के
लालपुर गांव में संगीता अपनी बेटी सीमा के
साथ रहती थी सीमा बहुत सुलझी हुई और
समझदार लड़की थी
संगीता ख्वाहिश थी कि उसके मरने से पहले
उसकी बेटी की शादी
के घर पर लड़के वाले थे
नहीं चाहिए पढ़ी-लिखी और घर संभालने वाली
लड़की चाहिए
बेटी को घर के सारे काम आते हैं और अपने
कॉलेज में भी
[संगीत]
यह तो बहुत अच्छी बात अब आप जल्दी से
लड़की को भी बुला लीजिए लड़का-लड़की आपस
में बात कर ले तो फिर हम शादी की बात करते
हैं
अपनी बेटी को लेकर
बहुत ही खूबसूरत और संस्कारी लग रही थी
लेकिन उसको देखते ही लड़के की मां के
संगीत को के बगल में खड़ा कर देती है यहां
पर सीमा लगभग लड़के के दुगने कट की होती
है इतनी लंबी लड़की मैंने जीवन में पहली
बार देखिए इसके कट की तो कोई सीमा ही नहीं
हम अपने बेटे की शादी इतनी लंबी लड़की से
नहीं कर सकते हैं हमें कि यहां से लड़के
लड़के का हाथ पकड़कर वहां से लेकर
चाहिए कहां जा रहे हैं आप अरे तुम तो
जानती हो मेरे अंबेडकर की वजह से कोई मुझे
अपने घर की
कोशिश करती हो तुम्हें तो पता ही है कि
बीमारी
[संगीत]
को
बढ़ने से पहले तेरी शादी देखना चाहती थी
क्योंकि मैं तुम्हें कुछ नहीं होगा
कॉलेज चली जाती है और संगीता
उसके पास
तुमने मेरी बेटी की शादी के कपड़े बहुत
अच्छे से ले मेरी बेटी को बहुत पसंद हैं
इसके पैसे और मिठाई लेकर तुम्हारे पास हो
और
तुम्हारी बेटी की शादी बहुत मुबारक को
क्या बात है तुम बहुत उदास लग रही हूं
तबीयत ठीक नहीं लग रही है आप बताओ मैं
मरने से पहले अपनी बेटी की शादी देखना
चाहती लेकिन हर बार लड़के वाले उसे नकार
देते तुमने मेरी बहुत मदद की है बेटी की
शादी के समय जब मेरे पास पैसे नहीं थे तो
मुफ्त में कपड़े सिलकर दिए थे इसलिए
तुम्हारा एहसान उतारने के लिए मैं
तुम्हारी बेटी से अपने बेटे की शादी
करवाओगी क्या सच कह रही हो तो उड़ हां यह
मेरा वादा है संगीता की तबीयत बहुत खराब
हो जाती है उसे अस्पताल में भर्ती करवाना
होता है सुषमा अपने वचन के मुताबिक अपने
बेटे रोहित की शादी संगीता की बेटी सीमा
से कराने का प्रस्ताव अपने घर पर रखती है
लेकिन उस लड़की मेरे से उल्टी साइड की है
सारे दोस्त मेरा मजाक उड़ायेंगे मैंने वचन
दे दिया है अगर तुम्हारी वजह से मेरा वचन
टूटा तो यह अच्छा नहीं होगा वैसे भी देवर
जी हम आपके घर में हमारी सासू मां का ही
चलता है इन्हें बहस करने का कोई फायदा
नहीं तुम्हारी बहन की शादी के समय भी
संगीता बहन ने हमारी बहुत मदद की थी यही
सही तरीका है उनके एहसान उतारने का छठ
मजबूत करने और मधुर संगीत और रोहित की
शादी का इंतजाम करती स्टेज पर दूल्हा
दुल्हन के लिबास में
कि शादी
नीचे कुछ दोस्त आए हुए होते हैं वह सीमा
की लंबे कद का मजाक उड़ाने लगते हैं अरे
भाई क्या बात है तुम रुक कर हमारे लिए
भाभी लाए हो अब हमें कुतुबमीनार देखने के
लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है कुतुब
मीनार तो हमें साहब तुम्हारे घर पर ही दिख
जाएगा
नहीं और तुम्हारे घर में थी और मकड़ी के
जाले साफ करने के लिए भी लंबी झाड़ू की
