हमारी बहू झूठी नंबर वन ओ गॉड मुझे तो लग
ही नहीं रहा कि ये घर में बना हुआ पिज्जा
है सच
में हां सही कह रहा है बेटा तू बहुत
ज्यादा अच्छा है वैसे तो मुझे यह सब चीजें
खाना पसंद नहीं लेकिन यह दिव्या के हाथ का
बनाया हुआ पिज्जा खाकर ना मुझे और खाने की
इच्छा हो गई मैंने कहा था ना मां एक बार
खाक देखोगे तो खुद को रोक नहीं पाओगे भाई
अब तो इंतजार ही नहीं हो रहा आपकी शादी का
जल्दी से भाभी आ जाए और ये टेस्टी सा खाना
बनाती रह अरे जब से ये सगाई हुई है ना तब
से दिव्या भेजती रहती है कुछ ना
कुछ हां अब तो मुझे भी इंतजार रहता है कि
वो अगला क्या भेजें हां भाई अगले हफ्ते
फिर कुछ ना कुछ भेज ही देंगी ठीक है आपकी
भाभी से बात हो ना मेरी तरफ से उनकी तारीफ
कर देना भैया कर दूंगा और मैं भी बात कर
लूंगी दिव्या से इतना टेस्टी खाना बनाती
है मेरी बहू सबको बताऊंगी मैं तो दिव्या
और आकाश की सगाय को अभी दो महीने ही हुए
थे लेकिन दिव्या ने अपने खाने से सबका मन
जीत लिया था वह हर हफ्ते अलग-अलग चीज अपने
ससुराल भेजती जिससे उसका पूरा ससुराल उससे
बेहद ही खुश रहता था अरे तुम्हारी तारीफ
हो के तो पूल बांधे जा रहे हैं यहां पर
अनुज और मां तो फैन हो गए तुम्हारे
गार्लिक ब्रेड और पिज्जा
के मुझे खुशी है कि उन्हें पसंद आया मेरी
तो यही कोशिश रहती है कि मैं जो बनाऊ
उन्हें पसंद आना चाहिए अनुज तो कह रहा था
कि उससे अब इंतजार नहीं हो रहा कब तुम
शादी करके इस घर में आ जाओ और उसे रोज-रोज
नया नाश्ता खाने को
मिले हां जब मैं वहां आ जाऊंगी तो रोज कोई
ना कोई नई डिश जरूर बनाऊंगी अच्छा सुनो
अगले हफ्ते मां का जन्मदिन आ रहा है मैं
सोच रहा था उन्हें क्या गिफ्ट दूं अच्छा
मां जी का जन्मदिन है तो मैं उनके लिए
अपने हाथों से केक बनाऊंगी सच मां तो बहुत
खुश हो जाएंगी अगर तुम उनके लिए केक
बनाओगी तो तुम देखना मैं उनके लिए ऐसा केक
बनाऊंगी जिससे खाकर वोह बाहर का केक कभी
नहीं खाएंगे फिर ठीक है तुम उनके लिए केक
ले आना और मैं उनके लिए गिफ्ट ले आऊंगा
ठीक है दिव्या ने अपनी सास के लिए उनके
जन्मदिन के दिन पर बहुत सुंदर सा केक
बनाया जिसे कावेरी ने बहुत शौक से काटा और
पड़ोसन शीला को जलाने के लिए उसके घर भी
देने चली गई अरे शीला कहां रह गई कहीं
दिखाई नहीं दे रही भाई अरे कहां जाऊंगी
यही तो हूं आ देख ये केक खाकर बताओ मुझे
कैसा है अरे
वाह एक केक सच में बहुत अच्छा है कहां से
मंगवाया इतना अच्छा केक अरे कहीं से
मंगवाया नहीं मेरी होने वाली बहू ने भेजा
है मेरे लिए खुद अपने हाथों से
बनाकर तेरी बहू तो लगता है बहुत होशियार
है केक भी घर में बनाती है अरे घर में
बनाती तो है और वह भी इतना अच्छा है है ना
कि सामने वाला उंगलियां चाट रह जाए जैसे
अभी तू चाट रही है हां हां बहू के हाथ के
पकवान खाने को मिल रहा है तो कोई भी खुश
