वह अपनी मां को कैसे
समझाए जब मामा जी भी आते हैं सरिता अपनी
बहू की सिर्फ बुराई करती है अरे भैया
तुमसे क्या छुपाना तुम देख तो रहे हो आजकल
की बहुएं तो कुछ करती ही नहीं तुम आने
वाले थे तो इससे यह भी नहीं हुआ कि थोड़ी
मदद करवा दे सारा दिन या तो ऑफिस में रहती
है और अगर घर पर रहती है तो भी ऑफिस का ही
काम करती है सोनाली यह सब अंदर से सुन रही
थी वो राज की तरफ देखती है वह भी गर्तन
नीचे किए बैठा था उसे पता था कि उसकी मां
उसकी पत्नी को पसंद नहीं करती पर जीजी यह
शादी तो आपकी पसंद से हुई थी ना हमने तो
यही सुना था कि अरेंज्ड मैरिज है अरे कहां
भैया यह है ना मेरा सीधा साधा बेटा इसको
पसंद आ गई हमें तो पसंद ही नहीं थी पर
क्या करें आजकल की लड़कियां माइके से ही
जादू टोना सीख कर आती है जिस दिन से आई है
राज तो मेरे काबू में है ही नहीं अरे जी
जी ऐसे थोड़ी ना होता है जादू टोना तो
फालतू बातें होती है यह भी तो हो सकता है
कि बहू में कुछ खूबियां हो जो आपके बेटे
को पता हो और आपको नहीं अरे उसमें कोई
खूबी नहीं है भैया बस यह राज ही ना इसके
आगे पीछे घूमता रहता है जरा सा कुछ नहीं
बोल सकती मैं इससे कुछ बोलू उससे पहले यह
यहां आकर मेरे सामने खड़ा हो जाता है अरे
जीजी इन औरतों की बात मैं मत उलझा मुझे
मुझे तो अपनी बहू से मिलना है हां हां
बुलाती हूं देख लेना तुम अभी जींस टॉप पहन
कर आकर खड़ी हो जाएगी तुम्हारे सामने वो
सोनाली को आवाज लगाती है सोनाली बहुत ही
सलीके से साड़ी पहनकर सर ढककर मामा जी के
सामने आती है कायदे से उनके पैर छूती है
और थोड़ा दूर हटकर खड़ी हो जाती है अरे
बेटा आओ ना मेरे पास बैठो नहीं नहीं मामा
जी आप मेरे पूजनीय हैं मैं आपके पास कैसे
बैठ सकती हूं यह कहकर वो रसोई में जाती है
और उनके लिए अच्छे-अच्छे पकवान बनाती है
मामा जी तो उंगलियां चाटते रह जाते हैं जी
जी जो तुम कह रही थी और जैसी बहू है उसमें
तो जमीन आसमान का अंतर निकला यह सब ना राज
ने ही बोला होगा उसे करने के लिए वरना
सारा दिन अपने कमरे से बाहर ही नहीं
निकलती अरे दीदी मैं तो सोच रहा था उसका
हाथ देखो आपकी सारी चिंता दूर हो जाएगी
सरिता बहू को अंदर बुलाती है मामा जी
थोड़ी देर उसका हाथ देखते हैं और फिर उसे
अंदर भेज देते हैं बता बताओ बताओ क्या
लिखा है इसके हाथ में चालाक तो है ही वो
तो पता चल ही गया होगा तूने टोट के भी
करती है क्या अरे करती होगी पूरा बेटा
काबू में कर रखा है अरे दीदी यह सब छोड़ो
इसके हाथ में बहुत धन है लक्ष्मी है
लक्ष्मी अरे काहे की लक्ष्मी हमारे यहां
तो खाली हाथ ही आई थी अरे दीदी अब तो बहुत
धन का योग है ध्यान रखना जरा थोड़ी देर
में मामा जी चले जाते हैं मामा जी की
बातें सुनकर जैसे सरिता का मन ही बदल जाता
है वो सुनाली से मीठी-मीठी बातें करने
लगती है अपनी सास का बदला हुआ व्यवहार
देखकर सुनाली भी चकित रह जाती है एक दिन
राज उन दोनों से कहता है आज मेरा बाहर
चलने का मन कर रहा है चलो ना कहीं चलते
हैं तेरा बाहर खाने का मन कर रहा है या
