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Suvichar _ Emotional Kahaniyan _ New Emotional Story _ Hindi Story Written _ Moral Kahaniyan 2.o_transcript

मेरा नाम पूनम है यह मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना था आज मैं बहुत खुश थी क्योंकि मेरे इकलौते और बड़े भैया की शादी जो हो गई थी वह भी मेरी पसंद की लड़की के साथ मेरी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था मेरे एक ही भैया थे हम चार बहनें थे मेरी तीनों बहनों की शादी हो चुकी थी और सबसे छोटी मैं थी जो कि अभी पढ़ाई कर रही थी और डॉक्टर बनना चाहती थी मेरा एक सपना यह भी था कि मेरे भैया की शादी हो जा जाए और आज मेरा वह सपना पूरा हो गया था मैंने अपने भैया की शादी में खूब एंजॉय किया था मैं इस टाइम अपनी भाभी के पास ही बैठी हुई थी जो कि दुल्हन के रूप में काफी खूबसूरत लग रही थी लेकिन मुझे एक बात समझ नहीं आ रही थी कि जब से भैया की शादी हुई थी तब से ही मेरी मम्मी का मूड बहुत ज्यादा खराब हो चुका था मेरी वह मम्मी जो भाभी को लेकर इतनी खुश थी और अपनी पसंद से ही अपने बेटे के लिए भाभी को उन्होंने सिलेक्ट किया था लेकिन अब तो मम्मी का मूड अचानक ही खराब हो गया हालांकि मेरी बहनों का भी यही हाल था वह शादी हॉल से ही अपने घर को चली गई थी जबकि मैं ही घर पर थी जोब भाभी के पास बैठी हुई थी भाभी बहुत मासूम थी वह मुझसे बहुत अच्छे तरीके से बात कर रही थी मुझे उनका बिहेवियर बहुत पसंद आया था मैंने भैया से कहा भैया आप अपने कमरे में जाओ मैं भाभी को लेकर आती हूं भैया के मुंह से तो यह बात सुनकर मुझे बड़ी हैरानी हुई थी कि भैया ने मेरी बात पर इंकार कर दिया और सीरियस होकर मुझसे कहने लग लगे कि नहीं नहीं तुम ऐसा मत करो तुम एक काम करो तुम अपने कमरे में चली जाओ काफी थक गई होगी भैया की यह बात सुनकर तो मैं बहुत हैरान हो गई थी लेकिन इससे पहले मैं कुछ कहती तभी भैया ने मुझे जबरदस्ती मेरे रूम में भेज दिया था उधर दूसरी तरफ भाभी का चेहरा मुरझा सा गया था शायद उन्हें भैया का ऐसा बिहेवियर पसंद नहीं आया था मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह सब कुछ क्या चल रहा है क्योंकि मुझे अच्छा नहीं लगा था कि भैया ने नई नवेली भाभी के साथ सामने मेरे साथ ऐसे रिएक्ट किया था मेरे ख्याल में तो शायद नई नवेली दुल्हन को सब लोग मिलकर उनके कमरे में लेकर जाते हैं पर हमारे घर तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था मैं अपने रूम में चली गई थी उसके बाद मुझे नहीं पता कि क्या हुआ था उसके बाद की मुझे कोई खबर नहीं क्योंकि मैं भी कपड़े चेंज करने के बाद सोने के लिए अपने बिस्तर पर लेट गई थी शादी की बहुत ज्यादा थकान हो गई थी अगले दिन हम सब लोग नाश्ता कर चुके थे भैया भाभी अभी तक अपने कमरे में ही थे भैया भी काफी देर से सोकर उठे थे भैया जब बाहर आए तो उनका मूड ऑफ लग रहा था भैया के जाते ही मैं जल्दी से भाभी के कमरे में उनसे मिलने के लिए चली गई लेकिन भाभी को देखकर मैं हैरान रह गई उनके चेहरे पर तो काफी सारे निशान पड़े हुए थे भाभी की इतनी बुरी हालत देखकर तो मेरा शरीर कांप गया था मैं परेशान हो गई थी भाभी की यह हालत आखिर किसने की है मैं भाभी से यह बात पूछने ही वाली थी कितनी देर में मम्मी कमरे में आ गई और उन्होंने भाभी से कहा कि जल्दी तैयार होकर नाश्ते के टेबल पर आ जाओ और नाश्ता कर लो मम्मी की वजह से मैं भाभी से कुछ पूछ नहीं सकती थी लेकिन अब हर रोज मैं भाभी की हालत को इसी तरह से नोटिस कर रही थी भाभी दिन बदिनी जा रही थी वो जब भी अपने कमरे में जाती तो अगले दिन ऐसे ही बाहर निकलती थी उनके चेहरे पर कोई ना कोई निशान जरूर होता था मैं उनसे पूछती तो वह हमेशा खामोश हो जाती थी और जब मैं उनसे जबरदस्ती पूछने की कोशिश करती तो वो मुझे झटक दिया करती थी जबकि भैया भी उनसे काफी गुस्से से बात करते थे दूसरी तरफ मेरी मम्मी का मूड भाभी की तरफ से बहुत ज्यादा खराब था मेरी समझ नहीं आ रहा था कि सब लोगों का मोट भाभी की तरफ से आखिर खराब क्यों है मम्मी भाभी को मोही नहीं लगाती थी और फिर एक दिन तो मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी जब मैंने भैया की जगह पर अपने पापा को भाभी के रूम से निकलते हुए देखा था मैं यह देखकर बहुत हैरान रह गई थी उसके थोड़ी देर के बाद ही भाभी भी अपने रूम से निकली तो वह काफी रो रही थी ना जाने भाभी के साथ ऐसा क्या हुआ था मैं उस टाइम ज्यादा बड़ी नहीं थी और फिर हम लोग गांव में रहते थे और हमारी गांव जैसी ही सोच थी हमारे गांव में कम उम्र की लड़कियों को घर के मैटर में बोलने