होगा ही अरे यह तो कुछ भी नहीं है घर में
क्या कहते
हैं गार्लिक ब्रेड पिज्जा लजानिया चीज
क्रीमी पास्ता और पता नहीं क्या क्या
बनाती रहती है अब तो हमें भी इंतजार है
भाई तेरी बहू का हम भी तो खाए उसके हाथ के
पकवान हां बस कुछ ही दिनों में शादी भी हो
जाएगी फिर तो तुझे रोज ही हमारे घर से ऐसे
बेहतरीन खुशबू आती रहेगी पर तू चिंदा मत
कर मैं उसमें से तुझे हर डिश भेजती रहूंगी
ठीक है ठीक है चल अब मैं चलती हूं बाकी
पड़ोसियों को भी तो केक देना है हां भई
हां कावेरी शीला को जलाने के लिए पूरे
मोहल्ले में केक बाट आई जिससे पूरा
मोहल्ला दिव्या के केक की तारीफ कर रहा
था अरे तुम दोनों को ना शीला की शक्ल
देखनी चाहिए थी कितनी जाल बन गई थी
वो क्या मां तुम एक भी बौका नहीं छोड़ती
शीला आंडी को जलाने का सच में अरे क्यों
छोड़ू उसे देखा है पूरे मोहल्ले में खप
इधर से उधर करती रहती है सारा दिन सबको
परेशान करती रहती
है तब तो वो अब तुम्हारे पीछे ही पड़
जाएगी जब दिव्या इस घर में शादी करके आएगी
तो यह देखने कि तुम सच कह रही थी या
नहीं हां तो आ जाए ना मैं क्या उससे डरती
हूं हैं दिव्या बहू इसका मुंह बंद कर देगी
हां वैसे भी अगले हफ्ते भैया की शादी भी
हो जाएगी और भाभी भी आ जाएगी घर में हां
उसके बाद तो मैं रोज ही शीला को
जलाऊंगा
दिव्या का ससुराल उसके आने का बेसब्री से
रात देख रहा था और वो घड़ी आ गई आ गई आकाश
और दिव्या की शादी बड़े धूमधाम से की गई
और दिव्या का स्वागत भी बड़े शानदार तरीके
से किया गया अरे दिव्या बेटा मैं यह कह
रही थी कि आज सब मेहमान घर में भी है तो
आज ना कुछ हट के बना दे हां हां मां जीी
क्यों नहीं मैं स्ट्रॉबेरी केक बना देती
हूं अरे वाह सारे मेहमान खुश हो जाएंगे जी
मां जी आप मुझे किचन बता दीजिए आजा आजा
मैं तुझे रसोई बता देती हूं आ ठीक है मां
जी तो मैं बना देती हूं ठीक है तब तक ना
मैं मेहमानों को देख लेती हूं दिव्या रसोई
में हर चीज ढूंढ लेती है जो उसे
स्ट्रॉबेरी केक बनाने के लिए चाहिए थी
लेकिन उसे एक चीज नहीं मिलती ते रसोई में
माइक्रोवेव तो है ही नहीं अब मैं केक किसम
बेक करूं मां जी को तो मैंने बोल दिया कि
मैं बना दूंगी लेकिन अब माइक्रोवेव के
बिना कैसे होगा हे भगवान क्या करूं दिव्या
ने आज से पहले माइक्रोवेव के बगैर केक
बनाया नहीं था इसलिए वह केक बनाती नहीं और
इसकी जगह मीठे में खीर बना देती है अरे बन
गया क्या स्ट्रॉबेरी केक बहू मां जी वो ना
मैंने मीठे में खीर बनाई है क्या
स्ट्रॉबेरी केक क्यों नहीं
बनाया अब आते ही माइक्रोवेव मांगूंगी तो
उन्हें लगेगा मैं कितनी खर्चा लू हूं आने
से ही डिमांड करने
लगी अभी कुछ और ही बोल देती हूं वो मां जी
आज मेरा पहला दिन था ना रसोई में तो मुझे
लगा मुझसे कोई गलती ना हो जाए इसलिए मैंने