इसका घर में बनाने का मन नहीं कर रहा मां
फिर वही बात आप हर बात इस पर क्यों ले आती
है सरिता को मामा जी वाली धन की बात याद
आती है और वह अचानक से अपना लहजा बदल लेती
है अरे मैं तो मजाक कर रही थी अरे मैं भी
तो बहू थी ना कभी मुझे पता है घर का काम
करते-करते थक ही जाते हैं चलो सब बाहर
चलते हैं कुछ अच्छा सा खा कर आएंगे सब
बाहर जाते हैं और सरिता सोनाली के लिए रात
से कहकर बहुत ही महंगी महंगी चीजें ऑर्डर
करवाती है सब खुशी-खुशी वापस आते हैं
सोनाली के कमरे में जाने के बाद राज अपनी
मां से उसके बदले व्यवहार का कारण पूछता
है लो जब कम बात करती थी मैं उससे तब भी
तुझे दिक्कत थी अब जब इतने प्यार से बात
करती हूं तब भी तुझे दिक्कत है तू चाहता
क्या है आखिर नहीं मां मैं तो बहुत खुश
हूं कि आप दोनों पास हो रहे हो फिर सरिता
से रहा नहीं जाता व सोनाली के बारे में
अंदर की खबर पूछने लगती है अच्छा यह बता
इसके नाम कोई प्रॉपर्टी वगैरह है क्या
इसके पापा ने दे रखा है कुछ तुझे तो पता
होगा नहीं मां ऐसा तो कुछ नहीं है अरे पूछ
कर देखना कुछ ना कुछ निकलेगा जरूर अरे पर
मां ऐसा क्यों कह रही हो सरीता राज को
मामा जी वाली बात बताती है अब राज को समझ
में आता है कि क्यों उसकी मां का बर्ताव
अचानक से उसकी बीवी की तरफ बदल
गया अच्छा ठीक है पता करता हूं राज को पता
है कि सोनाली के पास ऐसा कुछ भी नहीं है
पर वह यह बात अपनी मां से छुपाता है और जो
नाटक चल रहा होता है वह उसको और चलाने की
सोच लेता है अगले दिन आज तो ऑफिस जाने का
बिल्कुल मन नहीं कर रहा हां हां तो मत जाओ
ना बेटा बल्कि मैं तो कहती हूं राज तू भी
छुट्टी लेले और दोनों कहीं घूम आओ मैं घर
पर रह लूंगी क्यों आप घर पर क्यों रहेंगी
आप भी चलिए ना अरे नहीं बेटा तुम दोनों को
वैसे ही कम समय मिलता है जाओ जाओ
घुमाओ राज को मन ही मन अपनी मां की हरकतों
पर हंसी भी आ रही थी पर उनके लालच के चलते
जो घर का माहौल बदला होता है उसे देखकर व
खुश भी होता
है विमला और केशव जी के तीन बच्चे थे
जिनमें से उनके दो बेटों की शादी हो चुकी
थी अब केवल सुंदरी का ब्याह ही बाकी था
सुंदरी दिखने में काफी सुंदर थी लेकिन
उसका रंग बहुत ही काला था जिस कारण उसे
हमेशा शर्मिंदा होना पड़ता था वहीं उसकी
दो भाभिया थी सुधा और विभा दोनों भी
सुंदरी को उसके रंग के कारण बिल्कुल भी
पसंद नहीं करती थी एक सुबह जब सुधा विवाह
रसोई में काम कर रही थी भाभी क्या कर रही
हो मुझे ब्रेकफास्ट दे दो ना आ गई सुबह
सुबह कल मोही अब पूरा दिन खराब जाएगा भाभी
ऐसा क्यों कह रही
हो क्या गलत कहा सुधा भाभी ने कितनी दफा
कहा है कि कमरे में ही रहा करो लेकिन तुम
तो हमारी एक नहीं सुनती अब सुबह सुबह अपनी
काली शक्ल दिखा दी हो तो दिन तो काला ही
जाएगा ना चलो जाओ अब यहां से ब्रेकफास्ट
और दूध तुम्हें तुम्हारे कमरे में मिल
जाएगा सुंदरी को भाभियों की बातें बहुत
बुरी लगती है लेकिन वह बिना कुछ बोले अपने
कमरे में चली जाती है ऐसे ही एक दिन सुधा