का हक नहीं होता था लेकिन इतनी भी छोटी नहीं थी कि सब कुछ ऐसे ही इग्नोर कर देती मेरी समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था मुझे तो अब बहुत ज्यादा बेचैनी हो रही थी और इसी बेचैनी की वजह से मुझे सारी रात नींद भी नहीं आई थी कि ना जाने मेरे घर के अंदर यह सब कुछ क्या चल रहा है घर में होते हुए भी मुझे सच्चाई के बारे में पता नहीं था और फिर एक दिन अचानक ही भाभी से खाने में मिर्ची तेज हो गई थी जिसकी वजह से मम्मी ने भाभी पर चिल्लाना शुरू कर दिया था मैं काफी हैरान हो रही थी कि इतनी सी बात पर वह भाभी पर इतना ज्यादा क्यों चिल्ला रही थी यह बात आराम से भी तो समझाई जा सकती थी लेकिन भाभी बहुत ही सीधी थी वह खामोशी से मम्मी की बातें सुन रही थी और फिर रोने लगी लेकिन उन्होंने मम्मी को पलटकर कोई भी जवाब नहीं दिया था बस वह इतना ही कहने लगी कि मम्मी जी मैं आगे से ऐसा कुछ नहीं करूंगी जिससे आपको प्रॉब्लम हो लेकिन मेरी मम्मी तो उनकी यह बात सुनकर भी उनको ही गलत साबित कर रही थी मेरी मम्मी ने कहा कि खबरदार अगर जो आगे से तुमने मेरी बात का पलट कर जवाब दिया तुम नहीं जानती क्या कि तुम इस घर में बहू की हैसियत से आई हो तो बहू बनकर ही रहो हमारे सर पर चढ़ने की कोई जरूरत नहीं है मैंने अपनी मम्मी का यह रूप पहली बार देखा था आफ्टर ऑल मेरी मम्मी सास भी तो पहली बार ही बनी थी तभी तो अपनी बहू को इतना दबा रही थी मम्मी ने कभी भी हम बेटियों पर डांट नहीं लगाई थी हमेशा वह हमारे साथ खुशी रहती थी लेकिन वह भाभी को अपनी बेटी क्यों नहीं समझ रही थी उनको क्यों इस तरह से डांट रही थी वो बेचारी तो अभी सिर्फ पाच दिन की ही दुल्हन थी लेकिन मुझे समझ नहीं आया कि मम्मी को इतना गुस्सा क्यों आ रहा है और किस बात पर आ रहा है अचानक से मम्मी ने भाभी से से एक ऐसी बात कही जिसे सुनकर तो मेरे होश उड़ गए थे मम्मी ने भाभी से कहा था कि तुम हमारे घर पर दहेज के नाम पर सिर्फ दो-तीन बर्तन ही लेकर आ गई हो मम्मी की यह बात सुनकर मैं समझ गई थी कि मम्मी किस वजह से उन पर गुस्सा करती रहती हैं मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी मम्मी सांस बनकर इतनी लालची हो जाएंगी लेकिन जो होना था वह तो हो ही गया था उस दिन तो मेरी दीदीया भी आई हुई थी मम्मी ने भाभी से कहा कि चलो मेरी बेटियों के लिए चार-पांच टाइप का खाना बनाकर जल्दी से तैयार कर दो यह देखकर मैं हैरान हो गई थी मुझे बेचारी भाभी पर तरस आ रहा था मेरी मम्मी और मेरी दीदी सब लोग आपस में कमरे में बैठकर बातें कर रही थी और भाभी बेचारी किचन में अकेले ही किचन का सारा काम संभाल रही थी मैं उनकी ऐसी हालत पर तरस खाते हुए किचन में उनकी मदद करने के लिए चली गई भाभी भी मुझसे बहुत खुश हुई थी कि मैं उनकी मदद करने के लिए आ गई हूं आखिर इतना ढेर सारा खाना वो बेचारी अकेली कब तक पकाती और इतनी गर्मी में तो उनकी हालत खराब हो जाती मैं किचन में काम कर ही रही थी कि मेरी मम्मी ने मुझे देख लिया और कहा कि खबरदार जो तुमने अपनी भाभी की तरफदारी करने की कोशिश की और तुम्हें इसकी मदद करने की भी कोई जरूरत नहीं तुम अपने कमरे में जाओ और जाकर पढ़ाई करो इसकी मदद करने की कोई जरूरत नहीं है मैंने इसे इतना सारा खाना बनाने के लिए इसलिए दिया है ताकि अपनी ग्रहस्ती को संभाल सके शादी करना आसान नहीं होता शादी करने के बाद सारी जिम्मेदारियां अपने कंधों पर डालनी होती हैं दूसरों के साथ मदद लेकर काम करने से जिम्मेदारी बढ़ जाती है मैं अपनी मम्मी के डांट सुनकर खामोशी से अपने कमरे में आ गई थी लेकिन मुझे भाभी पर बहुत तरस आ रहा था अब वह बेचारी अकेले ही किचन में खाना बना रही होंगी भैया मम्मी पापा का बहुत कहना मानते थे क्योंकि वह मेरे तीनों बहनों से छोटे थे इसी वजह से वह अपनी बहनों का और मम्मी पापा का बहुत कहना मानते थे मेरे भैया ने जैसे ही भाभी को देखा कि वह इतनी गर्मी में किचन को संभाल रही है और कहीं से भी वह नई नवेली दुल्हन नहीं लग रही तो यह सब देखकर भैया को कोई फर्क ही नहीं पड़ा मैं हैरान हो गई थी कि भैया को क्या हो गया उन्हें अपनी पत्नी पर तरस नहीं आता भैया के अंदर तो मुझे भाभी के लिए कोई भी फीलिंग्लेस ही पापा को देखा तो उनके चेहरे की हवाइयां उड़ गई थी ऐसा लग रहा था कि जैसे भाभी ने कोई भूत देख लिया हो मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह सब सब कुछ क्या चल रहा है फिर अचानक मैंने पापा को भैया के रूम में जाते हुए देखा यह देखकर मेरे होश उड़ गए थे कि हर दिन पापा भैया के कमरे में क्यों जाते हैं हालांकि अब तो उन्हें भैया के कमरे में नहीं जाना चाहिए क्योंकि भाभी