[संगीत]
जेठानी का आईफो एक गृहस्थ औरत के लिए पूरे
दिन का काम उतना भारी नहीं होता जितना
सुबह-सुबह का होता है और इससे तो आप सभी
औरतें अच्छी तरह वाकिफ होंगे उठते ही अपने
बच्चों को उठाना पति को उठाना बच्चों को
स्कूल भेजना पति का टिफिन बनाना और सास
ससुर का नाश्ता बनाना और इतने सबके बाद
कोई खुद का ख्याल रखे भी तो कैसे आधे बाल
हवा में और आधे बिखरे इसी हालत में थकी
हुई सलोनी हड़ बढ़ाती हुई रसोई का काम कर
रही थी और तभी उसकी देवरानी नेहा वहां आती
है और सलोनी को देखते ही कमेंट करती है
क्या बात है भाभी कहीं बाहर जा रही हो
क्या अरे मेरी किस्मत में कहां है बाहर
जाना सुबह से तो घर के कामकाज में लगी हुई
हूं कितना काम पड़ा है तो फिर आप इतना चमक
कैसे रही हो सच में क्या इतना सब करने के
बाद कंघी तक करने का वक्त नहीं मिल पाता
मुझे और इसके बाद अगर चमक रही हो तब तो ये
कुदरत की मेहर ही है वही तू बताओ अभी तो
सही से गर्मी आई भी नहीं और पसीने की चमक
साफसाफ आपके चेहरे पर दिखाई दे रही है ये
कुदरत का करिश्मा नहीं तो और क्या है मजाक
करवा ले कोई तुझसे बस यह नहीं कि मेरा काम
में हाथ बटा दे कुदरत का करिश्मा धरती पर
उता रही है अरे भाभी अब तो नाराज हो गई
लाइए मैं अभी खाना खाकर आपका काम हल्का कर
देती
हूं और कुछ ऐसी थी नेहा और सलोनी की
ट्यूनिंग नेहा और सलोनी मिश्रा परिवार की
बहुएं थी एक दोपहर में जब दोनों आराम से
अपने-अपने कमरे में सो रही थी उन्हें
अचानक ही अपनी सांस विमला की चीख सुनाई
देती
है ये क्या हुआ हे भगवान अब क्या होगा
इतना बड़ा
नुकसान अपनी सास की चीख सुनकर सलोनी की
नींद खुल जाती है वह हड़बड़ा जाती
है हे भगवान कहीं कोई बड़ी बात ना हो गई
हो हे मेरे कुल देवता हमारी रक्षा करना
मैं आपको 01 का प्रसाद चढ़ाऊ यह कहकर सीधा
सलोनी भागती हुई अपनी सास के कमरे में
जाती है मम्मी जी इतना क्यों चिख रही है
लगता है उनके गले में खराश हुई है जाकर
देखती हूं दोनों बहुएं जैसे ही अपनी सास
के कमरे में पहुंचती हैं देखती हैं कि
उनकी सास अपनी अलमारी खोलकर चारों तरफ
साड़ियां बिखेर कर जमीन पर बैठी हुई है
कहीं कोई गहनों की हेराफेरी तो नहीं हो गई
हे भगवान बोलिए ना मम्मी जी इतनी जोर से
क्यों चखी आप चिल्लाऊंगा
बहू पहले पूरा घर सफा कर लेती थी और पता
भी नहीं चलता था और अभी अलमारी के बस एक
रक की सफाई भर से कंधे में दर्द आ गया
बताओ बड़ा खराब है यह बुढ़ापा ऊपर से
साड़ी को देख यह पड़ी पड़ी कैसे फट गई अब
मैं क्या करूं खुद से हो नहीं पाएगा और
इतना बड़ा काम किसी और को सौंपने में भी
सोचना पड़ता है कौन ले पाएगा मेरे अलमारी
को साफ करने की
जिम्मेदारी एक तो सलोनी अपनी देवरानी के
मजाक से परेशान थी ऊपर से अब सास की ऐसी
बातें यह तो बड़ी जिम्मेदारी का काम है
मम्मी
जी आपको जो उसके लिए सही लगे आप उसी को यह
काम दे दीजिए इतनी बड़ी जिम्मेदारी के लिए
मुझे तो तू ही सही लगती है बहू इस घर की
बड़ी बहू जो
है यह भी मुझे करना है पर यह तो बहुत बड़ा
काम है मम्मी जी मैं कैसे कर पाऊंगी अब
ऐसा तो नहीं कि मैं बिल्कुल तुझ पर काम
