Famous Hindu Temples Outside India _ Largest Hindu Temple Outside India _ The World's Mystery_transcript
हिंदू देवी देवताओं के मंदिर केवल भारत
में नहीं बल्कि दुनिया भर में स्थापित है
यह बात दूसरी है कि यहां हिंदुओं से अधिक
विदेशी आते हैं दरअसल यह मंदिर वर्तमान
में आस्था के साथ पर्यटन बहुत बड़े केंद्र
बन गए
हैं बेसके मंदिर शहर बाली देश इंडोनेशिया
अगुंग नामक पहाड़ पर बना यह मंदिर वाकई
में एक आईलैंड की तरह दिखाई दे देता है और
इसे मदर टेंपल ऑफ बेसके के नाम से भी जाना
जाता है वैसे तो इंडोनेशिया को मुस्लिमों
का सबसे बड़ा देश कहा जाता है राजधानी
बाली में कई प्रसिद्ध मंदिर
हैं और वही इन सबके बीच पूरा बे सहि मंदिर
के तो क्या कहने इसे सिर्फ इंडोनेशिया ही
नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सबसे खूबसूरत
मंदिरों में गिना जाता है अगुंग नामक
पहाड़ पर बना यह मंदिर समुद्र तल से करीब
मीटर ऊंचाई पर स्थित है और इस मंदिर
कॉम्प्लेक्शन का सबसे विशाल पवित्र हिंदू
मंदिर है और यहां की सबसे मुख्य धरोहरों
में गिना जाता है यहां कई हिंदू देवी
देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं इसे
इंडोनेशिया के हिंदुओं के लिए साधना का
मुख्य केंद्र माना जाता है वहीं यहां लगभग
सभी हिंदू त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाए
जाते
हैं यहां एक विशाल क्षेत्र में वासुकी नाग
की भी पूजा अर्चना की जाती है इस मंदिर का
नाम भी इस पर ही पड़ा है कहा जाता है कि
बेस केह शब्द संस्कृत के वासुकी शब्द से
आया
है वासुकी नाग का वर्णन कई ग्रंथों और
पुराणों में पाया जाता है वासुकी शब्द को
बाद में जावा भाषा में बदलकर बेसकी कर
दिया गया जावा भाषा में बेसकी का अर्थ
होता है
बधाई
पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल नेपाल देश की
राजधानी काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर
स्थित है इस मंदिर को दुनिया के सबसे
प्राचीन मंदिरों में गिना जाता है यहां
पशुपति के रूप में भगवान शिव की पूजा की
जाती है इस मंदिर के दर्शन करने के लिए हर
साल यहां लोगों की भीड़ जमा रहती
है पशुपति का अर्थ है पशु मतलब जीवन और
पति मतलब स्वामी या मालिक यानी जीवन का
मालिक या जीवन का देवता पशुपतिनाथ दरअसल
चार चेहरों वाला लिंग है पूर्व दिशा की ओर
वाले मुख को
तत्पुरुष और पश्चिम की ओर वाले मुख को सजत
कहते हैं उत्तर दिशा की ओर देख रहा मुख
वाम वेद है तो दक्षिण दिशा वाले मुख को
अघोरा कहते हैं आपको बता दें यूनेस्को ने
इस मंदिर को विश्व विरासत स्थल का दर्जा
दिया हुआ
है
अंकोरवाट मंदिर कंबोडिया यह मंदिर
कंबोडिया में स्थित है जहां भगवान विष्णु
की पूजा की जाती है हिंदू मंदिर में यह
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है
इस मंदिर की स्थापना 12वीं सदी में कंबोज
के राजा सूर्य वर्मा द्वारा की गई
थी इस मंदिर की चौड़ाई 650 फुट और लंबाई
ढाई मील है साथ ही मंदिर के चारों ओर गहरी
खाई भी है इस मंदिर में हर साल आपको लाखों
की संख्या में श्रद्धालु दिखाई देंगे
अंकोरवाट मंदिर को यूनेस्को की विश्व