कमरे में मौजूद होती है फिर अगले दिन जैसे ही मैंने फिर से भाभी को देखा तो भाभी बहुत बुरी हालत में और रोती हुई अपने कमरे से बाहर निकली थी मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे पापा भी भाभी को बहुत गलत गलत बातें सुनाते हैं तभी तो भाभी का ऐसा हाल हो होता है एक दिन मैं अपनी बुक्स बाहर हॉल में ही छोड़ आई थी मैं अपनी बुक लेने के लिए लगभग रात के 2:00 बजे के टाइम पर अपने कमरे से बाहर निकली थी मैं जैसे ही अपने रूम से बाहर निकली थी तो मेरी नजर भैया के रूम पर गई लेकिन वहां से तो अजीब तरह की आवाजें आ रही थी इन आवाजों को सुनकर तो मेरा शरीर कांप उठ था मुझे तो समझ नहीं आ रहा था कि यह आवाजें किस तरह की हैं लेकिन मैं इतना जरूर जानती थी कि जरूर कमरे के अंदर कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है और कोई गलत काम किया जा रहा है वो मेरी भाभी की चीखोद्र से निकलते हुए देखती तो मेरे हाथ पैर फूलने लग जाते थे और मुझे काफी अजीब अजीब सी आवाजें सुनाई देती थी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे पापा भाभी के साथ कुछ गलत करते हैं पर मेरा दिल इस बात के लिए नहीं मान रहा था मैं अपने दिल की आवाज को दबाने लगी थी अब तो यह रोज का रूटीन बन गया था जैसे ही रात होती थी तो मेरे पापा भैया को कुछ इशारा करते थे और इशारे इशारे में वह उनसे पता नहीं क्या कह रहे होते थे उसके कुछ देर बाद ही भाभी अपने कमरे में चली जाती थी और फिर जब सब सोने चले जाते थे तो पापा भी भैया के कमरे में चले जाते यह सब देखकर तो मैं हैरान हो गई थी कि अचानक भैया कहां चले जाते थे मुझे भाभी पर बहुत तरस आ रहा था कि दहेज ना मिलने की उनको इतनी बड़ी सजा दी जा रही थी एक दिन मैंने भाभी को देखा जो सर्दी में भी बाहर आगन में बैठी हुई थी मैंने फैसला कर लिया था कि मैं जाक कर उनके दुख दर्द में शामिल हो जाऊंगी मैंने फैसला कर लिया था कि मैं जाकर उनका दुख दर्द बांट लूंगी लेकिन मैंने जैसे ही देखा तो वह किसी से फोन पर बातें कर रही थी मैं जानती थी कि वह मोबाइल भैया का था पर मुझे यह नहीं पता था कि वह किस फोन पर बात कर रही थी वह जिस किसी से भी फोन पर बात कर रही थी मैं जान गई थी कि वह एक मर्द है मेरी भाभी अपनी दर्द भरी कहानी उसे सुना रही थी कि मुझे प्लीज यहां से ले जाओ यह लोग अच्छे नहीं हैं यह मेरे साथ साथ बहुत बुरा सुलूक करते हैं मेरी सास तो बहुत ही जालिम औरत है मुझ पर बहुत अत्याचार करती है जबकि मेरे ससुर ने तो मुझे कहीं का नहीं छोड़ा वह तो मेरा बहुत फायदा उठाता है यह सुनकर तो मेरे होश उड़ गए थे मुझे अपने पापा पर बहुत गुस्सा आ रहा था वो मेरी भाभी को आखिर किस जुर्म की सजा देते हैं मेरी भाभी ने इतना बड़ा जुर्म तो नहीं किया था मेरी भाभी के पिताजी बचपन में ही मर गए थे और उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली थी उनके सुते पिता ने ही उनकी शादी की थी उनके सतेल पिता का कहना था कि मैं अपनी पत्नी की बेटी को अपने सगे बच्चों के साथ कंपेयर नहीं कर सकता उन्होंने मेरी भाभी की मां को बेसहारा समझकर सहारा तो दे दिया था लेकिन जब उनकी पत्नी की बेटी की शादी की बात आई तो उन्होंने दहेज के नाम पर उन्हें कुछ भी नहीं दिया उनके पिता ने अपनी पत्नी से भी मना कर दिया था कि शादी के बाद तुम अपनी बेटी से कोई कांटेक्ट नहीं रखो गी मेरी मम्मी ने तो इसी वजह से शादी की थी कि मेरी भाभी के सौतेले पिता काफी अमीर आदमी थे और उनका बिजनेस बहुत अच्छा था लेकिन जैसे ही शादी हुई तो सारी हकीकत हमें पता चल गई थी और इस तरह भाभी के पास कुछ भी नहीं आया था जिसकी वजह से मेरे भाईभी काफी परेशान हो गए थे और पापा ने तो सारा घर ही सर पर उठा लिया था कि मैं अपने सारे खानदान को क्या जवाब दूंगा मेरी बहू जो आई है वह दहेज के नाम पर एक रुपया भी लेकर नहीं आई गांव वालों में तो यही रिवाज होता है गांव वाले गांव की ही सोच रखते हैं लेकिन मैं ऐसी सोच नहीं रखती थी क्योंकि मैं शहर से पढ़ रही थी इसलिए मेरे ख्यालात थोड़े शहर जैसे ही थे मेरी पूरी फैमिली ने अपनी पूरी जिंदगी गांव में ही गुजार दी थी इसलिए उन लोगों ने कभी सोचा ही नहीं कि बाहर का माहौल किस टाइप का है हमारे गांव में काफी सारे रीति-रिवाज भी थे क्योंकि हमारे गांव में बूढ़े लोगों की बातों का बहुत मान रखा जाता था और यहां के लोग सब पुराने टाइप जैसे ही सोच रखते थे मेरी भाभी जिससे भी बात कर रही थी उससे यही कह रही थी कि आ जाओ और मुझे यहां से आकर ले जाओ और यह बात मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती थी भाभी के मुंह से मैंने आखिरी बात यह सुनी