बहू चलो आज शॉपिंग करने चलते हैं सुंदरी
और विभा को भी कह दो तभी विभा आ जाती है
मम्मी जी मेरी आज तबीयत ठीक नहीं लग रही
आप लोग जाइए ठीक है बहू ख्याल रखना अपना
फिर विमला सुधा और सुंदरी शॉपिंग के लिए
चले जाते हैं वही मार्केट में भाभी देखो
ना यह ड्रेस कैसी लग रही है मुझ भी खूब
खिलेगी
ना क्या कहा जरा फिर से तो कहना मुझ भी
अच्छी लगेगी ना भाभी यह ड्रेस मुझे पहले
ही सुनाई दिया था तुमने क्या कहा था अरे
इस ड्रेस में तुम चांद में दाग की तरह
लगोगी तुम काली हो तुम पर फीका रंग ही
चेगा यह लाल गुलाबी तुम्हारे लिए नहीं है
तमज से रहो बहू वह तुम्हारी ननद है
तुम्हारी बहन जैसी है मेरी बहन काली कलूटी
होती ना तो उसे भी मैं यही सलाह देती वैसे
तो वह दूध से भी सफेद है उससे कंपेयर ना
करो वही ठीक रहेगा ऐसे ही दिन बीतते हैं
दोनों भाभियों का बर्ताव सुंदरी के प्रति
बिल्कुल भी अच्छा नहीं था वह सुंदरी से घर
का सारा काम करवाती और खुद की भी सेवा
करवाती उसके बावजूद वह उसे सीधे मुंह बात
तक ना करती फिर एक दिन मां मैं कॉलेज जा
रही हूं तभी सुंदरी के घर के सामने एक
लड़का कार से आता है और सुंदरी उसकी कार
में बैठ जाती है वहीं सुधा विवा बालकनी से
यह सब देख लेती है देखा भाभी कितना अमीर
लड़का फासा है इस कलूटी ने अगर इसकी शादी
ऐसे घर में हो गई तो हमारी तो कोई इज्जत
ही नहीं रह जाएगी दिमाग को 120 की स्पीड
से भगाना होगा तभी कोई आईडिया आएगा तो
भगाओ ना भाभी वैसे भी आप चूल्हे में लकड़ी
लगाने का काम अच्छे से कर लेती हू आ गया
आईडिया फिर सुधा विभा के कान में कुछ कहती
है और दोनों सुंदरी के खिलाफ घर में सभी
के कान भर देती
है कौन था वह लड़का कौन मां अरे वही जिसके
साथ गुल छरे उड़ा रही थी देख सुंदरी सच सच
बता दो कौन है वो भैया सच में वो मेरा
दोस्त है हालांकि वो मन ही मन मुझे चाहता
है लेकिन मेरा कोई ऐसा इंटेंशन नहीं
है इस काली का दोस्त पाजी वा और व भी इसे
चाहता है अगर तुझे कोई काला मोती समझकर
अपनी अंगूठी का नगीना भी बना ले तो बड़ी
बात है कहां वो रईस ज्यादा और कहां तू मां
जी मैं तो कहती हूं इससे पहले कि कुछ ऊंच
नीच हो जाए आप इसकी शादी करा दो हां बहु
तुम सही कह रही हो ए जी आपके ऑफिस में था
ना एक लड़का आप बता रहे थे कौन वोह सुजीत
हां वही कमा भी ठीक ठाक लेता है जोड़ी भी
जम ही जाएगी लेकिन वो तो पियन है अरे तो
क्या हुआ जब मेरी शादी तुम्हारे पापा से
हुई थी तो कौन सा वो कलेक्टर थे वह भी
पियन ही थे वो तो उनकी मेहनत में आज उनको
एक कंपनी का सीईओ बना
दिया सही कह रही हो विमला बहुए अपनी नन का
बुरा थोड़ी ना सोचेगी जिसके बाद घर में
सुंदरी की शादी की तैयारियां शुरू हो जाती
है वहीं एक शाम जब दोनों बहुएं रसोई में
खाना बना रही थी कि तभी अचानक से गैस लीक
होने से रसोई में ब्लास्ट हो जाता है
लेकिन सुंदरी सही समय पर पहुंचकर अपनी
भाभियों को बचा लेती है हमें माफ करना
सुंदरी हमने तुम्हारे साथ कितना बुरा
बर्ताव किया और तुमने हम दोनों की जान