छोड़कर बैठ जाऊंगी मैं थोड़ा बहुत हाथ बटा
दूंगी बहू चल अब मैं आराम कर लेती हूं कुछ
देर बाद तू करना मेरी अलमारी सजा
देना बेचारी सलोनी फिर से फंस जाती है और
इतनी बड़ी बात हो जाने के बाद नेहा कहां
सलोनी को छेड़ने का मौका छोड़ने वाली थी
वो तो पूरे दिन अपनी जिठानी के पीछे घूमती
एक ही बात कहती जाती है बहुत बड़ा काम
मिला है भाभी आपको आप बड़ी जो है आज समझ
में नहीं आ रहा खाने में क्या बनाऊं रोज
ये आलू मटर आलू मटर खा खाकर मेरा तो मन उप
गया है दोपहर में बड़ी की सब्जी बना लो ना
भाभी फिर आप भी बड़ी और सब्जी भी
बड़ी रात को ऑफिस से पुनीत और प्रेम घर
लौटते हैं तुम दोनों अंदर हो तो दरवाजे के
बाहर कौन खड़ी
है खड़ी नहीं होगी भैया बड़ी
होंगी क्या आज इस छुटकी को क्या हो गया
हस्ती जा रही है बॉक ला गई है सुबह से इसी
तरह छोटा बड़ा और पता नहीं क्याक कहकर खुद
में ही हसती जा रही है और प्रेम हाथ मुंह
धो लीजिए मैं खाना लगाती हूं और उसके बाद
बताती हूं आप दोनों को नेहा की करतूत नेहा
को घर पर इसी तरह बहुत प्यार मिलता था
चाहे वह किसी से भी मजाक करें और इसी तरह
हंसी मजाक में रात कट जाती है और अगली
सुबह घर पर आता है एक पार्सल नेहा भागते
हुए उस पार्सल को लेने जाती है पर सलोनी
उसे रोक लेती है पार्सल मेरा है चाकर भी
तुम उसकी पेमेंट नहीं कर पाओगी निहा इसलिए
रहने दो क्या है पार्सल में भाभी आपने ने
तो मुझे बताया भी नहीं कि आप कुछ मंगवा
रही है इतनी पराई हो गई हूं क्या मैं अरे
यार मैंने किस रंग का एक्सपेक्ट किया था
और यह क्या आ गया छोड़ो i तो i है यह
सुनते ही जैसे ही नेहा अपनी जेठानी के हाथ
में i देखती है उसका सारा हंसी मजाक
छूमंतर हो जाता है आया आया आए आई लव यू टू
देवरानी जी नहीं नहीं नहीं नहीं मेरा मतलब
है भाभी i खरीदा आपने इसमें तो बहुत अच्छी
फोटोज आते हैं हां तो मैं बड़ी जो हूं तो
बड़ी महंगी चीजें भी तो रखनी पड़ेगी ना और
क्या था जो नेहा दिन भर अपनी जिठानी को
चढ़ाती थी आज वही जिठानी अपना नया फोन
दिखा दिखा कर नेहा को चिढ़ा रही थी अपने
हॉल में बैठी हुई सलोनी अपने नए आईफो से
सेल्फी ले रही थी तभी वहां नेहा आती है
मेरी प्यारी भाभी मेरी सुंदर भाभी आप
क्यों सेल्फी ले रही है दिखाइए ना फोन
मुझे दीजिए ना मैं आपकी अच्छे से फोटो ले
लेती हूं फिर वैसे ही आप आप मेरी फोटो ले
लीजिएगा मैंने ना एक नई ड्रेस खरीदी है
हमारे घर में किसी के फोन का कैमरा इतना
अच्छा नहीं है तो पोस्ट करने लायक फोटो भी
नहीं आ पा रही थी बट नाउ वी हैव
आईफो फोन का क्या है मैं तुझे भी नया आईफो
दिला द पर वो क्या है ना बड़ी तो मैं हूं
ना तू ठहर छोटी अब तू मेरी फोटो लेने के
लिए फोन पकड़े गी और तेरे छोटे-छोटे हाथों
से मेरा फोन गिर गया तो नुकसान तो मेरा हो
जाएगा ये आप क्या बोल रही हैं भाभी मैं
कोई इतनी भी छोटी थोड़ी ना हं जो फोन गिरा
दूंगी अच्छा फिलहाल तू जा मुझे डिस्टर्ब
मत कर मुझे अपने नए आईफो के फंक्शंस को भी
तो देखना है अब क्या था सलोनी हर वक्त
अपनी देवरानी के आगे घूमती हुई अपना फोन
चमका रहती नेहा किचन में काम कर रही थी