थी कि काश इस इंसान की बेटी के साथ भी ऐसा ही हो फिर इसे पता चले कि किसी की बेटी को दुख देना क्या होता है यह बात सुनते ही मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा था ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मुझे बददुआ दी हो यह बात सुनकर मुझे डर लगने लगा था मैं भागते हुए अपने कमरे में आ गई थी लेकिन मैं मैं अभी भी यही सोच रही थी कि अगर कल को जैसा भाभी के साथ हो रहा है ऐसा ही मेरे साथ भी कुछ भी हो गया और फिर मेरे ससुर और मेरे ससुराल वालों ने भी मेरे साथ ऐसा ही किया तो फिर मैं कहां जाऊंगी मैं तो किसी को मुंह दिखाने के लायक भी नहीं रहूंगी नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगी मेरे पापा यह सब कुछ क्यों नहीं सोचते थे कि उनकी भी तो बेटियां हैं अगर उनकी बेटियों के साथ भी उनके ससुराल वालों ने यही सब किया तो वो किसी को क्या दिखाएंगे और तो और मेरी मम्मी भी ऐसी ही थी एक औरत होते हुए वह दूसरी औरत का दर्द नहीं समझ रही थी वह यह नहीं सोचती थी कि उनको भाभी को अपनी बेटी की तरह समझना चाहिए और वह तो हमेशा ही भाभी को ताने दिया करती थी कि पड़ोस की बहू को देखो कि अपनी सास को मां समझती है एक हमारी बहू है जो खाली हाथ है और घर में भी हमें उससे किसी तरह का कोई फायदा नहीं जबकि मम्मी मेरी बड़ी बहनों को समझाती थी कि तुम अपने सास ससुर का कहना मत माना करो हां सिर्फ अपने पति की ही सेवा किया करो पति की सेवा करना ही तुम्हारा कर्तव्य है खबरदार जो अगर तुम लोगों ने अपने सास और ससुर की सेवा की तो पर यहां तो वह अपनी बहू के साथ उल्टा ही करती थी एक दिन मैंने हिम्मत की और भाभी से सवाल पूछ ही लिया कि वह जब भी अपने रूम में जाती हैं तो उनके जाने के कुछ देर बाद ही भैया के बजाय पापा उनके रूम से क्यों निकलते हैं मेरा सवाल सुनकर तो भाभी के चेहरे का रंग ही उड़ गया था मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैंने भाभी से कोई गलत सवाल पूछ लिया हो मैं भाभी को देख ही रही थी उनका चेहरा मेरे सवालों पर मुरझा सा गया था लेकिन वो बहुत ही घबरा गई थी कहने लगी कि मुझे नहीं पता तुम मुझसे ऐसे सवाल मत करो प्लीज मुझे माफ कर दो मैं तुम्हें कुछ नहीं बताना चाहती वह रोने लगी थी मैंने जल्दी से भाभी के हाथ पकड़ लिए थे और कहा कि भाभी आप बेफिक्र रहो मैं आइंदा से आपसे कभी ऐसे सवाल नहीं करूंगी लेकिन मेरा दिल बहुत ही बेचैन हो रहा था कि ना जाने उनके साथ ऐसा क्या होता है जिसकी वजह से वह इतनी ज्यादा परेशान हैं एक दिन मैंने अपनी मम्मी से पूछा कि मम्मी यह मैं क्या देख रही हूं पापा रात को भाभी के रूम से निकलते हैं और फिर भाभी की हालत ऐसी होती है जैसे उन्हें बहुत ज्यादा परेशान किया गया है उनके चेहरे पर अजीब से निशान होते हैं और उनकी आंखें भी मोटी मोटी होती हैं मेरी बात सुनकर मम्मी कहने लगी कि तुम अपने काम से काम रखा करो तुम्हें कितनी बार समझाया है कि घर के मैटर में अपनी टांग अड़ने की कोशिश मत किया करो खबरदार तुमने घर के मैटर में बोलने की कोशिश की तो आज के बाद तुमने अगर ऐसे सवाल किए तो तुम्हारे पापा तुम्हें जान से मार देंगे तुम इन सब बातों में दखल अंदाजी मत किया करो तुम बहुत छोटी हो और अभी कुछ नहीं जानती हो मैंने तुम्हें पहले भी समझाया है कि तुम सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया करो मम्मी ने तो मेरे इस छोटे से सवाल पर मुझे बहुत डांट लगाई थी लेकिन मैंने फैसला कर लिया था कि अब मैं पीछे नहीं हटूंगा मैं यह जानकर ही रहूंगी कि कि आखिर आधी रात को भैया भाभी के रूम से वह अजीब सी आवाजें क्यों आती हैं और पापा ही क्यों भाभी के रूम से बाहर निकलते हैं लेकिन जब पापा कमरे से निकलते हैं तो व बहुत ज्यादा फ्रेश नजर आते हैं और उनके चेहरे पर खुशी साफ दिख रही होती है जबकि भाभी की हालत तो वही होती है मैंने ये जानने की कोशिश की थी और अब मैंने यह फैसला कर लिया था कि अब मैं ही सच्चाई को जानकर रहूंगी एक दिन मैंने जैसे ही अपनी भाभी को देखा तो वह सारे घर में मौजूद ही नहीं थी पता नहीं व कहां व गई हुई थी इधर मेरे कॉलेज का टाइम हो रहा था मैं अपने कॉलेज चली गई मुझे सिर्फ कॉलेज में एक घंटे का ही काम था मैं अपना काम निपटा करर कॉलेज से आ रही थी कि मैंने रास्ते में किसी को देखा और गौर किया कि यह कौन है तो यह तो मेरी भाभी थी जो बस स्टॉप पर एक लड़के के साथ खड़ी हुई थी और उसके साथ बातें कर रही थी भाभी को बस स्टॉप पर खड़े हुए देखकर मैं तो हैरान रह गई थी लेकिन व यहां बस स्टॉप पर क्या कर रही थी और फिर उनके साथ यह लड़का कौन था भाभी उसके पास खड़ी हुई उसके