कोई जरूरत नहीं है भाभी जी तो अपने हाथों
से ही छज्जर को साफ कर देंगी यह सब सुनकर
रोहित को बहुत बुरा लगता है और वह गुस्से
मैं वहां से चला जाता है सीमा अपनी मां की
आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए शादी करने
पर मजबूर थी शादी के बाद ही संगीता की मौत
हो जाती है सीमा अपनी मां की मौत से बहुत
दुखी होती है लेकिन सुषमा उसका बहुत ख्याल
रखती है और उसे अपनी मां की कमी महसूस
नहीं होने देती है बेटा मुझे पता है अब
तुम बहुत उदास हो रोहित भाई तुम से अच्छा
व्यवहार नहीं कर रहा तुम चिंता मत करो सब
ठीक हो जाएगा
कि आपने मुझे इतना प्यार दिया है कि मुझे
अपनी मां की कमी महसूस नहीं हो रही है
सुषमा की बड़ी बहू लाली भी सीमा के लंबे
कट का मजाक बनाते रहती थी और उससे घर के
सारे काम करवाती थी अरे सीमा सुनती हो वह
क्या है ना कई दिनों से मैं सोच रही हूं
छज्जे साफ कर दूं लेकिन मेरे हाथ वहां तक
नहीं पहुंच पाते हैं तुम्हारी हाइट तो
आराम से छह तक पहुंच जाएगी यह झाड़ू और
चीज साफ करता हूं ठीक है दी थी मैं अभी
साफ करती थी उसके बाद छत पर गंदे भी सूखने
किए हुए उसे पी लेते आना ठीक है थी लाली
आराम से जाकर हेडफोन लगाकर सोफे पर बैठ
जाती है और गाना सुनने लगती है तभी वहां
पर सुषमा जाती है और सीमा को काम करता हूं
वह देख और लाली को आराम करते हुए भारतीय
वह सारा माजरा समझ आती है क्या हो रहा है
यहां पर तुम्हें कुछ अगल-बगल है कि नहीं
सीमा विचार इतना काम कर रही है तुम्हें
इसकी मदद करनी चाहिए लेकिन तुम यहां पर
आराम से बैठ कर है फोन पर गाने सुन रही हो
नहीं माजी वह तो मैं बस थोड़ा सा अपना
शरीर सीधा कर रही थी चलो बहुत हो गया
तुम्हारा शरीर सीधा जाकर छत पर से गिरने
लेकर आप छत पर से गंदे और मैं तुम नहीं तो
क्या तुम्हारा भी जाएगा लाली छत पर से
ददलानी चली जाती है ताली जैसे ही घर से
लेकर आने लगती है तो उसका पैर फिसल जाता
है और वोह सीधा छत की रेलिंग से लटक जाती
है अरे बचाओ बचाओ हम को डर लगता है आवाज
सुनकर सभी बाहर निकल जाते को छत से लटकता
घबरा जाते अरे यार तुम को हम छत पर से थे
कर रही हो
हमको यहां पर क्लिक करता हूं उनके लंबी
होती है
थे फायर ब्रिगेड वालों को आने में बहुत
वक्त लग जाएगा मैं भाभी जी को बचा सकती
हंसी माइक सीढ़ी लगाकर छत पर चढ़ जाती है
और अपने लंबे कद की वजह से लाली को आराम
से बचाकर नीचे ले जाती है आज तुम्हारी
लंबे कर की वजह से हमारी जान बच पाई है
वरना तो हमारा हलवा बन जाता सीमा उस पर हम
तुम्हारे लंबे कट का मजाक उड़ाते थे लेकिन
तुम्हारी लंबी हाइट की वजह से भाभी की जान
बच पाई है मेरा लंबा काट किसी के काम आया
है कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है उस दिन
के बाद से कोई भी सीमा को उसके लंबे कद को
लेकर कुछ नहीं कहता था रोहित भी सीमा को
अपने दिल से अपना लेता है और सभी
खुशी-खुशी रहने लगते हैं
हुआ है
में एक बार की बात थी महेंद्र नाम के एक
गांव में रमेश पंडित अपनी दो बेटियों मेरा
और संध्या के साथ रहता था रमेश पंडित अब
बूढ़ा हो रहा था इसीलिए बहुत कम लोग उस पर