खीर बना दी अच्छा लेकिन मैं तो सारे
मेहमानों से कह कर आई थी कि आज दिव्या कुछ
स्पेशल बना रही है चलो कोई बात नहीं फिर
कभी बना देना फिलहाल खीर ही ठीक है जी मां
जी दिव्या ने कावेरी को जैसे तैसे करके
समझा तो दिया लेकिन अगले दिन कावेरी ने
दिव्या से पिज्जा बनाने को कहा पिज़्ज़
हां भाभी मैं तो कब से इंतजार कर रहा था
कि आप कब हमारे घर शादी करके आए और मैं
आपके हाथों का यम्मी सा पिज़्ज़ा खा सकूं
प्लीज आज बना दीजिए ना अ हां वो पर अरे
हां हां बना देगी क्यों नहीं बनाएगी वैसे
भी तो हर हफ्ते दिव्या कुछ ना कुछ भेजती
ही थी है ना भाभी वो वाला जो आपने ढेर
सारा चीज डालकर बनाया था ना बिल्कुल वैसा
ही वो मैं अरे चल हम बाकी के काम देख लेते
हैं तब तक पिज्जा बना दे हां जी जीव क्या
दिवया रसोई में आती है और सोचने लगती है
कि अब कैसे निकला जाए इस हालात से वैसे
पिज्जा तो तवे पर भी बन ही जाता है एक काम
करती हू तवे पर ही बना देती हूं देखती हूं
कैसा बनता है दिव्या पिज्जा को तवे पर
बनाती है लेकिन पिज्जा वैसा नहीं बनता
जैसा वह माइक्रोवेव में बनाया करती थी अरे
बन गया क्या
पिज्जा जी मा जी बन तो गया है पर पर यह
वैसा नहीं है जैसा तू भेजा करती थी हां
बाबी यह तो बिल्कुल अलग सा लग रहा है चीज
भी पूरी तरह से पिघली नहीं है हां वो एक
बात कह दिव्या बहू सच सच बताना वो सारी
चीजें तो बाहर से मंगवा कर बेती थी ना
क्योंकि कल भी तूने केक नहीं बनाया आज
तूने यह पिज्जा भी कुछ अलग सा बनाया है तो
हमसे झूठ बोल रही थी ना कि वो सारी चीजें
तू बनाती थी नहीं नहीं मा जी ऐसा नहीं है
भाभी मुझे लगा आपके आने के बाद हम रोज कुछ
ना कुछ अलग सा खाएंगे आपने हमसे झूठ क्यों
कहा सच बता देती अगर आपको यह सब नहीं
बनाना आता तो मुझे नहीं पता था कि मेरी
बहू इतनी बड़ी झूठी निकलेगी नहीं मां जी
ऐसा नहीं है आप मुझे गलत समझ रही है बस
मुझे और कुछ नहीं सुनना दिव्या जब तक अपनी
बात को समझी जा पाती तब तक कावेरी और अनुज
उसे गलत समझ चुके थे इससे दिव्या को भी
बहुत बुरा लग रहा था लेकिन शाम को कुछ ऐसा
हुआ जिससे दिव्या के चेहरे की मुस्कान
वापस आ गई सब लोग टेबल पर आ जाइए जल्दी से
मैंने केक बनाया है केक लेकिन तूने तो वो
सब छोड़िए ना यह बताइए कैसा बना है अरे
वाह यह तो चोको लावा केक है बहुत टेस्टी
है तो तूने पहले क्यों नहीं बनाया ये सब
मां जी मेरे पास यह नहीं था
माइक्रोवेव हां मां आज जब मैं घर आया तो
मेरे दोस्तों ने मुझे शादी के गिफ्ट में
माइक्रोवेव दिया था और इसे देखकर दिव्या
बहुत खुश हो गई और उसने मुझे बताया कि
माइक्रोवेव ना होने की वजह से उसकी सारी
चीजें खराब हो रही थी अरे बहु तो तू पहले
बता देती मैं तुझे माइक्रोवेव ला देती
खामखा मैंने तुझे झूठ ही कह दिया मां जी
मुझे लगा कि मैं आते ही आपसे माइक्रोवेव