हाथों में अपना हाथ थाम कर खड़ी थी और फूट-फूट कर रो रही थी यह शर्मनाक नजारा देखकर मैं शर्मिंदा हो रही थी और सोचने लगी थी कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है क्योंकि भाभी उस लड़के से कह रही थी कि प्लीज मुझे बचा लो मैं अब अपनी ससुराल में और नहीं रह सकती प्लीज मुझे मेरी ससुराल से निकाल दो यह सुनकर तो मेरे होश उड़ गए थे इससे पहले कि मैं वापस जाती भाभी की नजर अचानक ही मुझ पर पड़ गई थी लेकिन मैं जल्दी से अपनी बस में में बैठकर घर आ गई थी मेरे घर आने के लगभग आधा घंटे बाद ही भाभी भी घर पर आ गई थी भाभी शायद मम्मी से अपने माइके का बहाना लेकर निकली थी मैं बहुत ज्यादा परेशान थी मुझे परेशान देखकर मम्मी ने कहा कि आज तुम परेशान लग रही हो क्या बात है पढ़ाई का स्ट्रेस ज्यादा ही हो रहा है मैंने अपनी मम्मी को कोई जवाब नहीं दिया और सीधा अपने कमरे में चली आई थी मैं भाभी से बात करने का मौका ढूंढ रही थी मैं अभी भाभी के बारे में सोची रही थी कि अचानक मेरे कमरे का दरवाजा बजा और भाभी मेरे कमरे के अंदर आ गई मैंने उनसे वह सारे सवाल किए जो मैं उनसे पूछना चाहती थी मैंने उनसे कहा भाभी वो लड़का कौन था जिसके गले लगकर आप फूट-फूट कर रो रही थी और आप बस स्टॉप पर क्या कर रही थी भाभी कहने लगी कि तुम गलत समझ रही हो व लड़का कोई और नहीं बल्कि मेरा अपना सगा छोटा भाई था जिसको मेरे सौतेले पिता ने एक्सेप्ट नहीं किया था मैं लड़की थी इसलिए उन्होंने कुछ दिन मुझे अपने घर में रखा और उसके बाद मेरी शादी कर दी लेकिन मेरे छोटे भाई को घर से निकाल दिया था उन्होंने कहा था कि मैंने अपनी पत्नी के बच्चों का ठेका नहीं ले लिया जो सबको अपने घर में ही जगह दे दूं मुझे सिर्फ अपनी पत्नी से मतलब है मेरा भाई अब शहर में रहकर काम करता है वह एक मामूली सी नौकरी करता है इसलिए वह मुझे कुछ नहीं दे पाया लेकिन वह मुझसे बात करता रहता है और कभी-कभी बस स्टॉप पर मुझसे मिलने के लिए आ जाता है मैं अक्सर अपने भाई से बस स्टॉप पर मिलने के लिए चली जाती हूं व मेरे लिए कोई स्टैंड नहीं ले सकता था मेरे सौतेले पिता ने मुझे बिल्कुल भी नहीं समझा मेरे भाई के पास ज्यादा पैसे नहीं होते थे इसीलिए वह मेरे लिए कुछ नहीं कर सकता था पर अब मेरा भाई अपने पैरों पर खड़ा हो गया उसकी शहर में एक अच्छी जगह पर नौकरी लग गई है और उसने अपना किराए पर मकान भी ले लिया यह शादी मेरे सौतेले पिता के कहने पर हुई थी क्योंकि तुम्हारे पिता मेरे सौतेले पिता के दोस्त हैं लेकिन मैं इस शादी को नहीं निभा सकती मेरे भाई का कहना है कि वह जल्दी मुझे इस घर से निकाल देगा और अपने साथ शहर लेकर चला जाएगा मुझ पर अब और अत्याचार होता हुआ मेरा भाई नहीं देख सकता अब वह मुझे एक नई जिंदगी देगा मैं बहुत खुश हूं कि मेरा भाई मेरे लिए यह सब कर रहा है मैं बहुत जल्दी तुम्हारे इस घर को छोड़कर चली जाऊंगी मैं तो अपनी भाभी की इस बात को सुनकर बहुत ज्यादा रोने लगी थी और मैंने उनसे कहा भाभी प्लीज ऐसा मत करो आप बहुत अच्छी हो मेरे भैया को शायद आप जैसी मासूम पत्नी नहीं मिल सकती पता नहीं भैया को क्या हो गया जो वह आपके साथ इतना गलत बिहेवियर रखते हैं मेरी भाभी ने कहा कि तुम्हारे भैया बहुत बुरे हैं बल्कि तुम्हारे भैया ही नहीं तुम्हारा पूरा परिवार बहुत बुरा है मुझे तो बस थोड़ी बहुत तुम ही सही लगती हो लेकिन तुम्हारा पूरा परिवार बहुत ही बुरा है जो किसी की बेटी की इज्जत करना नहीं जानते सिर्फ उस पर अत्याचार ही करना जानते हैं और तुम्हारे पिता उनके तो कुछ कहने ही नहीं उन्हें तो भगवान ही समझेगा तुम अभी छोटी हो इसलिए तुम्हारी कुछ समझ नहीं आएगा भाभी की यह बातें सुनकर तो मैं हैरान रह गई थी क्योंकि मुझे मन ही मन में अपने पापा से नफरत महसूस हो रही थी मैंने भाभी से कहा भाभी आज आप मुझे बता ही दो कि रात को आपके चीखने चिल्लाने की आवाजें क्यों आती हैं और पापा आपके कमरे से बाहर क्यों निकलते हैं भाभी कहने लगी अगर तुम यह सब कुछ जानना चाहती हो तो कल रात को मेरे साथ मेरे कमरे में छुप जाना और अपनी आंखों से यह सब कुछ देख लेना कि मेरे साथ क्या होता है मैंने भाभी की बात मान ली थी और मैं बड़ी बेचैनी के साथ अब रात होने का इंतजार करने लगी थी जैसे ही रात हुई तो मैं भाभी के साथ उनके कमरे में चली गई थी और एक कोने में जाकर छुप गई थी भाभी अपने बेड पर बैठ गई थी लेकिन मैं भाभी को देखकर बड़ी हैरान हुई थी भाभी अपने बेड पर इस स्टाइल से बैठी हुई थी जैसे कोई नई नवेली दुल्हन बैठती है मैंने भाभी से कुछ नहीं कहा था और मैं अपनी जगह पर जाकर छुप गई थी मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था