तभी पीछे से कमेंट करते हुए सलोनी कहती है
बड़े होने का भी अपना अलग फायदा है भाई
अलग ही फायदा है हाथ में आई लेकर घूमू टस
ही बदल जाता है अपने पास आईफो की कमी
महसूस करती हुई निहा उदास होकर हॉल में
बैठ जाती है तभी अपने फोन का चार्जर
ढूंढते हुए सलोनी हॉल में आती है क्या
ढूंढ रही हो भाभी अरे यार नेहा मेरे नए
आईफो का चार्जर नहीं मिल रहा छोड़ तू अपना
चार्जर दे तो उसी से चार्ज कर लूंगी अरे
मैं भी क्या कुछ भी बोल रही हूं मैं तो
भूल ही गई तेरे पास तो वो 10 12 हज वाला
फोन होगा ना मेरे आई में उसका चार्जर
लगेगा ही नहीं वैसे पता है साथ में
आईपॉड्स भी फ्री मिले है बस अब बहुत हुआ
अब तो मैं भी एक आईफो लेकर ही रहूंगी और
रात को प्रेम के आते ही उसे कमरे में ले
जाकर नेहा उससे आईफो मंगवाने की जिद्द
करने लगती है अरे नेहा ऑफिस से आकर मैं
खड़ा भी नहीं हुआ कि तुम i आईफो करने लगी
अभी-अभी तो तुमने नए कपड़े लिए थे और
घूमने भी गई थी उसमें भी तो खर्चा हुआ है
ना और भाभी कहां कुछ खरीदती है और भैया की
सैलरी और मेरी सैलरी में फर्क भी तो है
कहां से दिलाऊंगा
मुझे नहीं पता मुझे एक आईफोन चाहिए ठीक है
फिर उसके लिए किसी की किडनी बेचनी पड़ेगी
अब देखो कौन देता है किडनी किडनी बेचनी
पड़ेगी
मतलब भाभी ने किसी की किडनी बेची होगी
क्या नहीं भाभी ने तो अपनी आधी किडनी बेची
है अपनी सारी साड़ियां इतने में पैसे जमा
हो गए थे ठीक है मैं आई ऑर्डर करता हूं
तुम साड़ियां निकालो और तैयार रहो यह
सुनते ही नेहा फूट फूट कर रोने लगती है
तभी उसके कमरे के अंदर आते हैं स और पुनीत
अरे बाबा रो मत यह ले रख ले मेरा
आईफो यह क्या सलोनी नेहा को अपना आईफो दे
देती है पर यह तो आई का कवर है भाभी तो
मैंने कौन सा आईफो मंगवाया था मैंने तो
कवर ही मंगवाया था तो आपने पूरा दिन मुझे
क्यों चढ़ाया भाभी मैं कितना परेशान हो गई
थी मुझे कुछ मत बोल यह आईडिया तेरे भैया
का था जो पिछले कुछ दिनों से तू बड़ी बड़ी
करके अपनी ठानी को परेशान कर रही थी तो
मैंने भी सोचा क्यों ना तुझे छोटे होने के
नुकसान से वाकिफ करवाया जाए इसीलिए मैंने
ही सलोनी को यह आईडिया दिया था य कैसा लगा
जोर का तभी अचानक से सभी को विमला की खनी
की आवाज सुनाई देती है सब भागते हुए विमला
के कमरे में जाते हैं और क्या देखते हैं
क्या हुआ मम्मी तुम ठीक तो हो अरे क्या
ठीक आजकल सामान की कोई कीमत रह गई है क्या
0 में लाई थी हवाई चप्पल बताओ पैर डालते
टूट गई मेरे जमाने की च पले तो सालों साल
चलती थी पहनने वाला खत्म हो जाता था पर
चप्पल वैसी की वैसी रहती थी इस घर में
किसी का कुछ नहीं हो सकता आपकी असली बहू
तो नेहा ही है मम्मी
जी मीनाक्षी दिल्ली छ में पली बड़ी मिडिल
क्लास फैमिली की लड़की होती है पर उसके
सपने और समझदारी बड़े-बड़े दिग्गजों को
कंपटीशन देने वाले होते हैं कॉलेज कंप्लीट
करके मीनाक्षी एमएनसी कंपनी में जॉब करने
लगती है
जहां उसकी मुलाकात अभिषेक से होती है और
कुछ समय बाद दोनों शादी कर लेते हैं यह
चांदनी चौक की छोटी गलियों वाली लड़की और