मांगूंगी तो आप शायद बुरा मान जाएंगी चलो
अब तो मैटर सॉल्व हो गया ना चलो अब केक
खाते हैं अरे रुको ओ शीला को तो थोड़ा सा
जला कर आऊं
मैं अरे शीला सुनती है
क्या दोनों भाई नाश्ते की टेबल पर बैठे थे
प्रियंका मेरा नाश्ता कहां है भाभी मुझे
भी ऑफिस के लिए लेट हो रहा है इस पर
प्रियंका किचन में से दोनों के नाश्ते की
प्लेट्स लेकर बाहर आती है लो भाई आप दोनों
का नाश्ता किसी को भी एक मिनट का सब्र
नहीं है यह प्रियंका का ससुराल है जहां
कोई औरत ना होने की वजह से शादी वाले दिन
से ही घर के साथ दोनों भाइयों के
जिम्मेदारियां प्रियंका संभाल लेती है
दोनों भाई शांति से नाश्ता कर रहे होते
हैं कि अंकुश अपने भाई की प्लेट से पराठे
का एक टुकड़ा उठा लेता
है आपको पता है ना मैं खाना शेयर नहीं
करता फिर भी मेरे प्लेट में से खाना जरूरी
है क्या अरे हद हो गई है मुझे नहीं खाना
अब
अंकुर गुस्से में नाश्ता छोड़कर टेबल से
उठ खड़ा होता है अरे यह कैसा बिहेवियर है
अंकुर एक टुकड़ा ही तो है एक हो या आधा
मुझे भूख लगी है तो यह सिर्फ मेरा ही है
उसे भी किसी के साथ शेयर करने बैठा तो
भूखा नहीं रह जाऊंगा अरे बाबा ठीक है अब
इस पर भी लड़ाई दूसरा बना देती हूं पर
प्लीज ऐसे खाना बीच में छोड़कर मत जाओ
इससे अन्न का अपमान होता है ओ प्लीज बा
ऐसी कोई चीज होती ही नहीं है आपके पास
पैसे हैं खरीदो और खाओ अगर नहीं खाया जाए
तो फेंक दो अरे दुनिया में सब यही करते
हैं अंकुर बैग उठाकर ऑफिस के लिए चला जाता
है जिसके पीछे उसका बड़ा भाई मायू सा घर
में खड़ा रह जाता
है जिसने बचपन से सोने की चम्मच में खाया
हो उसे दुनिया के बारे में क्या पता होगा
वैसे गलती तो हमारी ही है अगर कभी बचपन
में ही सही गलत का फर्क सिखाया होता तो आज
यह हाल नहीं होते आप फिक्र क्यों करते हैं
जी भगवान है वह जो भी करता है सबकी भलाई
के लिए ही करता है और जब वह चाहेंगे तो
अपनी तरह से अंकुर भैया को भी सब कुछ सिखा
देंगे पत्नी की बात पर विश्वास कर अंकुश
भी ऑफिस चला जाता है सुबह से दोपहर होती
है और अंकुर लंच करने ऑफिस के पास वाले
रेस्टोरेंट में पहुंचता है जहां वह एक साथ
बहुत सारा खाना ऑर्डर करती
है सर क्या कोई आपको जॉइन करने वाला है
नहीं तो क्यों अब कुछ नहीं सर ऐसे वेटर
चला जाता है और कुछ देर में अंकुर का
ऑर्डर लेकर वापस आता है जिस पर अंकुर सब
डिशेस में से थोड़ा थोड़ा खाकर बाकी ऐसे
ही छोड़कर बिल देकर चला जाता है वाह भगवान
तेरी माया कहीं कोई एकएक टुकड़े के लिए
तरसता रहता है और यह पांच लोगों का खाना
ऑर्डर करके एक का भी पूरा नहीं खाते पैसे
वालो की
माया वेटर टेबल साफ कर बचा हुआ सारा खाना
लेकर रेस्टोरेंट के पीछे घूम रहे बच्चों
के पास पहुंच जाता है जिसे देख बच्चों के
चेहरे खिल उड़ते
हैं वाह आज इतना सारा खाना आया थैंक यू
