अनाथ बच्ची की होली _ holi Rang machine _ Hindi Stories _ Moral Stories _ Kahani _ Kahaniyan _ Jadui_transcript
है
होली का त्योहार आने वाला होता है और
मनोहर आजकल थोड़ा परेशान रहता था हमेशा
सोचता रहता था कि बच्चों का खर्चा ही बड़ी
मुश्किल से चल पा रहा है ऐसे मीट होली का
त्योहार कैसे बनवाओ महामारी की वजह से
मनोहर की दुकान पर काम कम हो गया था कम
होने से परेशान रहता मनोहर खुद भी जवान
हुआ उसे तभी सोच लिया था कि वह अपने जैसे
और बच्चों को कुछ बनाए ताकि उन्हें अपने
जीवन में कोई दिक्कत न हो इसलिए उसने
उस अनाथ आश्रम में मनोहर के अंदर छोटे
बच्चे थे और मनोहर सब बच्चों से बहुत
प्यार करता हूं बहुत प्यार करते थे जब तक
मनोहर
मनोहर का इंतजार करते और हमेशा मनोहर के
साथ ही
जल्दी-जल्दी खत्म करो भैया आने वाले हैं
फिर हम सब
कुछ भी नहीं है
मैं तुझे कुछ नहीं आता तो चुपचाप बैठ जा
जब तक भैया आते हैं रवि चेतन अक्षय और
रानी यह चालू आश्रम में बड़े थे और चारों
मिलकर बच्चों को संभालते और वहां का काम
करते हैं मनोहर छुट्टी का दिन बच्चों के
साथ खूब इंजॉय करता बच्चों और छुट्टियां
तो हम सब लोग पार्क में चलेंगे और आप सारे
बच्चे पार्क में खेलेंगे दया मैं बॉईल कर
जाऊंगी आज मेरे साथ बॉईल से खेलना मेरी
प्यारी सी गुड़िया ले आना तब बच्चों को
लेकर मनोहर पारीक में चला जाता है अगले
हफ्ते है तो चारों तरफ लोगों पर होली का
खुमार चढ़ा
अगले हफ्ते होली होली पर हम लोग बहुत खुश
करने वाले हैं तो आप हमें सामान कब जाओगे
कोशिश कर रहा हूं कि
मुझे पता है ज्यादा अच्छी नहीं है आप हम
लोगों की पढ़ाई का खर्चा और हो भी तो साल
में एक बार आती है अच्छा ऐसा करो तुम सब
बच्चों से पूछा कि क्या सोचते हैं है
इसलिए खेलने पर ध्यान दो मंजूर जानता था
कि बच्चों के पेपर भी शुरू होने वाले हैं
और अगली क्लास के लिए उसे पैसों की भी
जरूरत है ऐसे में इस तरह के खर्चों के बजट
को बिगाड़ फिर किसी दुकान पर जाकर पता
करूंगा कि कितना खर्चा
[संगीत]
और फिर वह बच्चों के साथ खेलने लग जाता है
और
पिचकारी और रंग
पिचकारी चाहिए आपको
पता चल रहा था कि कितना खर्चा हो
तो मत करो कि दुकान से बाहर
से आवाज
सुनी
थी और
आपने पूछा नहीं तो मैं
आपके पास इतने पैसे नहीं थे कि कि आप उसे
ले सको मेरे 15 बच्चे हैं और सबको होली
मनाने 15 बच्चे जब आपको पता था कि आप इतने
बच्चों को पाल नहीं सकते तो पैदा क्योंकि
वह मेरे साथ रहते
रहते
[संगीत]
तेरा नाम
[संगीत]
भी
अगर मैं कहूं तो बुरा तो नहीं मानोगे
बच्चों को कि
वह बच्चे बड़े होंगे और
आपको लगता है कि से कर पाओगे कोशिश को
दिक्कत न हो और आप सर्च
कर सकते हैं
अपने बच्चों से बिल्कुल फिर मोड को
ऑन करें
है और फिर को महिमा के साथ अनाथ आश्रम आ
जाता है तो बच्चों को
कौन है और कहां थे इतनी देर में कौन से