अपने यहां पूजा कराने के लिए बुलाते थे
कुछ दिन पहले ही रमेश पंडित ने अपनी बेटी
की शादी तय की थी एक दिन बेटी मेरा अब कुछ
ही दिन रह गए हैं तेरी शादी को मर्यादा
कुछ तो तुझे देख नहीं पाऊंगा पर मैंने
तुझे जो अच्छे संस्कार दिए हैं उसे याद
रखना पिता की बात सुनकर मेरा भावुक हो
जाती है रमेश पंडित अपनी बेटी को दहेज में
देने वाले पैसे का जुगाड़ करने लगता है पर
कहीं से भी उसे मदद नहीं मिलती वह गांव
वालों से भी मदद मांगता है पर कोई भी उसे
उद्धार पैसे नहीं देता शादी वाले दिन
भगवान दहेज तो यह
सब मेरा और लेते हैं
मेरे पिताजी आप इतने पैसे कहां से लाएंगे
मुझे नहीं पता था कि मेरी शादी में इतना
पैसा खर्च होगा बेटी की बात सुनकर रमेश
पंडित बोलता है बट यह तो समाज का पुराना
दस्तूर इस पर तो निभाना ही पड़ेगा थोड़ी
देर में बारात आ जाती है रमेश पंडित अपने
होने वाले संभोग के पास जाते हैं और कहते
हैं इस अवधि और वह यह कि आपके और है पर
सिकुड़ कर दिया है पर खड़े रह गए हैं वह
धीरे-धीरे दूंगा वह क्या है आजकल बहुत कम
लोग ही मुझसे पूजा करवा रहे हैं कि न
बूढ़ा हो रहा हूं शायद इसी लिए बहुत कम
लोग मुझे पूरा करने के लिए यह सारी बातें
सुनकर रमेश पंडित होने वाले को गुप्ता
जाता है और वह बिना कुछ कहे अपने बेटे और
रात को लेकर चले जाते वहां खड़े गांव वाले
सब्सक्राइब रमेश पंडित बहुत हाथ जोड़ पर
उसके होने वाले संभव नहीं और यह सब देख कर
गांव रमेश पंडित और कि दोनों बेटियों के
बारे में उल्टा सीधा बोलने लगते हैं अगली
सुबह रमेश पंडित उठता है और इसलिए दोनों
के सामने एक हाथ रखा होता है उसमें लिखा
था कि उसकी दोनों बेटियां हमेशा के लिए
गांव छोड़कर जा रही हैं और वह कभी वापस
नहीं आएगी यह पढ़कर रमेश पंडित दो और जोर
से रोने लगता है आवाज सुनकर गांव वालों की
भीड़ इकट्ठा हो जाती है तभी रोते हुए कुंग
और
लुटेरों ने
वीरवार को
अगर किसी ने मेरे बेटी की मदत कि मेरी
बेटी
मेरे पास
यह सब सुनकर गांव वालों को लगता है कि
रमेश पंडित अपनी बेटियों के घर से चले
जाने के क्रम में पागल हो गया इसीलिए ऐसा
बोल रहा है रे वहां से चले जाते हैं रमेश
पंडित बेटियों के घर से जाने के गम में
बीमार रहने लगता है और कुछ ही दिनों में
उसकी मौत हो जाती है और वह एक भूत बन जाता
है सुबह गांव वाले देखते हैं उसके घर की
दीवार पर लिखा है पर ग्लू की बेटी की शादी
नहीं होने दूंगा यह सब
अधूरा सा
लगता है तो
रमेश पंडित के कुछ दिनों बाद ही गांव की
एक लड़की की शादी वाली
रात जैसे ही होने वाला पति की मांग करता
है वैसे ही उनकी मौत हो जाती है यह सभी
गांव वाले
रमेश पंडित आत्मा है
भैया अब तो मुझे भी डर लग रहा है आगे क्या
होगा या किसी भी गांव वाले की बेटी की
शादी नहीं हो पाएगी अब अब गांव वाले सभी
इसी चिंता में सभी लोग रहते थे कुछ महीनों
बाद गांव के सरपंच की बेटी की शादी
जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे
सरपंच की तबीयत खराब होने लगी एक दिन
पंडित की बेटी की शादी
थी
गांव में किशोर दमदार रहता था और