भैया भगवान आपको खाने की फैक्ट्री बना
दे अगर यह फैक्ट्री मेरी होती तो तुम
लोगों को कभी किसी का झूठा बचा हुआ खाना
नहीं खाना पड़ता चलो तुम लोग खाओ पर ध्यान
रखो किसी को पता ना चले नहीं तो मेरी
नौकरी चली
जाएगी इसी के साथ दिन बीतता है और रात को
दोनों भाई एक साथ घर पहुंचते हैं कुछ देर
में सब डिनर करने बैठते हैं जहां अंकुश
अंकुर को समझाने की कोशिश करता है अंकुर
अगर हमें लाइफ में सब कुछ मिला है इसका यह
मतलब नहीं कि तुम उसका गलत फायदा उठाओ
बल्कि तुम्हें उसकी मदद से दूसरों को भी
मदद करनी चाहिए भैया जिनके पास नहीं है
उनकी वजह मैं तो नहीं ना और ऐसे बहुत लोग
हैं जिनके पास सब कुछ है इसलिए अगर मैं एक
इंसान कुछ नहीं करूंगा तो कोई फर्क नहीं
पड़ने
वाला तुम्हारे भैया बस एक चीज समझाना
चाहते हैं कि जिस चीज की हमारे पास कमी
नहीं है उसे बर्बाद करने से अच्छा है कि
लोगों के साथ शेयर
करें इससे हम सिर्फ सामान नहीं खुशियां भी
बांटते हैं और इसमें तुम्हारा ज्यादा कुछ
तो जाएगा नहीं भैया भाभी की बात सुन अंकुर
कुछ बोले बिना उठकर चला जाता है इसी तरह
दिन बीतते रहते हैं जिसमें अंकुश और
प्रियंका कोशिश तो बहुत करते हैं पर अंकुर
पर किसी भी चीज का कोई असर नहीं पड़ता एक
दोपहर अंकुर सैंडविच खाते हुए सड़क के
किनारे चल रहा होता है तभी उसकी नजर
आइसक्रीम वाले पर पड़ती है और वह सैंडविच
सड़क किनारे फेंक आइसक्रीम खरीदने पहुंच
जाता
है अब इसे कहते हैं जिंदगी का सुख जैसे ही
अंकुर आइसक्रीम लेकर पीछे मुड़ता है तो एक
आदमी को सड़क से वही सैंडविच उठाते हुए
देखता है वह आदमी बहुत कमजोर गरीब जैसे
बहुत दिनों से खाना ना खाया हो वैसा लग
रहा था अंकुर उसके पास जाकर खड़ा हो जाता
है उसे देखकर आदमी सैंडविच अंकुर की तरफ
कर देता
है आपको भी खाना है क्या क्या हम इसे आधा
आधा कर ले मुझे बहुत भूख लगी है वो मेरा
ही ठा सैंडविच है तुम दूसरा खरीद कर क्यों
नहीं खा लेते इसे क्यों खा रहे हो अरे
भैया अगर खरीदने के पैसे होते तो चार दिन
से भूखा नहीं घूम रहा
होता क्या तुमने चार दिन से कुछ नहीं खाया
फिर भी इस आधे सैंडविच को मेरे साथ बांटने
के लिए तैयार हो गए क्यों अरे भैया पैसा
नहीं है तो क्या हुआ इंसानियत आज आज भी
उतनी महंगी नहीं हुई और ना ही उस पर अमीर
गरीब का टैग लगा है जो हम उसे रख ना सके
पर अफसोस आजकल लोगों के अंदर पोषण खून या
विटामिन से ज्यादा इंसानियत की कमी होने
लगी है आदमी की बातों से अंकुर को समझ में
आ जाता है कि वह आज तक कितना गलत काम करता
रहा था इसके बाद से वह अपनी किसी के साथ
शेयर नहीं करने और खाने को बर्बाद करने
वाली आदत को छोड़ देता है
Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin - Watch Episode Download video
Comments
Post a Comment