धरोहर स्थलों में गिना जाता
है प्रम पानंद मंदिर इंडोनेशिया यह नवीं
सदी का हिंदू मंदिर है जो जावा इंडोनेशिया
में स्थित है इस मंदिर को भी यूनेस्को ने
विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया हुआ है
यह मंदिर ना केवल इंडोनेशिया बल्कि दक्षिण
एशिया का भी बहुत बड़ा मंदिर है
इंडोनेशिया का यह मंदिर लंबे आर्किटेक्चर
में बना हुआ
है जिसकी मुख्य इमारत 47 मीटर ऊंची है
मंदिर त्रिमूर्ति को समर्पित है जो
निर्माता ब्रह्मा संरक्षक विष्णु और
विनाशक शिव के रूप में भगवान की
अभिव्यक्ति है यहां पर दुनिया भर से कई
सैलानी आते हैं इंडोनेशिया में वैसे तो कई
हिंदू मंदिर मौजूद हैं लेकिन वहां के सबसे
लोकप्रिय प्रभानंद मंदिर
है बाली द्वीप अब बात भगवान विष्णु की
सबसे ऊंची प्रतिमा की हो तो यह मूर्ति
इंडोनेशिया के सबसे फेमस टूरिस्ट
डेस्टिनेशंस में से एक बाली द्वीप पर
मौजूद है बाली द्वीप के गरुड़ विष्णु
केचना कल्चरल पार्क में मौजूद यह
मूर्ति करीब 122 फुट ऊंची और 64 फुट चौड़ी
है तांबे और पीतल से निर्मित इस मूर्ति को
बनाने में लगभग 28 साल का समय लगा है और
साल 2018 में बनकर तैयार हुई है
इंडोनेशिया के फेमस मूर्तिकार न्यूम
वार्ता ने इस मूर्ति को बनाया
[संगीत]
है बटू गुफाए मुरुगन मूर्ति श्री
सुब्रह्मण्यम स्वामी देवस्थान मलेशिया
सुब्रमण्यम देवस्थान बट्टू गुफा के पास
स्थित है जो मलेशिया की राजधानी कुवाल
आलमपुर के उत्तर में लगभग 13 किलोमीटर की
दूरी पर स्थित
है सन 1890 में लालकृष्ण पिल्लई नामक
व्यक्ति ने इस गुफा के बाहर भगवान मुरुग
यानी सुब्रह्मण्यम स्वामी की प्रतिमा की
स्थापना की थी यह दुनिया में भगवान मृग की
सबसे ऊंची प्रतिमा मानी जाती है और यह एक
लोकप्रिय तीर्थ स्थल है भगवान मृगा या
भगवान सुब्रह्मण्यम महान भगवान कार्तिकेय
के अन्य नाम है भगवान कार्तिकेय भगवान शिव
और देवी पार्वती के पुत्र
हैं तन्हा लोट मंदिर बाली इंडोनेशिया
तन्हा लोट मंदिर बाली द्वीप के हिंदुओं की
आस्था का बड़ा केंद्र है विशाल चट्टान पर
बना यह मंदिर समुद्र देवता को समर्पित है
यहां निरर्थक भी पूजा होती है बाली
पौराणिक कथाओं के अलावा यह मंदिर हिंदू
धर्म से काफी प्रभावित बताया जाता
है यह मंदिर सागर तट पर बने उन सात
मंदिरों में से एक है जिन्हें एक श्रृंखला
के रूप में बनाया गया है हर मंदिर से अगला
मंदिर दिखता है सैलानियों के बीच लोकप्रिय
इन मंदिरों पर हिंदू मिथकों का स्पष्ट
प्रभाव देखा जा सकता
है माना जाता है कि बुरी आत्माओं और
घुसपैठियों से इस मंदिर की सुरक्षा इसकी
शिला के नीचे रहने वाले विषैले सर्प करते
हैं एक कथा के अनुसार निरर्थक से बना एक
विशाल समुद्री सर्प इस मंदिर की आज भी
सुरक्षा करता
है नल्लूर कंद स्वामी मंदिर श्रीलंका
श्रीलंका के जाफना जिले में स्थित नल्लूर
कंद स्वामी मंदिर भगवान मुर्गन को समर्पित
एक प्रसिद्ध मंदिर है मंदिर श्रीलंका के
सब महत्त्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक
है जहां भारत के साथ-साथ विभिन्न हिस्सों
से हिंदू श्रद्धालु भगवान मुर्गन के दर्शन
के लिए आते
हैं
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