बचाई हां सुंदरी हमें माफ कर दो हम हमेशा
तुम्हारे रंग का और तुम्हारा मजाक बनाते
आए हैं लेकिन आज तुम्हारे कारण ही हमारी
जान बच पाई जिसके बाद दोनों भाभियों के मन
में सुंदरी के लिए जो घृणा थी वह प्यार
में बदल जाती है लेकिन वह चाहकर भी सुंदरी
की शादी नहीं रोक पाती वहीं शादी के
बाद सुजीत तेरी बीवी किधर है
रे अभी तक उठ ही नहीं क्या वो मैं अभी लेक
आता हूं मां उसको फिर सुजीत बाल्टी भर के
पानी लेकर कमरे में जाता है और पूरा पानी
सुंद्र के ऊपर डाल देता है वहीं ठंडा पानी
पड़ने से चौक कर बैठ जाती
है क्या रे कितनी देर से सो रही है चल उठ
सुबह के 5:00 बज चुके हैं अभी तक तेरी
नींद नहीं खुली आलसी कहीं की घर में कितने
सारे काम पड़े हैं उठ आप इतने अभद्र तरीके
से कैसे बात कर सकते हैं मैं ऐसे ही बात
करता हूं रे क्या कर लेगी
तू आपने शराब पी है शराब नहीं अमृत है वो
अब जा जाकर झाड़ू पछा कर बेवकूफ ससुराल
में पहले दिन खुद के साथ इतना बुरा बर्ताव
होते देख सुंदरी अंदर से पूरी तरह हिल
जाती है अभी पति के तानों को सहन करने की
कोशिश कर ही रही थी कि तभी सास वहां आती
है ओए काली जा जल्दी से जाकर तैयार होकर
आा और सुनय जो गले में ढाई तोले का हार है
ना यह मेरे को देके जा तेरी काली गर्दन पर
सोने की चमक अच्छी नहीं लगती सासुमा आप
ऐसे कैसे बात कर सकती है और यह मेरे माइके
वालों ने दिया है मैं ये आपको नहीं दे
सकती सुंदरी के विरोध से कांता झल्ला करर
उसके बाल पकड़ लेती है और उसे खूब मारती
है और उसके गले से वह हार खींच लेती है
बढ़िया आई मेरे मायके का है मैं नहीं
दूंगी अब ज्यादा जुबान चलाई ना तो यही
होगा अब ये गंगा जमुना बहाना बंद कर और
जाकर तैयार हो जा अभी घर में सैकड़ों काम
है फिर कांता वहां से चली जाती है वहीं
सुंदरी कमरे के एक कोने में पड़ी रोते हुए
यही सोच रही थी कि क्या काला रंग होना पाप
है जो उसे उसके रंग के कारण ससुराल के
पहले दिन की शुरुआत में ही इतना सब कुछ
सहना पड़ रहा है कुछ देर बाद सुंदरी तैयार
होकर हॉल में आती है अरे अरे यह क्या पहन
लिया महारानी और कंगन झुमका और यह इतनी
महंगी साड़ी यह कपड़े ले और जाकर बदल कर आ
और हां यह सब सामान मुझे दे दे लेकिन फिर
लेकिन अभी तक सबक नहीं मिला क्या तुझे हम
तुझे इस घर में रख रहे हैं वही ब बड़ी बात
है तेरे घर वालों ने तो तेरे रंग के कारण
तेरी शादी एक चपरासी से करा दी वरना कौन
सा करोड़पति अपनी बेटी को झोपड़ पट्टी में
ब
आएगा फिर सुंदरी बिना कुछ कहे अपनी सास और
पति का कहा मानने लगती है वही कांता और
सुजीत उसे चाबी वाली गुड़िया की तरह नचाते
और अगर वह किसी काम से मना करती तो उसे
खूब परेशान करते सुन रे कलटी आज तेरी मुंह
दिखाई है जाकर अच्छे से तैयार हो जा और
हां यह सारे गाव के निशाना मेकअप से छुपा
लेना वैसे तो ज्यादा मेकअप की जरूरत भी
नहीं पड़ेगी कलटी जो है लेकिन ढंग से
तैयार हो ना अगर एक भी औरत ने तुझ में
नुक्स निकाला ना तो मुझसे बुरा कोई नहीं
होगा जान ले वही शाम के समय अरे कांता बहन