हम साउथ दिल्ली में रहने वाले शहर के
बड़े-बड़े लोगों और मिनिस्टर्स के साथ
लिंक रखने वाले लोग आखिर तुमने इन दोनों
का मेल सोच भी कैसे लिया मुझे तुमसे यह
उम्मीद नहीं थी अभिषेक जब जिंदगी इन दोनों
को साथ निभानी है तो हम और आप होते कौन है
डिसीजन पर शक करने वाले उल्टा आपको तो खुश
होना चाहिए आपके बेटे की पसंद है इतनी
अच्छी अरे मेरे बेटे की नहीं अपनी बहू की
पसंद बोलो पक्का उसी ने मेरे शरीफ बेटे को
फंसाया होगा मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब
क्या करने लगी लालच आसमान छूने लगा पापा
क्या आपको खुद भी सुनाई दे रहा है कि क्या
बोल रहे हैं आप आखिर आपको मीनाक्षी से
इतनी प्रॉब्लम क्या है इसी के साथ दोनों
बाप बेटे के बीच बहस छेड़ने ही वाली होती
है कि मीनाक्षी अभिषेक को शांत करते हुए
चुप करा लेती है अभिषेक प्लीज तुम मेरी
वजह से अपने पापा से ऐसे बात मत करो एंड
पापा जी मेरे मन में ऐसा कोई लालच नहीं है
मैं बस अपनी लाइफ अभिषेक के साथ खुशी-खुशी
बिताना चाहती हूं तुम्हारी बाप बेटे के
बीच में बोलने की हिम्मत कैसे हुई डोंट यू
डेर टू डू दैट
अगेन ससुर की बात सुन मीनाक्षी चुपचाप
वहां से चली जाती है जिसके पीछे अभिषेक भी
चला जाता है इसी तरह रोज किसी ना किसी बात
पर ससुर बहू और बेटे के बीच कहा सुनी के
साथ दिन गुजरने लगते हैं एक दो घर की सफाई
करते हुए नौकर कुछ सामान लेकर आते हैं
साहब इन सबका क्या करना है थक दो नहीं
नहीं सब कुछ कितना सही है बिल्कुल नए जैसा
फिर फेंकना क्यों यह तुम्हारा दिल्ली छ का
पुराना घर नहीं हमारा बंगला है यहां हर
साल रिनोवेशन होती है और पुरानी चीजें बदल
दी जाती है पर पापा जी ऐसे सामान फेंक
देना तो वेस्टेज ऑफ मनी ही है ना मैं कुछ
जुगाड़ के साथ इन्हें दोबारा नया बना सकती
हूं
इस पर ससुर को गुस्सा आ जाता है और सास
मीनाक्षी को समझाने लगती है पर वह किसी की
सुने बिना सामान अपने कमरे में रखवा देती
है और कुछ दिनों बाद उसी पुराने सामान पर
अपने डीआई वाई का जादू चलाकर घर में सजा
देती है जिस पर रात को ऑफिस से घर वापस आए
ससुर जी की नजर पड़ती है वाओ यह कौन लेकर
आया मीनाक्षी आपके कबाड़ वाले सामान से
लेकर आई है बहू का नाम सुनते ही ससुर तिल
मिलाकर आ कुछ बोले बिना अपने कमरे में चला
जाता है जिसे देख धीरे-धीरे मुस्कुराते
हुए सास भी वहां से चली जाती है अब समय के
साथ मीनाक्षी कोई ना कोई ऐसा काम करती ही
रहती है जिससे ससुर शौक तो होता है लेकिन
साथ ही अक्कड़ कभी नहीं छोड़ता वैसे जो भी
कहो तुम अपने ससुर को पूरी टक्कर दे रही
हो मुझे तो तुम दोनों को देखने में बड़ा
मजा आता
है पर मम्मी जी मैं कुछ भी जानबूझकर नहीं
करती मुझे भी पापा जी जी को जवाब देना या
कुछ बोलना पसंद नहीं लेकिन मजबूर हूं गलत
चीज देख नहीं सकती ना अरे सही है उनकी मेल
और पैसे वाली ईगो को तोड़ना बहुत जरूरी है
उसी रात सब साथ बैठकर डिनर कर रहे होते
हैं जहां मीनाक्षी अपने प्रमोशन के बारे
में बताती है जिसे सुन एक तरफ सब खुश हो
रहे होते हैं वहीं ससुर के चेहरे की
हवाइयां उड़ जाती है मतलब अब मेरा बेटा