तभी अचानक मुझे दरवाजा खुलने की आवाज आई और मेरे पापा कमरे के अंदर आ गए थे पापा ने जल्दी से भाभी का चेहरा छुआ और उनसे कहने लगे कि बस कुछ दिनों की बात और है उसके बाद तुम एक बहुत बड़ी खुशखबरी देने वाली हो भाभी ने पापा की तरफ देखा और वह उनसे कहने लगी कि प्लीज मुझे छोड़ दीजिए ससुर जी आप रोज-रोज मेरे साथ यह सब कुछ क्या करते हो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता मेरी भाभी पापा के सामने रोने लगी थी पापा ने जल्दी से भाभी के मुंह पर थप्पड़ मार दिया और उन्हें कहा कि तुम्हें भी रोज-रोज अपने मुंह पर थप्पड़ खाने की आदत हो गई है भाभी चीख रही थी और कह रही थी कि मुझे छोड़ दो लेकिन यह देखकर तो मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी कि मेरे पापा ने भाभी के कपड़े उतारना शुरू किया और फिर मैंने अपनी आंखों से वह सब कुछ देख लिया जो शायद मुझे नहीं देखना चाहिए था मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था क्योंकि मेरे होश उड़ गए थे मेरे पापा भाभी के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं वह तो उनकी बेटी की उम्र की है आखिर यह सब कुछ करते हुए मेरे पापा को शर्म नहीं आई और तो और इस बारे में मेरे भैया और मेरी मम्मी जानते थे फिर उन्होंने पापा को भाभी के साथ यह सब कुछ करने के लिए कभी रोका क्यों नहीं और जानबूझकर वह भाभी के साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं मेरी तो कुछ समझ नहीं आ रहा था अपने पिता को इतना बड़ा पाप करते हुए देखकर मेरे सर में बहुत दर्द होने लगा था और मैं वहां पर चक्कर खाकर बेहोश हो गई थी सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैं होश में आई और मैंने वह सब कुछ याद करने की कोशिश की जो मैंने रात अपनी भाभी और पापा को करते हुए देखा था दरअसल मेरे पापा मेरे भाभी की इज्जत को तार-तार कर रहे थे आखिर वह ऐसा क्यों कर रहे थे मेरे कुछ समझ नहीं आ रही थी मेरे पापा और भाभी को पता ही नहीं चला था कि मैं कब बेहोश हो गई क्योंकि मेरी भाभी ने मुझे जगाने की कोशिश ही नहीं की पापा के जाने के बाद भैया कमरे में आ गए थे सुबह के टाइम पर भैया कमरे से निकल गए थे तब भाभी ने मुझे जगाया और उन्होंने कहा कि देख लिया तुमने पूनम तुम्हारा पिता कितना बड़ा दरिंदा इंसान है और किस तरह से वह रात मेरे शरीर को नोच रहा था मैंने भाभी से कहा भाभी आखिर यह सब कुछ क्यों हो रहा था आपने कभी यह जानने की कोशिश क्यों नहीं की भाभी ने कहा यह सब तुम अपनी मम्मी से पूछो मुझसे नहीं अब मुझे होश आ गया था और मैं अब अपनी भाभी को इतनी परेशानी में नहीं देख सकती थी इसलिए मैं अपनी भाभी का हाथ पकड़कर मम्मी और पापा के सामने ले गई बाहर मम्मी पापा और भैया बैठे हुए चाय पी रहे थे मैंने भाभी का हाथ पकड़ा हुआ था और अपने पापा से सवाल किया कि आप कितने घिनौने इंसान हैं जब पापा ने मेरी यह बात सुनी तो वह मुझे घूर करर देखने लगे मम्मी कहने लगी कि बदतमीज लड़की अपने पिता से किस तरह से बात कर रही हो मेरे भैया का भी यही हाल था उन्हें भी मुझ पर गुस्सा आ रहा था लेकिन मेरी भाभी की आंखों में आंसू थे मैंने अपने परिवार वालों से कहा कि खबरदार अगर जो आप लोगों ने मेरी भाभी के साथ कुछ भी गलत करने की कोशिश की तो रात को मैं भाभी के कमरे में छुप गई थी और मैंने पापा को वह सब कुछ करते हुए देख लिया जो शायद मुझे नहीं देखना चाहिए था मैंने अपने पापा से कहा कि आपको शर्म नहीं आती यह सब कुछ करते हुए आखिर आपने मेरी भाभी के साथ ऐसा क्यों किया आप क्यों रोज उनकी इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हो और भैया आप आप कैसे पति हो जिसे अपनी पत्नी की इज्जत की कोई फिक्र नहीं मेरे भैया सर झुकाकर मेरी बात को सुन रहे थे मेरी मम्मी कहने लगी देखो पूनम तुम अपने काम से काम रखा करो तुम अभी बहुत छोटी हो तुम्ह तुम्हें अभी हमारे गांव के रिवाजों के बारे में कुछ नहीं पता तुम्हें नहीं पता कि यह सब कुछ कितना जरूरी होता है अगर ऐसा नहीं हुआ तो कभी भी तुम्हारी भाभी मां नहीं बन सकती मैंने मम्मी से कहा मुझे बताइए कि भाभी के साथ यह सब कुछ क्यों किया जा रहा है आज मैं सारी सच्चाई सुनना चाहती हूं फिर जो कुछ मेरी मम्मी ने बताया उसे सुनकर तो मेरे होश उड़ गए थे मेरी मम्मी मुझे कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं थी औरतों और पापा और भैया तो सर झुकाकर खड़े हुए थे मेरी मम्मी बहुत ज्यादा गुस्से में थी उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे कमरे में ले गई और मुझे बताने लगी कि तुम सच जानना चाहती हो तो सुनो तुम्हारा भैया