तुम्हारी बहू कहां है बुलाओ तो सही सुना
है करोड़पति खानदान की लड़की ब्याह कर लाई
हो अरे भिखारी के घर करोड़पति की बेटी आए
इनके तो भाग ही खुल गए वरना कौन शादी करता
है इनके पियकड़ चपरासी बेटे से अरे बस बस
अब ज्यादा बुराई की जरूरत नहीं है जिस काम
के लिए बुलाया हो वो कर लो और दफा हो जाओ
हम अब अपनी बहू को तो बुलाओ तबी सुंदरी
घूंघट में वहां आती है वहीं जब औरत
बारी-बारी से सुंदरी का घूंघट उठाकर उसे
देखती है
तो अब समझ में आया करोड़पति और भिखारी का
मैच कैसे
हुआ ये काली वो शराबी अब इससे बुरा क्या
होगा कांता एंजॉय करो अपनी कलूटी बहू के
साथ अरे भले ही ऊंचे खानदान में ब्याह ना
करती बह तो ढंग लाती मिली भी तो कौन कलूटी
काला रंग भी शर्मा जाए इसके सामने इस तरह
सभी सुंदरी के रंग का काफी मजाक बनाते हैं
और वहां से चले जाते हैं वहीं कांता पड़ो
सनों की बातों से बहुत ज्यादा चिर जाती है
और सुजीत की खूब कान भरती है जिसके बाद
सुजीत सुंदरी के साथ बहुत बुरा व्यवहार
करता है ऐसे ही एक दिन जब सुंदरी काम कर
रही थी तो सुंदरी की भाभी का वीडियो कॉल
आता है हेलो कैसे हो
सुंदरी सुंदरी जो कि बहुत अस्तव्यस्त हालत
में थी अचानक से भाभी को वीडियो कॉल पर
देखकर घबरा जाती
है बिल्कुल ठीक हूं भाभी आप कैसी हो मैं
तो मस्त हूं नाना जी पर तुम ठीक नहीं लग
रही हां सुंदरी कोई बात है तो बताओ और ये
क्या हाल बना रखा है इतने फटे पुराने
कपड़े नहीं भाभी सब मस्त है वो मैं काम कर
रही थी ना इसलिए ऐसी हालत बना रखी है अभी
फ्रेश हो जाऊंगी तो सही हो जाऊंगी अच्छा
अच्छा ठीक है फिर तीनों ननद भाभी कुछ देर
यूंही वीडियो कॉल पर बात करती है और फिर
सुंदरी फोन रख देती है विभा मुझे ऐसा लग
रहा है कि सुंदरी ससुराल में खुश नहीं
है हमने ही तो उसकी शादी चपरासी से करवा
दी थी भाभी
अरे जो बीत गया सो बीत गया चलो ना हम आज
सुंदरी से मिलकर आते हैं हां यह ठीक रहेगा
उसे अच्छा भी महसूस होगा फिर दोनों भाभिया
सुंदरी की ससुराल उससे मिलने जाती है
लेकिन वहां का नजारा देखकर दोनों भी हैरान
हो जाती है कांता सुंदरी पर हुकुम चला रही
थी और सुंदरी फटे पुराने कपड़ों में कांता
के पैरों के पास बैठकर उसके पैर दबा रही
थी सुंदरी यह क्या हाल बना रखा है तुमने
और आंटी जी आप ऐसे कैसे बर्ताव कर सकती है
मेरी नानत के साथ
ननद वाह जी वाह खुद का काला कोयला संभाला
ना गया तो हमारे मथे मर दिया अब ननद याद आ
गई अब ड्रामे क्यों कर रही हो हम तो बस कह
रहे हैं कि यह आपकी बहू है आप सुंदरी के
साथ ऐसा नहीं कर सकती अरे इतनी ही फिक्र
है तो ले जाओ इस काले पानी को नहीं जरूरत
इसकी यहां सुधा और विभ को सुंदरी की इतनी
बुरी हालत देखकर खुद पर शर्मिंदगी महसूस
होने लगती है और व अपनी नानत को अपने साथ
वापस घर ले जाती हैं क्या सुधा और विभ ने
अपनी ननद के लिए जो फैसला लिया वह सही था
या सुंदरी को उसके हालात पर छोड़ देना ही
ठीक था कमेंट करके जरूर बताइएगा
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