तुम्हारा एंप्लॉई बनकर काम करेगा नहीं
पापा जी हमारे डिपार्टमेंट्स अलग-अलग हैं
पर तुम रहोगी तो फिर भी उसकी सीनियर ही ना
अरे कैसा आदमी है बीवी सीनियर बन गई और तू
पार्टी कर रहा है उस जगह तुझे होना चाहिए
था बेवकूफ पापा आप यह कैसी बात कर रहे हो
मीनाक्षी ने यह जगह अपनी मेहनत से पाई है
और उस पोजीशन पर उसी का हक बनता है मेरा
नहीं कौन किस तरह किसका हक छीनने की कोशिश
कर रहा है मुझे साफ दिख रहा है बहुत हो गई
जॉब कल से तुम हमारा बिजनेस जॉइन कर रहे
हो अभिषेक आगे कुछ बोले ने ही वाला होता
है कि मीनाक्षी उसका हाथ पकड़ उसे चुप करा
देती है और अगले दिन से अभिषेक बिजनेस
जॉइन कर लेता है जिसमें धीरे-धीरे उसका
अच्छा काम देखकर पापा भी बहुत खुश हो जाते
हैं मुझे तो पता ही था कि मेरा बेटा बड़े
कामों के लिए बना है अब किसी से दप कर या
किसी का हुकम मानकर काम करने की कोई जरूरत
नहीं अपने पापा की खुशी देखकर अभिषेक उनके
साथ बिजनेस में काम करना कंटिन्यू रखता है
जिसमें मीनाक्षी भी उसका पूरा सपोर्ट करती
है इसी तरह कुछ महीनों तक तो सब कुछ
बढ़िया चलता रहता है लेकिन एक बार ऑफिस के
काम से मीनाक्षी को कुछ दिनों के लिए आउट
ऑफ टाउन जाना पड़ता है साथ संभालने की बात
हुई थी ना फिर अकेले छोड़कर क्यों जा रही
हो कुछ ही दिनों की तो बात है मुझे पता है
तुम संभाल लोगी मीनाक्षी तो वहां से चली
जाती है पर उसके जाने के अगले दिन ही
बिजनेस में गड़बड़ हो जाती है और कंपनी का
बड़ा लॉस हो जाता है यह सब क्या है अभिषेक
इतनी बड़ी लापरवाही पता है तुम्हारी वजह
से मुझे कितना बड़ा लॉस हुआ है हद हो गई
है बिल्कुल आखिर फाइल चेक करते हुए
तुम्हारा ध्यान कहां
था पापा वो मैं मीनाक्षी मुझे पहले ही समझ
जाना चाहिए था वो लड़की मुझे बर्बाद करके
ही मानेगी पापा आप कभी किसी की बात पूरी
क्यों नहीं सुनते मुझे बिजनेस में कोई
इंटरेस्ट नहीं होने पर भी सिर्फ आपकी खुशी
के लिए मीनाक्षी ने मुझे जॉइन करने के लिए
मनाया मुझे बिजनेस का बी भी नहीं पता होने
पर रात रात भर जागकर आपके बिजनेस को सही
रखने के लिए उसने सारा काम किया मुझे सारी
चीजें समझाना जिससे काम में कोई गलती ना
हो यह सब किया है मीनाक्षी ने और आज भी
मैंने फाइल के बारे में पूछने के लिए ही
उसके पास कॉल किया था पर उसने उठाया नहीं
और मैंने हड़बड़ी में सिग्नेचर कर दिए
पापा आपका बिजनेस बेटा नहीं बहू चला रही
थी अभिषेक की बात सुन उसके पापा बस हैरान
खड़े रह जाते हैं अब अभिषेक अपनी लव
स्टोरी से लेकर शादी के बाद हुए सारे
कामों के बारे में अपने पापा को बताता है
जिससे जानकर ससुर को एहसास होता है कि वह
आज तक मीनाक्षी को कितना गलत समझ रहे थे
अगले ही दिन मीनाक्षी भी घर वापस आ जाती
है इस बार ससुर अपनी बहू का बड़े प्यार के
साथ घर में स्वागत करते हैं सॉरी बेटी
मैंने तुम्हें हमेशा जज किया और तुम्हारी
हर खूबी को नजरअंदाज करता गया पर अब क्या
तुम हमारा बिजनेस जॉइन करोगी यह नालायक तो
अपनी कार्टून की जॉब में ही ठीक है पापा
वो ग्राफिक्स
है
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