नामर्द है वह अपनी पत्नी को वह सुख नहीं दे सकता जो एक मर्द देता है अगर गांव वालों को यह बात पता चल गई तो हमारी बहुत बदनामी होगी हमारे गांव में शादी के दो महीने बाद ही लोग पूछने लग जाते हैं कि बहू बच्चा पैदा कब करने वाली है जिनके यहां बहू बच्चा पैदा नहीं करती उन लोगों को तो बड़ी बुरी बुरी बातें सुनाई पड़ती हैं और गांव के रिवाजों के हिसाब से उन्हें कोई अपने घर नहीं बुलाता क्योंकि जिसके घर में वारिस पैदा नहीं हो सकता उनका खानदान आगे कैसे बढ़ेगा और सारे गांव वाले उस पूरे परिवार की मजाक बनाते हैं जहां पर बहू बच्चा पैदा नहीं करती हमारी बेइज्जती ना हो इसलिए तुम्हारे पिता इसी कोशिश में लगे हुए हैं कि जल्द से जल्द बहू मां बन जाए ताकि गांव में हमारी बदनामी ना हो सके अपनी मम्मी की बात सुनकर मैंने मम्मी से कहा यह गांव में किस तरह की मनगण बातें होने लगी हैं अगर कोई औरत बच्चा पैदा नहीं कर सकती तो इसमें इज्जत और बेइज्जती वाली कौन सी बात आ गई अगर भैया में कोई प्रॉब्लम है तो आप लोग भैया का भी तो ट्रीटमेंट करवा सकते हो यह कोई बात नहीं हुई कि आप उनके बदले पापा को भाभी के कमरे में भेज दें मम्मी कहने लगी पागल लड़की इस तरह से हमारे गांव में हमारे पूरे परिवार की बदनामी हो सकती है मैंने कहा मम्मी आप लोग कैसी सोच रखते हो ऐसा नहीं हो सकता अगर गांव वाले इसी तरह से अपनी सोच को बरकरार रखते रहे तो ऐसे तो ना जाने कितनी लड़कियों की जिंदगी खराब हो जाएगी मेरी मम्मी कहने लगी अब इस बारे में तुम किसी को नहीं बताओगी मैंने अपनी मम्मी से कहा देखिए मम्मी मैं आपके कहने के मुताबिक किसी को नहीं बताऊंगी कुछ भी लेकिन आप अब भाभी के साथ कुछ भी गलत नहीं करेंगी अगर भाभी के साथ यह सब कुछ होता रहा तो मैं इस घर को छोड़कर चली जाऊंगी मेरी मम्मी मेरी इस धमकी पर हैरान हो गई थी मम्मी कहने लगी तुम ऐसा कदम कभी मत उठाना चलो ठीक है आज आज से हम तुम्हारी भाभी को सरा आंखों पर बिठाकर रखेंगे और तुम्हें कभी किसी शिकायत का मौका नहीं देंगे मैं अपने कमरे से बाहर आ गई थी और मैंने अपने पापा और भैया को भी यही धमकी दी थी वह दोनों भी डर गए थे और भैया ने कहा था कि अच्छा ठीक है मैं तुम्हारी भाभी को अब कभी भी तंग नहीं करूंगा लेकिन मुझे किसी की बात पर भी यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि मैं जानती थी कि मेरे घर वाले बहुत पुरानी सोच रखते हैं और उनकी यह सोच हमेशा कायम ही रहेगी इस हादसे से मेरे दिल में एक डर बैठ गया था कि अगर भाभी अपने घर चली गई या फिर अपने भाई के पास चली गई तो फिर मेरे भैया को कभी उन जैसी पत्नी नहीं मिल सकेगी क्योंकि आजकल तो इतनी मासूम लड़कियां ढूंढने से भी नहीं मिल रही मेरा दिल कर रहा था कि मैं हमेशा के लिए अपनी भाभी को अपने पास रख लूं और वह मुझे छोड़कर कभी ना जाए मैंने अपने दिमाग पर जोर डालना शुरू किया था और मुझे एक प्लान नजर आने लगा था और मैंने उस पर अपना काम करना शुरू कर दिया मैं भाभी के पास गई और मैंने जाकर उन्हें सब कुछ बता दिया था मेरी बात सुनकर भाभी हैरान रह गई थी वह कहने लगी पूनम यह तुम कैसी बातें कर रही हो ऐसा कभी नहीं हो सकता तुम्हारे घर वाले ऐसा कभी नहीं करेंगे मेरी जिंदगी में यही लिखा हुआ था मैं इस घर में रहते हुए अपनी इज्जत पर और दाग नहीं लगाना चाहती जहां पर मेरा पति ही मेरा रखवाला नहीं है और अपने पिता के साथ उसने ही मैं इस घर में बिल्कुल भी नहीं रह सकती मेरा भाग्य ही अच्छा नहीं है जो मुझे ऐसा ससुराल मिला लेकिन तुम तुम बहुत अच्छी हो मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूंगी लेकिन जो तुम्हारे घर वालों ने मेरे साथ किया मैं उसे भी नहीं भुला सकती इसी वजह से मेरा भाई मुझे कल ही लेकर चला जाएगा मैंने अपनी भाभी की बात सुनी तो मैं रोने लगी थी मैं भाभी से रिक्वेस्ट करने लगी भाभी प्लीज मेरी बात मान लो यह सब कुछ मत करो जो मैं कह रही हूं वैसा करो मैं आपकी भलाई के लिए ही सब कुछ करना चाहती हूं क्योंकि मेरे पापा ने आपके साथ जैसा भी किया है तो वह मेरे पापा ही और मैं शायद अपने ने पापा की गलतियों का पश्चाताप करना चाहती हूं भाभी कहने लगी गलतियों का पश्चाताप वहां पर होता है जहां पर अपनी गलती का एहसास होता है लेकिन तुम्हारे घर वाले अपनी गलती मानते ही नहीं मैंने भाभी से कहा भाभी प्लीज अगर आपने मेरी बात मान ली तो मेरी जिंदगी भी सेट हो जाएगी लेकिन प्लीज आप यहां से मत जाओ भाभी खामोश हो गई थी अगले दिन भाभी का भाई उन्हें लेने के लिए आ गया था मैंने भाभी के भाई को रोक लिया और उन्हें कहा कि मुझे आपसे कुछ बात करनी है वो भी मेरी बात सुनकर हैरान रह गया