बहुत अच्छी दोस्ती थी जमींदार को अपने
दोस्त की तबीयत के बारे में पता चल और से
मिलने जाना चाहता था पर उसी दिन से
जमींदार बांका जमींदार अपने बेटे अजय को
लेकर अपने दोस्त सरपंच के यहां वहां जाकर
अजय को रमेश पंडित और उसकी दो बेटियों की
कहानी का पता चलता को अधिकतम कर
पकड़ पंचकूला का आ बिना वजह से चिंता करते
रहते हैं ऐसा कुछ नहीं होगा आप शादी की
तैयारियां करें तो तुम लोग नहीं मानने
वाले हो और यही अगले दिन अजय गांव में घूम
रहा होता है तो अजय गांव वालों की कहानी
पर उसके साथ क्या हुआ था और की मौत हो गई
यह
सब्सक्राइब
करना चाहिए के मामा ने एक बार उसे किसी
बाबा के बारे में बताया था कि शादी वाले
बाबा को गाव के सरपंच को बहुत डर लग रहा
था पापा आप चिंता न करें मैं अपने साथ
लेकर आया
पंडित को अपने वश में कर लेंगे हमने पूरी
तैयार होकर मंडप में लगभग सारी रस्में
पूरी हो जाती है जैसे ही को सिंदूर लगाने
वैसे ही की तबियत खराब होने लगी उसे चक्कर
आने लगते हैं तभी एक मंत्र पढ़ते हैं आधे
रमेश पंडित का भूत आ जाता है यह सब देखकर
वहां खड़े लोग डर जाते हैं और टॉम जॉन्स
मासूम लड़कियों की जान के पीछे पड़े हो
तुम्हारे और तुम्हारे बेटियों के साथ कुछ
गलत हुआ और इसका मतलब यह नहीं कि तुम किसी
की बेटी की शादी नहीं होने दोगे किसी की
नहीं छोड़ूंगा भूतिया पंडित बाबा की कोई
बात नहीं सुनता और सोनिया के होने वाले
पति को हवा में उछाल देता है रोटियां
पंडित बाबा को धक्का देकर गिरा देता है यह
सब देखकर यह भूतिया फोंट बहुत महत्व है
कुछ और करना पड़ेगा जा बेटा भूतिया पंडित
तलवार से स्वामियों पर वार करने जाता है
तक यह सब्सक्राइब जरुर तलवार को रोकते हुए
अपना हाथ आगे कर लेता है और कहावत कर्जा
है और खून निकलने लगता है यह सब देख कर
लुटेरों और फिर हो तो स्पर्म की मांग यह
तो की पत्नी बन गई यह सब पंडित गुस्से से
चलाने वाले
रमेश पंडित की दोनों बेटियां सामने दो
व्यक्तियों को सामने देखकर भूतिया पंडित
रोने लगता है
[संगीत]
[प्रशंसा]
घ्र घ्र
[हंसी]
यह सब सुनकर दोनों बेटियों की आंखों में
आंसू आ जाते हैं और
जो कर रहे हैं वह आपको शोभा नहीं देता
कि वह
गांव वालों
को
अपने पिता को समझाते हुए कहती पिताजी
इसमें हमारी भी मुझे और गांव वालों की
बातों का सामना करना चाहिए पर हम दोनों ने
ऐसा नहीं किया और गांव छोड़कर चले गए वह
अधीन गांव के एक अ का मुझे मिले और उन्हें
सारी बात बताई और हम वापस यहां गए संध्या
अपने पिता को बहुत जाती है और थोड़ी देर
में रमेश पंडित सब कुछ समझ पाता तभी गांव
वाले रमेश पंडित और की दोनों बेटियों से
माफी मांगते हैं और अब रमेश पंडित कि
आत्मा को मुक्ति मिल जाती है और और अजय की
शादी धूमधाम से हो जाती है और को गांव
वाले अपनी बेटी की तरह प्यार करने लगते
हैं और कुछ दिनों में संध्या और मेरा
दोनों की शादी करा देते हैं
मन अति सुंदर | FULL EPISODE 85 | NEW EPISODE 85 | part 85 Download this episode Want to download or watch episode no 86 Click here
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