मिलने यह और आप लोगों से मिलने
बच्चे की
बच्चों से मिलकर बहुत खुश वह सब बच्चों को
लेकर बच्चे
बहुत प्यारे मुझे अच्छा लगा कि आज के टाइम
में कोई निस्वार्थ होकर इस तरह काम करता
है
इसलिए का दर्द समझ सकता हूं और के लिए काम
करना अच्छा लगता है कि बच्चों के लिए कुछ
करते लेकिन
बच्चों को आत्मनिर्भर
में बच्चे
बच्चे इतने बड़े काम कर सकते हैं
तो
उन्हें नौकरी नहीं है
मैं हूं कि हम उन बच्चों को कुछ ऐसी चीजें
बनाना सिखाएं जो लोग बनाएं और हम उन्हें
मार्किट में बैठें अब होली के रंगों को ले
लो यह रंग हम प्राकृतिक तरीके से भी बना
सकते हैं और इसके बारे में हमें बच्चों को
जागरूक करना होगा कि ऋतिक तरीके से मतलब
हम फूलों और पत्तों से कलर बनाएंगे और वह
कैसे बनेंगे तो कलर बनाने में बच्चों को
सिखा दूंगी हम स्कूल में सीखा था मनोहर और
महिमा होली को लेकर बातें करते हैं फिर
मैं
बच्चों से मिलने आउंगी और अपने साथ बहुत
सारे पत्ते लेकर आऊंगी फिर उनका महत्व
समझाकर होली के रंग बनाऊंगी यह तो मैं समझ
गया मिल जाएंगे लेकिन इतने सारे फूल और
उन
फूलों को बेकार कुछ दोस्तों के साथ मिलकर
करवा कर लिया फिर हम उन फूलों को सुखाकर
कलर
बहुत इंटेलिजेंट और मुस्कुराकर कलियुग
अगले दिन में अपने साथ दोस्तों को लेकर
आती है उनके पास में बहुत सारी फल होते
हैं इन बच्चों से मिलो यह सब बहुत प्यारे
और इंटेलिजेंट बच्चे हम सब बच्चे कितने
क्यूट लग रहे सारे बच्चे से मिलते हैं और
बातें करते हैं बच्चों को हम यह
नियुक्ति
को पीसकर होली के रंग हमारी स्किन के लिए
भी अच्छे होते हैं और किसी को नुकसान भी
पहुंचा
अब स्कूल
में बच्चों को हैंडीक्राफ्ट के
हम लोग मार्किट में और उसे जो कि वह
बच्चों को जिससे बच्चे अभी से ही
आत्मनिर्भर होकर अपनी पढ़ाई करें
पिचकारी चाहिए
और उसके दोस्त और सब घर में
सब फूल सूख जाते हैं
दूसरों को पीसकर बच्चों को देते हैं और
बोलते हैं यह लोग तुम्हारी होली के रंग
तैयार हो गए और सब्सक्राइब
अगले दिन
बच्चे
सोने की
पिचकारी
जैसी दरवाजा खोल उसके दोस्त रंग बोलते हैं
लिए मनोहर बाहर आ जाता और सब को हैप्पी
होली
सब लोग बच्चों को
अगर हम बच्चों के लिए पकौड़े और
पिचकारियां
बच्चों को
इसकी क्या जरूरत थी जरूरत ही नहीं बच्चों
की खुशी उनके चेहरे पर मुस्कान थी इसलिए
यह सारी चीजें बच्चों और उनके चेहरे की
खुशी को महसूस करो फिर अक्षय रवि रानी ही
बच्चों को
एक-दूसरे पर रंग डालते हैं और अधिकारी से
पानी डालते हैं यह सब देखकर महिमा मनोहर
और उसके साथ दोस्त बड़े खुश होते हैं और
इस तरह उन्नत बच्चों की हंसी खुशी मंत्री
मनोहर होली तो बहुत अच्छी और हम सब की भी
बहुत अच्छी सब तुम्हारी वजह से ही अब हम
बच्चों को आत्मनिर्भर बनने की
आने वाली सभी खुशियों से भरी हो
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