था मैं जानती थी कि भाभी के भाई में अभी ज्यादा सेल्फ कॉन्फिडेंस नहीं है लेकिन अपने पैरों पर तो खड़ा है और वह मेरे पापा की तरह ज्यादा पैसे वाला भी नहीं है जो वोह मेरी सारी ख्वाहिशों को पूरा कर सकता पर मुझे यह कदम उठाना ही पड़ा था क्योंकि मैं जानती थी कि इस तरह से भाभी हमारे पास रह सकेंगी फिर मैंने जैसे ही भाभी के भाई से यह बात की तो वह हैरान रह गया था और उसने कहा कि नहीं मैं यह फैसला नहीं कर सकता मैं तुम्हें एक्सेप्ट नहीं करूंगा मैंने भाभी से कहा भाभी देखिए मैं यह सारा सैक्रिफाइस सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही कर रही हूं मैं आपके लिए सब कुछ करने के लिए तैयार हूं और अपने परिवार को भी सबक सिखाना चाहती हूं प्लीज भाभी मेरी बात को मान जाओ भाभी कहने लगी कि मैं यह फैसला नहीं कर सकती अगर तुम्हें यह सब कुछ करना है तो अपनी फैमिली से तुम्हें बात करनी होगी तुम अपने भाई से कह कर देखो मैंने भाभी की बात मान ली थी और फिर अगले ही दिन मैंने सारे घर वालों को एक जगह इकट्ठा किया और और उनसे कह दिया कि मैं भाभी के भाई के साथ शादी करना चाहती हूं मेरे सारे घर वाले यह सुनकर शॉक्ड रह गए थे कि अचानक से मुझे क्या हो गया मेरे पापा कहने लगे कि तुम यह किस तरह की बातें कर रही हो मैंने अपने पापा को धमकी दे दी थी और उनसे कहा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं इस घर को छोड़कर चली जाऊंगी और आपकी असलियत सबको बता दूंगी मेरे घर वालों को वैसे भी अपनी इज्जत बहुत प्यारी थी इसलिए मेरी पूरी फैमिली ने मजबूर होकर मेरा यह रिश्ता पक्का कर दिया था मैं बहुत खुश हो गई थी और मैंने भाभी से कहा देखिए भाभी अब आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं क्योंकि घर वाले अब आपसे खुश रहेंगे और किसी की भी मजाल नहीं है कि आपकी इज्जत पर कोई उंगली भी उठा सके वो समझ जाएंगे कि अगर उन्होंने आपके साथ कुछ भी करने की कोशिश की तो उनका भाई भी मेरे साथ वही करेगा इसलिए वह अब आपके साथ कुछ नहीं करेंगे भाभी का भाई पहले तो मुझसे ढंग से बात नहीं करता था क्योंकि वह जानता था कि उसकी बहन के साथ उसकी ससुराल में बहुत बुरा किया गया है लेकिन वह समझदार था कुछ दिनों बाद ही हमारी शादी हो गई थी मैं अपने बैड पर दुल्हन की तरह तैयार होकर बैठी हुई थी और अपने पति के आने का इंतजार कर रही थी मेरा पति सुशांत कुछ देर बाद ही कमरे के अंदर आया और कहने लगा कि मैं जानता हूं कि तुमने अपना मन बना लिया है और तुम यही समझती हो कि मैं तुम्हारे साथ भी वही कुछ करूंगा जो मेरी बहन के साथ किया गया है तुम मुझसे ऐसी उम्मीद मत रखना मैं औरत की इज्जत करना जानता हूं मैं तुम्हारे साथ कभी कुछ गलत नहीं करूंगा मुझे अपने पति के मुंह से यह सारी बातें सुनकर बहुत अच्छा लगा था उस दिन का दिन है और आज का दिन है मेरे भैया मेरी मम्मी और पापा सभी का बिहेवियर भाभी की तरफ से बहुत अच्छा हो गया क्योंकि अब कभी भी वो भाभी से मुंह टेढ़ा करके भी बात करते थे तो मैं उनको बता दिया करती थी कि आज मेरे पति ने मुझ पर हाथ उठाया इस बात पर मेरी मम्मी पापा को एहसास हो जाता था कि हमने किसी की बेटी के साथ गलत किया तो शायद हमारी बेटी के साथ भी गलत होगा मैं अपने पेरेंट्स की लाडली बेटी थी इसलिए वह लोग नहीं चाहते थे कि मैं किसी भी तरह की तकलीफ झेल मम्मी पापा ने भाभी के साथ अच्छा बिहेवियर रखना शुरू कर दिया पापा ने भाभी से हाथ जोड़कर माफी मांग ली थी और उनसे कहा था कि मुझे माफ कर दो मैंने तुम्हारे साथ जो भी किया भगवान मुझे जीते जी उसकी सजा जरूर दे देगा मेरी भाभी ने मम्मी पापा को माफ कर दिया था भैया का भी शहर में ट्रीटमेंट चल रहा है और कुछ दिनों बाद गुड न्यूज़ मिली कि मेरी भा भी प्रेग्नेंट है मेरे माइक में अब सब कुछ बिल्कुल ठीक हो गया इधर मेरी ससुराल में भी सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है मैं बहुत खुश हूं कि मेरी भाभी अपनी ससुराल में एक अच्छी जिंदगी गुजार रही है मैं आप लोगों से यही रिक्वेस्ट करना चाहती हूं कि अपनी बहू को भी अपनी बेटियों की तरह समझे और उनकी तकलीफ को समझने की कोशिश करिए भगवान सब कुछ देख रहा है जैसा आप किसी की बेटी के साथ करते हो ऐसा आपकी बेटी के साथ भी हो सकता है इसलिए भगवान से डरिए और बहू को अपनी बेटी की तरह समझिए दोस्तों उम्मीद करती हूं आपको हमारी कहानी पसंद आई होगी कहानी पसंद आई है तो वीडियो को लाइक करें चैनल पर नए हैं तो चैनल को सब्सक्राइब करें और हां नोटिफिकेशन बेल को जरूर दबाएं ताकि अगली अपडेट सबसे पहले आपको मिले

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